30 Mar कोयना बाँध
- हाल ही में भारत के नियंत्रक और महालेखक परीक्षक (CAG) ने महाराष्ट्र में एक अधूरी जलविद्युत परियोजना को संशोधित प्रशासनिक स्वीकृति देने में देरी के बारे में जानकारी दी है। इस देरी के कारण छह साल से अधिक समय तक धन का आवंटन अवरुद्ध रहा है।
- महाराष्ट्र सरकार के जल संसाधन विभाग (WRD) ने वर्ष 2004 में कोयना बाँध के बाएँ किनारे पर 2×40 मेगावाट (MW) जलविद्युत परियोजना के निर्माण के लिये प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की थी।
कोयना बाँध:
- कोयना बाँध महाराष्ट्र का सबसे बड़ा बाँध है, यह सतारा ज़िले के कोयाना नगर में स्थित है।
- यहपश्चिमी घाट में चिपलून और कराड के बीच राजकीय राजमार्ग पर स्थित है। कोयना बाँध कोयना नदी पर बनाया गया एक मलबा-कंक्रीट बाँध है, कोयना नदी सह्याद्रि पर्वत शृंखलाओं के एक हिल-स्टेशन महाबलेश्वर से निकलती है।
- कोयना बाँध पर कार्य वर्ष 1951 में शुरू किया गया था तथा पहली बार वर्ष 1962 में टरबाइन को स्थापित करने के लिये कार्य शुरू हुआ था।
- वर्तमान में कोयना जलविद्युत परियोजना का चरण V निर्माणाधीन है।
- बाँध का मुख्य उद्देश्य पड़ोसी क्षेत्रों में सिंचाई सुविधाओं के साथ जलविद्युत की आपूर्ति करना है।
- कोयना बाँध पश्चिम महाराष्ट्र के साथ-साथ कुछ पड़ोसी क्षेत्रों में जलविद्युत की आपूर्ति प्रदान करता है।
- मानसून के मौसम के दौरान बाढ़ नियंत्रण में बाँध महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जलग्रहण क्षेत्र कोयना नदी को शिवसागर झील से जोड़ता है जिसकी लंबाई लगभग 50 किमी. है।
- कोयना वन्यजीव अभयारण्य जो कि लगभग 55 वर्ग किमी. क्षेत्र को कवर करता है, वर्ष 1985 में अधिसूचित किया गया था।
- वर्ष 2007 मेंचंदोली राष्ट्रीय उद्यान के साथ कोयना वन्यजीव अभयारण्य को राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण द्वारा सह्याद्रि टाइगर रिज़र्व के एक हिस्से के रूप में घोषित किया गया था।
- यह भारत की स्वतंत्रता के बाद शुरू की गई सबसे बड़ी सिविल इंजीनियरिंग परियोजनाओं में से एक है। कोयना जलविद्युत परियोजना महाराष्ट्र राज्य विद्युत बोर्ड द्वारा संचालित है।
कोयना नदी के विषय में:
- कोयना जो कि कृष्णा की सहायक नदी है, पश्चिमी महाराष्ट्र में सतारा ज़िले के महाबलेश्वर से निकलती है।
- महाराष्ट्र की अधिकांश अन्य नदियों के विपरीत जो कि पूर्व-पश्चिम दिशा में बहती हैं, कोयना नदी उत्तर-दक्षिण दिशा में बहती है।
- यह महाराष्ट्र राज्य के सतारा ज़िले के ‘दक्कन इलाके’ में 2,036 वर्ग किमी. के क्षेत्र को कवर करती है।
- औसत समुद्र तल से 550-1,460 मीटर की ऊँचाई की सीमा के साथ यह आमतौर पर पश्चिमी घाट क्षेत्र में दक्कन पठार की विशेषता वाले एक भौगोलिक संरचना का प्रतिनिधित्व करती है।
- इस पर कोयना नगर में शिवसागर जलाशय का निर्माण करने वाला ‘कोयना बाँध’ भी मौजूद है।
- कोयना नदी चार सहायक नदियों द्वारा समर्थित है, जिसमें केरा, वांग, मोरना और महिंद आदि शामिल हैं। इन नदियों पर केरा, वांग और मोरना बाँध मौजूद हैं।
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