19 Oct कामिकेज ड्रोन
कामिकेज ड्रोन
संदर्भ- हाल ही में यूक्रेन के राजधानी क्षेत्र में रूस ने ईरानी ड्रोन से हमला कर दिया। कहा जा रहा है कि इससे कई महत्वपूर्ण बुनियादी सुविधाएं प्रभावित हुई हैं। किंतु आधिकारिक तौर पर इस नुकसान की जानकारी नहीं दी गई है।
कामिकेज ड्रोन- ये विस्फोटकों से भरे हुए छोटे मानव रहित विमान होते हैं, यह ड्रोन पर आधारित बम होते हैं। कामिकेज ड्रोन तब तक लक्ष्य के आसपास उड़ते रहते हैं जब तक वह लक्ष्य पर सटीक हमला करने की स्थिति में न आ जाए। इसके डिस्पोजेबल होने के कारण इसे सुसाइड ड्रोन भी कहा जाता है। यह एक तरह की लक्ष्य निर्देशित मिसाइल है। यह क्रूज मिसाइल व अन्मैंड एरियल व्हीकल का मिश्रण है।
यह नाम द्वितीय विश्व युद्ध में भयभीत कर देने वाले कामिकेज पायलटों से आया है। जिन्हें द्वितीय विश्व युद्ध के समय आत्मघाती मिसाइलों को दुश्मन के क्षेत्र में ले जाकर ध्वस्त करने के लिए जाना जाता था। कामिकेज ड्रोन पारंपरिक सीमा को पार करने की क्षमता रखता है। रडार पर छोटे घातक ड्रोनों का पता लगाना मुश्कित होता है इसके साथ ही मानव उपस्थिति के बगैर यह सम्पूर्ण क्रिया होने के कारण फेस डिटैक्टर की संभावना भी नहीं रहती है। रूस में इन्हें शहीद-136 कहते हैं। जिनका प्रयोग रूस में सितंबर 2022 से ही किया जा रहा।
कामिकेज ड्रोन के प्रकार- अब तक यह मुख्यतया दो प्रकार का होता है।
- स्विचबेलैड 300 लगभग 15 मिनट तक हवा में रह सकता है। 2.26 किलोग्राम का वजन वाला कामिकेज 300, मानवों पर आक्रमण करता है। यूक्रेन ने स्विचब्लेड 300 का प्रयोग किया है।
- स्विचब्लैड 600, लगभग 40 मिनट तक हवा में रह सकता है। 22 किलोग्राम का होता है और यह वाहन, टैंक व दुश्मन के कैंप पर आक्रमण कर सकता है। स्विचब्लैड 600 की अधिक मारक क्षमता के कारण कहा जा रहा है कि रूस द्वारा कामिकेज की यही किस्म यूक्रेन पर आक्रमण करने के लिए प्रयोग की गई होगी।
कामिकेज ड्रोन उत्पादित देश-
विश्व में कई देशों द्वारा ड्रोन के उपयोग को स्वीकार किया है जबकि कई देशों पर ड्रोन के उपयोग के लिए आरोप लगाए जा रहे हैं-
- ईरान समर्थित मलेशिया ने इराक के अमेरिकी ठिकानों पर ड्रोन द्वारा हमला किया।
- अजरबैजान ने अर्मेनिया की सेना के खिलाफ तुर्की निर्मित छोटे ड्रोन का निर्माण किया।
- रूस ने यूक्रेन के साथ युद्ध में प्रारंभ में ऐसे ही ड्रोन हमलों से शुरुआत की।
- 2019 में सउदी तेल सुविधाओं के लिए हौथी विद्रोहियों ने भी ड्रोन का इस्तेमाल किया।
- अजरबेजान अर्मेनिया युद्ध में भी इसका प्रयोग किया गया था।
- अतः ईरान, तुर्की, अमेरिका, चीन, इजराइल के पास कामिकेज ड्रोन उपलब्ध है।
कामिकेज ड्रोन और रूस यूक्रेन युद्ध-
- लम्बे समय से चल रहे युद्ध के कारण रूस और यूक्रेन के हथियार खत्म हो चुके हैं, और वे हथियारों को लगातार आयात कर रहै हैं।
- रूस यूक्रेन युद्ध में ड्रोन का उपयोग लगातार हो रहा है।
- प्रारंभ में रूस यूक्रेन युद्ध में रूस के टैंकों को यूक्रेन ने तुर्की के ड्रोन से रोक दिया था।
- अमेरिका भी यूक्रेन को ड्रोन की मदद मुहैया करवा रहा है।
- वर्तमान में रूस ने इन ड्रोन का प्रयोग यूक्रेन की राजधानी कीव पर आक्रमण करने के लिए किया है।
कामिकेज ड्रोन का प्रयोग युद्ध में और अधिक विनाशकारी सिद्ध हो सकता है, दोनों पक्षों को देशों द्वारा यह मारक उपकरण उपलब्ध कराने से युद्ध के अभी न रुकने का संकेत मिल रहा है।
भारत में सामान्य ड्रोन के उपयोग संबंधी उपबंध-
- ड्रोन को दिन के समय नहीं उड़ाया जा सकता।
- ड्रोन को अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं में 25 किमी. के भीतर नहीं उड़ाया जा सकता।
- नई दिल्ली के विजय चौक से 5 किमी. के दायरे में नहीं उड़ाया जा सकता।
- यातायात के हवाईअड्डों में ड्रोन का उपयोग प्रतिबंधित है।
- भारत की प्रदेश राजधानियों के सचिवालयों में 3 किमी. की परिधि के अंतर्गत इसका प्रयोग निसिद्ध है।
भारत में आत्मघाती ड्रोन-
- भारत में स्वदेशी आत्मघाती ड्रोन ALS-50 का सफलतम परीक्षण हो गया है। यह सतह पर लक्ष्य की सटीक दूरी व स्थिति माप कर लक्ष्य भेद सकता है।
- हाल ही में कामिकेजी ड्रोन के लिए भारत व इजराइल के मध्य निजी संयुक्त उद्यम हेतु सहमति भी बनी है।
स्रोत
https://timesofindia.indiatimes.com/city/jaipur/drone-system-successfully-tested-at-pokhran-range/articleshow/94408973.cms
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