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बिहार लोक सेवा आयोग परीक्षा

सदंर्भ सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले अभ्यर्थी के लिए राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाएं भी उतनी ही महत्वपर्णू होती है जितनी सघं लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाएँ। बिहार लोक सेवा आयोग व यूपीएससी की प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा में सूक्षम अतंर होता है। यूपीएससी की परीक्षा व पाठ्यक्रम का स्तर बीपीएससी की परीक्षा से विशाल होने के कारण यूपीएससी की तैयारी करने वालेअभ्यर्थी के बीपीएससी परीक्षा में सफल होनेके आसार बढ़ जातेहैं।

बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाएं

● बिहार लोक सेवा आयोग राज्य की सरकारी, अर्ध सरकारी, न्यायिक व अन्य अधीनस्थ सेवाओं का आयोजन करता है। जिसका  मुख्यालय पटना में है।
● बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजि त परीक्षाओं में पीसीएस की परीक्षा, सर्वाधिक लोकप्रिय है। यह परीक्षा एक या दो वर्ष के अतंराल में होती है।
● वर्तमान मेंआयोजित परीक्षा 65वी संयुक्त परीक्षा हैं जिसमें प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा को शामिल किया जाएगा।
● बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी अधिसचूना के अनुसार बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जानेवाली संयुक्त परीक्षा के निमित्त बिहार असैनिक सेवा (कार्यपालिका का शाखा) व बिहार कनीय सेवा(भर्ती ) नियमावली 1951 के अंतर्गत परीक्षाओं की परीक्षा सरंचना में परिवर्तन किया गया है। जिसका विवरण दिया जा रहा है।

परीक्षा की प्रकृति-

बीपीएससी द्वारा आयोजित पीसीएस परीक्षा के तीन स्तर होते हैं

● प्रारंभिक परीक्षा – वस्तुनिष्ठ प्रश्न ● मुख्य परीक्षा – वर्णात्मक प्रश्न ● साक्षात्कार – मौखिक प्रश्न

प्रारंभिक परीक्षा की प्रक्रिया-

● आयोग द्वारा वि ज्ञप्ति जारी करनेके बाद ऑनलाइन आवेदन फॉर्म जारी किए जातेहैं। फॉर्म में दी गई समस्त जानकारी विज्ञप्ति में दी गई होती है।
● फॉर्म भर ने के 3-4 माह के बाद प्रारंभिक परीक्षा का आयोजित की जाती है।
● प्रारंभिक परीक्षा के प्रश्न वस्तनिुनिष्ठ प्रकार के होते हैं। जिसके संभावित उत्तर विकल्प के रूप में दिए होते हैं, दिए गए विकल्पों में से एक विकल्प का चयन करना होता है।
● चयनित विकल्प को आयोग द्वारा जारी किए गए ओएमआर सीट में दिए गए गोलों में से उत्तर विकल्प के समक्ष गोले को सावधानी पूर्वक चयन कर काले या नीले बॉस पॉइंट पेन से भरा जाता है।
● अभ्यर्थी एक सेअधिक उत्तर गोलों को मार्क करता है तो उसके उत्तर को गलत माना जाता है।
● वर्तमान में आयोग की इस प्रारंभिक परीक्षा में केवल एक प्रश्न पत्र होता है जो सामान्य अध्ययन के प्रश्न पूछे जाते हैं। 150 अंकों व 150 प्रश्नों  वाले इस प्रश्न पत्र को हल करने के लिए  2 घण्टों की समय सीमा निर्धारित की जाती है।
● इस परीक्षा मे उत्तीर्ण होने के लिए औसतन 60-70% अंकों की आवश्यकता होती है। जो परीक्षा प्रश्नों के स्तर के अनुरूप घट बढ़ सकता है।
● इस परीक्षा में गलत उत्तर के लिए कोई भी नेगेटिव मार्किंग नहीं है।
● प्रश्न पत्र हिंदी व अंग्रेज़ी भाषाओं में दिये गए होते हैं, प्रश्न  संबंधित किसी विवाद के समय अंग्रेज़ी भाषा में दिए प्रश्नों को प्राथमिकता दी जाएगी।

● प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण होना आवश्यक होता है कितु इस परीक्षा के अंकों को मुख्य परीक्षा व साक्षात्कार के साथ वरीयता नहीं दी जाती है।

प्रारंभिक परीक्षा में परिवर्तन-

● प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले अभ्यर्थियों की संख्या में परिवर्तन किया गया है। पहले यह प्रारंभिक परीक्षा में बठै ने वाले अभ्यर्थियों की संख्या का 10% था, अब रिक्त पदों की संख्या के 10 गुणा अभ्यर्थियों को ही मुख्य परीक्षा में देने का अवसर प्राप्त हो पाएगा।
● परीक्षा के पाठ्यक्रम में कोई  परिवर्तन नहीं किया गया है।

