कर्मचारी सुरक्षा कानून

कर्मचारी सुरक्षा कानून

संदर्भ- हाल ही में आंध्र प्रदेश के काकीनाडा के (तिल)तेल मिल में 7 कर्मचारियों की दम घुंटने से मौत हो गई। जिस कारण कम्पनी को जिला प्रशासन ने प्रतिबंधित कर दिया गया है। जी रागमपेटा गांव में अंबाती सुब्बन्ना एंड कंपनी ऑयल मिल में कई दिनों से जमा हुए कीचड़ को साफ करने के लिए दो कर्मचारी कार्य कर रहे थे, जिनमें से एक की दम घुंटने से मौत हो गई। इनको बचाने के लिए 6 लोग घटना स्थल में पहुँचे जिनकी भी दम घुंटने से मौत हो गई।

कर्मचारी सुरक्षा कानून

आईपीसी की धारा 304(A) के तहत गैर इरादतन की गई हत्या या ऐसा कार्य जो किसी के मृत्यु का कारण बन सकता है, या मृत्यु की तीव्र संभावना वाला कार्य जो इरादतन की गई हत्या के लगभग समान श्रेणी में आता है। इसके द्वारा-

  • ज्ञानपूर्वक किया गया ऐसा कार्य जिसमें मृत्यु की संभावना अत्यधिक हो, लेकिन मृत्यु के इरादे से न किया गया हो ऐसे में आजीवन कारावास या एक अवधि का दण्ड जिसे 10 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है जिसके साथ आर्थिक दण्ड भी दिया जा सकता है। 
  • यह एक गैर जमानती संज्ञेय अपराध है और सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है।

भोपाल गैस रिसाव आपदा 1984 की घटना है, जिसमें भोपाल के एक संयंत्र (यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड) से अत्यधिक हानिकारक और असामान्य रूप से खतरनाक गैस का रिसाव हुआ। यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन, (यू.एस.ए. की एक सहायक कंपनी) और जिसके परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर जान-माल की क्षति हुई। इसमें लगभाग 10000 से अधिक लोगों की मौत, 102000 स्थायी रूप से विकलांग और 554895 लोग घायल हुए। इस त्रासदी के बाद पर्यावरण संरक्षण अपशिष्ट प्रबंधन हेतु अधिनियम जारी किए गए।

पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986

खतरनाक अपशिष्ट प्रबंधन और हैंडलिंग नियम 1989 

  • परिसंकटमय पदार्थों के साथ कार्य करने वाले व्यक्तियों द्वारा प्रक्रिया संबंधी रक्षोपायों का पालन किया जाना — कोई व्यक्ति किसी सुनियोजनित प्रक्रिया(SOP) या संबंधित रक्षोपायों के साथ ही परिसंकटमय पदार्थों के साथ कार्य कर सकेगा। (परिसंकटमय पदार्थ ऐसे भौतिक या रासायनिक पदार्थों को कहा जाता है जो किसी व्यक्ति अथवा पर्यावरण को हानि पहुँचा सकते है।)
  • खतरनाक अपशिष्ट कचरा जिनमें धातु पर्ष्करम कचरा और सीसा, जस्ता, तांबा युक्त पानी में घुलनशील यौगिकों युक्त कचरे को उत्पन्न करने के लिए जिम्मेदार व्यक्ति ही कचरे का प्रबंधन भी करेगा।

पूर्ण दायित्व का सिद्धांत –

  • इसके अनुसार ऐसे पदार्थ जैसे- गैस, बिजली, कंपनी, सीवेज, हानिकारक धुंवा आदि जो किसी उद्योग या किसी कार्य से निष्कासित होकर अन्य लोगों को नुकसान पहुँचा सकते हैं। संकटमय पदार्थ हैं इनके पर्यावरण में प्रबंधन का पूर्ण दायित्व उत्पादक का होगा।
  • इस सिद्धांत को जीवन के अधिकार के रूप में भी अधिसूचित किया है, जिसका उल्लंघन दण्डनीय अपराध होगा। 
  • इसके तहत सार्वजनिक बीमा फंड से पीड़ितों को मुआवजा दिया जाएगा।

पर्यावरण प्रभाव आंकलन अधिसूचना के तहत किसी भी निर्माण आधारित परियोजना के प्रारंभ से पूर्व उसके कारण होने वाली पर्यावरण हानि की जानकरी के लिए पर्यावरण अनुमति आवश्यक है।

व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य स्थिति संहिता विधेयक 2019

  • श्रमिकों के स्वास्थ्य व सुरक्षा से संबंधित कानूनों को संयोजित कर इस कानून के निहित लाया गया है।
  • जोखिमपरक कार्य करने वाले श्रमिकों की समय समय पर मुफ्त स्वास्थ्य जांच की जाएगी।
  • नियोक्ता, कार्य को जोखिम मुक्त बनाएगा।
  • कार्य स्थल पर किसी की मृत्यु हो जाने पर संबंधित अथॉरिटी को सूचना देना।
  • कर्मचारियों को सुरक्षा संबंधी प्रोटोकॉल समझाना।
  • सरकार श्रमिकों से सुरक्षा समिति बनाने की अपेक्षा करती है

आगे की राह

  • सुरक्षा संबंधी उपकरणों जैसे फेस मास्क का प्रयोग करते हुए ही जोखिम युक्त कार्यों को करना सुनिश्चित हो।
  • जोखिमपूर्ण कार्य हमेशा पर्यवेक्षक की निगरानी में सुनिश्चित हो।
  • कार्यस्थल में जोखिमपूर्ण कार्यों के लिए उपर्युक्त नियमों का पालन अनिवार्य हो।

स्रोत

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