अवस्फीति

अवस्फीति

सिलेबस: जीएस 3 / अर्थव्यवस्था

संदर्भ-

  • हाल ही में, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर कहा कि भारत में अवस्फीति (यानी मुद्रास्फीति की वृद्धि दर में गिरावट) की प्रक्रिया धीमी और लंबी होगी, जिसमें 4% मुद्रास्फीति लक्ष्य केवल मध्यम अवधि में पूरा होने की संभावना है।

अवस्फीति क्या है?

  • अवस्फीति मुद्रास्फीति की ही एक दशा है। अर्थात इसमें वस्तुओं एवं सेवाओं के मूल्य में बढ़ोतरी होती रहती है लेकिन मूल्य बढ़ने की दर में निरंतर कमी होती जाती है। इस तरह कहा जा सकता है की मुद्रास्फीति के दर में निरंतर कमी की दशा को अवस्फीति कहते है।
  • पिछले साल मुद्रास्फीति के चार दशकों में अपने उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बाद 2023 में अवस्फीति फिर से उभर के सामने आई है।

अवस्फीति के कारण-

  • सख्त मौद्रिक नीति: जब केंद्रीय बैंक तंग मुद्रा नीति का पालन करता है, तो यह अर्थव्यवस्था में धन की आपूर्ति को कम करता है, जिससे अवस्फीति प्रभाव होता है।
  • व्यापार चक्र में संकुचन या मंदी: भी अवस्फीति को ट्रिगर कर सकती है। उदाहरण के लिए, व्यवसाय अधिक बाजार हिस्सेदारी हासिल करने के लिए कीमतों में वृद्धि नहीं करने का विकल्प चुन सकते हैं जिससे अवस्फीति हो सकती है।
  • रोजगार और मजदूरी वृद्धि: ये लोगों की खरीद क्षमता को कम कर सकते हैं और इस प्रकार मूल्य वृद्धि को हतोत्साहित कर सकते हैं।

अवस्फीति के प्रभाव-

  • सकारात्मक प्रभाव: कीमतों में कमी उपभोक्ताओं के लिए अनुकूल है। इस प्रकार, यह उनके पैसे के मूल्य की रक्षा करता है और उन्हें अधिक बचत करने में सक्षम बनाता है।
  • अवस्फीति की एक स्वस्थ मात्रा आवश्यक है क्योंकि यह अर्थव्यवस्था को ओवरहीटिंग से रोकता है।
  • नकारात्मक प्रभाव: यदि अवस्फीति माध्यम से गंभीर आर्थिक मंदी के कारण होती है, तो यह अर्थव्यवस्था के लिए खतरनाक हो सकती है। इसलिए, अवस्फीति और अपस्फीति के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए निरंतर नियंत्रण और निगरानी की आवश्यकता होती है।

मुद्रास्फीति क्या है?

  • जब मांग और आपूर्ति में असंतुलन पैदा होता है तो वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें बढ़ जाती हैं। कीमतों में इस वृद्धि को मुद्रास्फीति कहते हैं।
  • भारत अपनी मुद्रास्फीति की गणना दो मूल्य सूचियों के आधार पर करता है- थोक मूल्य सूचकांक (Wholesale Price Index- WPI) एवं उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (Consumer Price Index- CPI)।

अपस्फीति क्या है?

  • अपस्फीति, मुद्रास्फीति की उलट स्थिति है। दरअसल, यह कीमतों में लगातार गिरावट आने की स्थिति है। जब मुद्रास्फीति दर शून्य फीसदी से भी नीचे चली जाती है, तब अपस्फीति की परिस्थितियाँ बनती हैं।
  • अपस्फीति के माहौल में उत्पादों और सेवाओं के मूल्य में लगातार गिरावट होती है।

स्रोत:हिन्दू

 

 

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