कुकी, जोमी व SoO समझौता

कुकी, जोमी व SoO समझौता

कुकी, जोमी व SoO समझौता

संदर्भ- भाजपा के नेतृत्व वाली मणिपुर सरकार ने दो पहाड़ी उग्रवादी समूहों कुकी नेशनल आर्मी व जोमी रिवॉल्यूशन आर्मी के साथ निलंबन के संचालन समझौते  SoO से वापस हटने का फैसला किया है, इसके साथ ही सरकार ने यह आरोप लगाया है कि वे हाल ही में सरकार के खिलाफ हुए वन अतिक्रमणकारियों के आंदोलन को भी प्रभावित कर रहे है। जबकि स्थानीय लोगों के अनुसार वे केवल अनुच्छेद 371C का शांतिपूर्ण विरोध कर रहे थे।

कुकी नेशनल आर्मी-

  • कुकी नेशनल आर्मी की स्थापना 24 फरवरी 1988 को कुकी समुदाय द्वारा प्रशासित एक पृथक राज्य के लक्ष्य के साथ की गई।
  • कुकी समूह पूर्वोत्तर भारत व उत्तर पश्चिम म्यांमार में निवास करते हैं।
  • कुकी नेशनल आर्मी को एक विद्रोही समूह के रूप में जाना जाता है।

कुकी

  • कुकी मंगोल नस्ल की वनवासी जाति है, जो भारत के अरुणांचल प्रदेश को छोड़कर उत्तर पूर्वी राज्यों में स्थित है।
  • वर्तमान में कुकी की लगभग 50 जनजातियों को अनुसूचित जनजाति के रूप में मान्यता दी गई है।
  • मणिपुर में कुकी का एक लंबा इतिहास रहा है, 1917-19 के मध्य कुकी समुदाय की विशिष्ट संस्कृति में अंग्रेजों के दखल के कारण कुकी विद्रोह भड़का था। किंतु नागा हिल्स के कुकी को इस विद्रोह में शामिल होने से रोका गया। 1919 में कुकी समुदाय के विद्रोह का अंग्रेजों ने दमन कर दिया। 
  • 1990 में नागा आक्रमण के खिलाफ पुनः विद्रोह प्रारंभ हुआ। कुकी नागा संघर्ष के कारण मणिपुर की पहाड़ियों में स्थित भूमि जिसे कुकी की मातृभूमि कहा जाता था।  यह नागाओं में मातृभूमि माने जाने वाले क्षेत्र को ओवरलैप करती है।
  • 1993 में टेंग्नौपाल में नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (NSCN-IM) द्वारा 115 कुकी पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को मार दिया गया था। इसे कुकी लोगों में काले दिवस के रूप में याद किया जाता है।

जोमी क्रांतिकारी सेना

  • जोमी क्रांतिकारी सेना अप्रैल 1993 में प्रारंभ की गई थी। इसके संस्थापक कार्बी आंगलोंग के जोमी नेता पु के गुइटे थे।
  •  इसका उद्देश्य जातीय समूह की रक्षा करना है। 
  • जोमी का कुकी लिबरेशन ऑर्गेनाइजेशन के साथ समझौता कुकी चिन मिजो व जोमी लोगों के मध्य रक्त संबंधों को मजबूत करने व जोमी लोगों को एक पृथक राज्य जोगम में संयुक्त करने के उद्देश्य के लिए किया गया था।
  • जोमी सेना स्थानीय लोगों से संरक्षण शुल्क के रूप में फंड प्राप्त करता है।

अनुच्छेद 371 C

राष्ट्रपति को यह अधिकार है कि यदि वह चाहे तो राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों से मणिपुर विधानसभा के लिये चुने गए सदस्यों से एक समिति का गठन कर सकता है एवं इस समिति का उचित संचालन सुनिश्चित करने हेतु राज्यपाल को विशेष उत्तरदायित्व सौंप सकता है।इससे स्थानीय लोगों को अपनी संस्कृति व भूमि खोने का डर है।

SoO संधि का निलंबन

  • मणिपुर में लगभग 30 कुकी विद्रोही समूह हैं, जिनमें से 25 भारत सरकार और राज्य के साथ त्रिपक्षीय संचालन निलंबन (एसओओ) के तहत हैं। 17 छात्र समूह कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन (केएनओ) के तहत हैं, और आठ यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट (यूपीएफ) के तहत हैं।
  • राजनीतिक संवाद शुरू करने के प्राथमिक उद्देश्य के साथ 22 अगस्त, 2008 को SoO समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। 
  • कुकी संगठन जो शुरू में एक अलग कुकी राज्य की मांग कर रहे थे, अब एक ‘कुकीलैंड क्षेत्रीय परिषद’ की मांग कर रहे हैं, जिसके पास मणिपुर विधानसभा और सरकार से स्वतंत्र वित्तीय और प्रशासनिक शक्तियां होंगी।

SoO संधि की शर्तें

SoO समझौते के प्रभावी कार्यान्वयन की देखरेख के लिए, संयुक्त निगरानी समूह (JMG) नामक एक समिति का गठन किया गया है, जिसमें सभी हस्ताक्षरकर्ताओं के प्रतिनिधि शामिल हैं।

  • केंद्रीय बलों सहित सुरक्षा बल न तो कोई अभियान शुरु कर सकते हैं और न ही कोई भूमिगत समूह। 
  • यूनिवर्सल पीस फेडरेशन व कुकी नेशनल ऑर्गेनाइजेशन के हस्ताक्षरकर्ता भारत के संविधान व मणिपुर के कानूनों का पालन करेंगे।
  • उन्हें जबरन वसूली व स्थानीय निवासियों पर अत्याचार करने का कोई अधिकार नहीं है।
  • उग्रवादी कैडरों को सरकार द्वारा चिह्नित क्षेत्रों व शिविरों में सीमित किया जाएगा।
  • उग्रवादियों को अपने शिविरों व नेताओं की सुरक्षा करने के लिए हथियार दिए जाते हैं, और हथियारों को डबल लॉकिंग सिस्टम द्वारा एक सुरक्षित कमरे में स्टोर किया जाता है।
  • नामित शिविरों को बनाए रखने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

आगे की राह- 

  • SoO समझौते में हथियारों के प्रयोग को सीमित किया गया है किंतु हथियारों पर रोक नहीं लगाय़ी गई है जो हिंसक गतिविधि को बढ़ावा दे सकता है। प्रत्येक संगठन पर हथियारों के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। 
  •  संधि में निहित शिविऱों के लिए दी गई वित्तीय सहायता उग्रवादी गतिविधियों को बढ़ावा देती है। 
  • कुकी व नागाओं की विवादित भूमि का कानूनी समाधान किया जा सका है।।
  • वनों में अफीम जैसी नशीले पदार्थों के उत्पादन पर रोक लगानी चाहिए तथा स्थाीय लोगों को रोजगार के अवसर मुहैया कराने चाहिए, जिससे वे आपराधिक गतविधियों में सलग्न न हो।
  • सरकार द्वारा स्थानीय लोगों को यह विश्वास दिलाने की आवश्यकता है कि वह कुकी व जोमी संस्कृति को नुकसान नहीं पहुँचाएगी।

स्रोत

इण्डियन एक्सप्रैस

Yojna IAS Daily current affairs Hindi med 16th March 2023

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