मुख्य परीक्षा की प्रकिया

● प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थी ही इस परीक्षा को दे सकते हैं। इस परीक्षा का आयोजन पटना में आयोग द्वारा निर्धारित केंद्रों में किया जाता है।
●  मुख्य परीक्षा के प्रश्नों की प्रवर्तित वर्णात्मक होती है। जिनका उत्तर आयोग द्वारा दी गई उत्तर पुस्तिका में दिया होता है।
● मुख्य परीक्षा के दो भाग होते हैं- अनिवार्य व वैकल्पिक :-
❖ अनिवार्य विषय – सामान्य हिन्दी, सामान्य अध्ययन प्रथम प्रश्नपत्र एवं सामान्य अध्ययन द्वितीय             प्रश्नपत्र। अनिवार्य विषयों में सामान्य हिन्दी क्वालिफाइंग होता है।
❖ वैकल्पिक विषय- आयोग द्ववारा दिए गए 34 विषयों में सेअभ्यर्थी को केवल एक विषय का चयन       करना होता है।

● मुख्य परीक्षा के प्रश्नो का स्तर पटना वि श्वविद्यालय के तीन वर्षीय ऑनर्स कोर्स की भांति ही होगा।
● मुख्य परीक्षा में चयन किए गए विषय को परिवर्तित नहीं किया जा सकेगा।
● पूर्वक में मुख्य परीक्षा का प्रश्न पत्र कुल 1200 अंकों का होता था, अब यह प्रश्नपत्र 900 अंकों का होता है। इसमें सामान्य हिंदी  के अंकों को सम्मिलित शामिल नहीं कि या गया है।
● मुख्य परीक्षा में किए गए संशोधन निम्न प्रकार है-

सामान्य हिंदी-

● 100 अंकों का क्वालि फाइंग प्रश्नपत्र,
● क्वालिफाइंग अकं -30%
● इसके अंकों को मेरिट लिस्ट में शामिल नहीं किया जाएगा।
सामान्य अध्ययन-

● सामान्य अध्ययन के दो प्रश्न पत्र होते हैं जो 300-300 अंकों के होते हैं। प्रत्येक की समय सीमा 3 घण्टे निर्धारित की जाती है। जो पूर्व में 200-200 अंकों के होतेथे।
● इन प्रश्न पत्रों के अकं मेधा सूची में जोड़े जाएंगे।
वैकल्पिक विषय-
● विज्ञप्ति में दिए गए विषयों में से केवल एक ही विषय का चुनाव करना होता है जो कुल 300 अकं का निर्धारित किया गया है, जिसकी समय सीमा 3 घण्टेकी होगी।
● पूर्व में दो वैकल्पिक विषयों का चुनाव करना होता था तथा उनके दो अलग अलग 200-200 अकं की परीक्षाएं आयोजित की जाती थी।

मुख्य बिंदु-

● मुख्य परीक्षा के उत्तर हिंदी,अंग्रेजी या उर्दू में लिखे जा सकते हैं। अन्य भाषा या लिपि के उत्तर मान्य नहीं है।
● उत्तर देने के क्रम में तकनीकि शब्दों को अंग्रेजी में लिखा जा सकता है।
● अभ्यर्थी उत्तर देनेके लि ए कि सी की भी सहायता नहीं ले सकता।
● सांख्यिकीय परीक्षा के प्रश्नों को हल करनेके लि ए कैलकुलेटर का प्रयोग मुख्य परीक्षा में किया जा सकता है किन्तु प्रारंभिक परीक्षा में इसका प्रयोग वर्जित है।
साक्षात्कार में बदलाव –
● साक्षात्कार कुल 120 अकं का होता हैजो पूर्व में 150 अकं का होता था।
साक्षात्कार की प्रक्रिय –
● मुख्य परीक्षा में चयनित अभ्यर्थी ही साक्षात्कार देसका है।
● मुख्य परीक्षा में चयन के बाद अभ्यर्थी को आयोग के समक्ष साक्षात्कार के लिए प्रस्ततु होना होता है।
● आयोग के चयनित सदस्यों द्वारा अभ्यर्थी का साक्षात्कार लिया जाता है जिसमें आयोग द्वारा चयनित स्थानों से प्रश्न पूछे जातेहैं।
● साक्षात्कार व मुक्त परीक्षा में प्राप्त अंकों से अतिं तिम मेधा सूची तैयार  की जाती है।
● एनसीसी प्रमाण पत्र युक्त अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में आरक्षी सेवा व उत्पाद निरीक्षक के पदोंं में वरीयता दी जाती है।

● साक्षात्कार देने वाले अभ्यर्थियों की सख्ंया पर समस्त अभ्यर्थियों के साक्षात्कार का कुल समय निर्भर करता है।
● परीक्षा में अंतिम रूप से चयनित अभ्यर्थियों की सूची संपूर्ण साक्षात्कार होने के एक सप्ताह के बाद ही प्रकाशित की जाती है।