13 Sep ज्ञानवापी मस्जिद मामला।
ज्ञानवापी मस्जिद केस।
संदर्भ- बहुचर्चित ज्ञानवापी केस में जहाँ पाँच महिलाएँ मस्जिद में प्रार्थना के लिए याचिका दायर की है, कोर्ट ने इस याचिका को न्यायालय मे चलने योग्य घोषित किया है।
ज्ञानवापी केस- 18 अगस्त 2021 को ज्ञानवापी मस्जिद के पास कुछ महिलाओं द्वारा नियमित गौरी दर्शन व पूजन का मामला वाराणसी की अदालत में दर्ज किया गया था। चूंंकि यहां पूजा की अनुमति वर्ष में केवल एक बार होती है। इसके खिलाफ वकील अंजुमन इंतजाम सुप्रीम कोर्ट तक गए थे। तत्कालीन सिविल जज रविकिशन ने कोर्ट कमिशन नियुक्त कर ज्ञानवापी के सर्वे कराने के निर्देश दिए थे। 16 मई 2022 को सर्वे की कार्यवाही के बाद से यह मामला लगातार चर्चा में है। 13 सितम्बर को 2022 को कोर्ट ने इस मामले को न्यायालय में चलने योग्य है।
याचिका पक्ष के दावे-
- 1993 से पहले तक मस्जिद के कुछ हिस्सों में हिंदू रीति रिवाजों के अनुसार पूजा होती थी।
- ज्ञानवापी मस्जिद का पूरा ढांचा मंदिर को तोड़कर बनाया गया है।
- पुरातत्वीय या प्राचीन स्मारक या अवशेष अधिनियम 1958 के तहत आने वाले स्मारक के लिए उपासना स्थल अधिनियम 1991 लागू नहीं होगा।
विपक्ष के दावे-
- 1947 के बाद किसी धार्मिक स्थल को नहीं बदला जा सकता।
- उपासना स्थल कानून 1991 के तहत कमीशन की कार्यवाही गलत है।
उपासना स्थल अधिनियम – 1991
- उपासना स्थल अधिनियम 1991, कश्मीर को छोड़कर सम्पूर्ण भारत के लिए लागू।
- इसके अनुसार कोई भी व्यक्ति किसी धार्मिक सम्प्रदाय के या उसके किसी अनुभाग के प्रार्थना स्थल का उसी अनुभाग के भिन्न सम्प्रदाय के या किसी भिन्न धार्मिक सम्प्रदाय के या उसके किसी अनुभाग के उपासना स्थल में परिवर्तन नहीं करेगा।
- 15 अगस्त 1947 के दिन विद्यमान उपासना स्थलों का धार्मिक स्वरूप वैैसे ही रहेगा जैसे वह उस दिन था।
- पुरातत्वीय या प्राचीन स्मारक या अवशेषों की स्थिति में उपासना स्थल अधिनियम लागू नहीं होगा।
वर्तमान में न्यायालय ने कहा कि यह मामला मौलिक अधिकार के नागरिक व धार्मिक अधिकार के रूप में केवल पूजा के अधिकार को लेकर है अतः उपासना स्थल अधिनियम 1991 इस केस में काम नहीं करता है। मिसाल के तौर पर इस केस को रखने पर भारत के कई स्थलों पर ऐसे विवाद देखने को मिल सकते हैं।
स्रोत
https://www.amarujala.com/
https://www.firstpost.com/explainers/the-famous-five-the-hindu-women-petitioners-fighting-to-pray-at-the-gyanvapi-mosque-11240611.html
http://archaeology.mp.gov.in/portals/0/4.pdf
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