27 Jun एमक्यू-9बी ड्रोन
पाठ्यक्रम: जीएस 2 / अंतर्राष्ट्रीय संबंध, जीएस 3 / रक्षा
सदर्भ-
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भारत द्वारा जनरल एटॉमिक्स एमक्यू-9 “रीपर” सशस्त्र ड्रोन की खरीद पर मेगा सौदे की घोषणा की।
- रक्षा मंत्री की अध्यक्षता में रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) के साथ खरीद प्रक्रिया शुरू की गई है।
एमक्यू -9 ‘रीपर‘ सशस्त्र ड्रोन के बारे में-
- जनरल एटॉमिक्स एमक्यू -9 “रीपर” 240 केटीएएस की गति है के साथ 27 घंटे से अधिक तक काम कर सकता है।
- 50,000 फीट तक उड़ान भर सकता है, और इसमें 3,850 पाउंड (1,746 किलोग्राम) पेलोड क्षमता है।
- यह 500 प्रतिशत अधिक पेलोड ले जा सकता है और पहले के एमक्यू -1 प्रीडेटर की तुलना में नौ गुना अधिक हार्श पावर है।
- एमक्यू-9बी रीपर या प्रीडेटर ड्रोन की सबसे बड़ी खासियत ये है कि ये ड्रोन 40 हजार फीट से अधिक ऊंचाई पर करीब 40 घंटे तक उड़ान भर सकता है।
- यह ड्रोन सर्विलांस और हमले के लिहाज से बेहतरीन है और हवा से जमीन पर सटीक हमले करने में सक्षम हैं।
- एमक्यू-9बी के दो वेरिएंट हैं- ड्रोन दो वेरिएंट में आते हैं – स्काईगार्डियन और सीगार्डियन
- सीगार्डियन भारतीय नौसेना के लिए और स्काईगार्डियन भारतीय सेना और वायु सेना के लिए हैं।
महत्व-
- एमक्यू -9 ड्रोन निगरानी और हमले की क्षमताओं के मामले में अपनी उन्नत क्षमताओं के लिए जाने जाते हैं।
- यह ड्रोन भारत के सशस्त्र बलों की आईएसआर (खुफिया, निगरानी और टोही) क्षमताओं को बढ़ाएगा।
- यह न केवल हिंद महासागर में बल्कि चीन के साथ सीमा पर भी भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और निगरानी क्षमताओं को बढ़ाएगा।
- जनरल एटॉमिक्स स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए भारत के दीर्घकालिक लक्ष्यों के समर्थन में भारत में एक व्यापक वैश्विक रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (एमआरओ) सुविधा भी स्थापित करेगा।
भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग-
- भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएस) ने जून 2005 में ‘भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों के लिए नए ढांचे‘ पर हस्ताक्षर करने के साथ अपने रक्षा संबंधों को प्रेरित किया।
- भारत और अमेरिका ने रक्षा प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, लाइसेंसिंग, व्यापार, अनुसंधान, सह-उत्पादन और सह-विकास जैसे क्षेत्रों में सहयोग करने का संकल्प लिया।
- रक्षा फ्रेमवर्क समझौते को जून 2015 में 10 और वर्षों के लिए अद्यतन और नवीनीकृत किया गया था।
- 2016 में, एक व्यापक, स्थायी और पारस्परिक रूप से लाभकारी रक्षा साझेदारी बनाने के लिए रक्षा संबंधों को एक प्रमुख रक्षा साझेदारी (एमडीपी) के रूप में नामित किया गया था।
रक्षा समझौतों पर हस्ताक्षर:
- लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन (2016)
- संचार संगतता और सुरक्षा समझौता (2018)
- औद्योगिक सुरक्षा समझौता (2019)
- बुनियादी विनिमय और सहयोग समझौता (2020)
रक्षा अभ्यास:
- युद्ध अभ्यास (सेना), वज्र प्रहार (विशेष बल), एक त्रि-सेवा अभ्यास – टाइगर ट्रायम्फ (2019 में उद्घाटन)।
- मालाबार अभ्यास, नौसेना अभ्यास जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान और भारत स्थायी भागीदारों के रूप में शामिल हैं।
- अमेरिका ने भारत के बहुपक्षीय अभ्यास मिलन 2022 में भाग लिया।
स्रोत: TH
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