13 Mar खेलो इंडिया कार्यक्रम का छठवां संस्करण
स्त्रोत – द हिन्दू एवं पीआईबी।
सामान्य अध्ययन – भारत की राजनीति एवं शासन व्यवस्था , खेलो इंडिया यूथ गेम्स- 2024, नीति – निर्माण में सरकारी हस्तक्षेप, सामाजिक न्याय , खेल अवसंरचना का निर्माण एवं उन्नयन, सिलंबम स्वदेशी मार्शल आर्ट कला।
खबरों में क्यों ?
- हाल ही में भारत में 19 जनवरी से 31 जनवरी, 2024 तक खेलो इंडिया यूथ गेम्स- 2024 (KIYG-2024) तमिलनाडु के 4 शहरों- चेन्नई, त्रिची, मदुरै और कोयंबटूर में आयोजित किया गया।
- खेलो इंडिया यूथ गेम्स- 2024 (KIYG-2024) के इस छठे संस्करण का समापन 31 जनवरी, 2024 को चेन्नई में हुआ।
- इस खेल प्रतियोगिता में महाराष्ट्र कुल 158 पदकों के साथ चौथी बार शीर्ष स्थान पर रहा। महाराष्ट्र द्वारा प्राप्त पदकों में 57 स्वर्ण, 48 रजत और 53 कांस्य पदक शामिल हैं।
- इस खेल प्रतियोगिता की मेजबानी की तथा तमिलनाडु ने इस प्रतियोगिता में 38 स्वर्ण, 21 रजत और 39 कांस्य सहित कुल 98 पदकों के साथ दूसरे स्थान पर रहा।
- हरियाणा 35 स्वर्ण, 22 रजत और 46 कांस्य सहित कुल 103 पदकों के साथ तीसरे स्थान पर रहा।
- खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2024, भारत सरकार की खेलो इंडिया पहल के तहत एक प्रमुख आयोजन है।
- खेलो इंडिया यूथ गेम्स- 2024 (KIYG-2024) में 26 खेलों में एथलीटों ने कुल 933 पदकों के लिए प्रतिस्पर्धा की।
- इस खेलो इंडिया यूथ गेम्स- 2024 (KIYG-2024) में पहली बार स्क्वैश को शामिल किया गया था।
- इस प्रतियोगिता में सिलंबम नामक स्वदेशी मार्शल आर्ट कला का एक रूप है उसको भी इसमें एक प्रदर्शन खेल के रूप में प्रदर्शित किया गया था।
- इस खेल प्रतियोगिता का शुभंकर – वीरा मंगई था ।
- रानी वेलु नचियार, जिन्हें प्रेमपूर्वक वीरा मंगई कहा जाता है, एक भारतीय रानी थीं जिन्होंने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ युद्ध छेड़ा था।
- इसके अलावा इस खेल प्रतियोगिता के खेलों के लोगो में प्रसिद्ध कवि तिरुवल्लुवर की आकृति भी शामिल थी।
खेलो इंडिया यूथ गेम्स का परिचय :
- यह खेल प्रतियोगिता भारत में स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए एक राष्ट्रीय स्तर की बहु – विषयक खेल प्रतियोगिता है।
- इस खेल प्रतियोगिता को प्रत्येक वर्ष जनवरी या फरवरी में आयोजित किये जाते हैं जो भारत सरकार की खेलो इंडिया पहल का एक हिस्सा हैं।
- इस खेल प्रतियोगिता का उद्देश्य खेल संस्कृति को बढ़ावा देना और ज़मीनी स्तर पर खेल प्रतिभाओं को पहचान दिलाना है।
- इससे पहले इस खेलो इंडिया यूथ गेम्स प्रतियोगिता के पिछले 5 संस्करणों का आयोजन दिल्ली, पुणे, गुवाहाटी, पंचकुला और भोपाल में किया गया था।
प्रारूप :
- भारत में इस खेल प्रतियोगिता को दो श्रेणियों में आयोजित किया जाता है।
- इस खेल प्रतियोगिता के पहली श्रेणी में 17 वर्ष से कम उम्र के स्कूली छात्र भाग लेते हैं। जबकि
- दूसरी श्रेणी में 21 वर्ष से कम उम्र के कॉलेज के छात्रों के बीच आयोजित किया जाता है।
- इस खेल प्रतियोगिता को एक टीम के चैंपियनशिप प्रारूप में आयोजित किया जाता है, जिसमें एथलीटों के व्यक्तिगत प्रदर्शनों को या उससे संबंधित टीमों द्वारा अर्जित पदकों को उनके संबंधित राज्य या केंद्र शासित प्रदेश (UT) की समग्र पदक तालिका में योगदान के रूप में दर्ज किया जाता है।
- इस खेल प्रतियोगिता के आयोजन के समापन पर, सबसे अधिक स्वर्ण पदक हासिल करने वाले राज्य या केंद्रशासित प्रदेश को विजेता घोषित किया जाता है।
- भारत में इस खेल प्रतियोगिता में महाराष्ट्र और हरियाणा राज्य को छोड़कर भारत की किसी भी अन्य राज्य की टीम ने आज तकखेलो इंडिया यूथ गेम्स का खिताब नहीं जीता है।
महत्वपूर्ण तथ्य :
- खेलो इंडिया विंटर गेम्स 2024 लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में आयोजित होगा।
- जिसके लिए हाल ही में अनावरण किया गया शुभंकर, स्नो लेपर्ड जिसका नाम ‘ शीन – ए शी ‘ या शान है, जिसका इस आयोजन से आपसी एकता और खेल भावना से प्रेरित एक अनूठा संबंध है।
सिलंबम स्वदेशी मार्शल आर्ट कला का परिचय :
- सिलंबम एक प्राचीन हथियार आधारित मार्शल आर्ट (Weapon-Based Martial Art) है जिसकी उत्पत्ति तमिलकम में हुई जो वर्तमान में भारत का तमिलनाडु राज्य के क्षेत्र में स्थित है। यह विश्व के सबसे पुराने मार्शल आर्ट कला में से एक है।
- सिलंबम शब्द स्वयं एक खेल के बारे में बताता है। सिलम का अर्थ है – ‘पहाड़’ (Mountain) और बम का अर्थ होता है – बाँस (Bamboo), जिसका उपयोग मार्शल आर्ट के इस रूप में मुख्य हथियार के रूप में किया जाता है।
- यह केरल के मार्शल आर्ट कलारीपयट्टू (kalaripayattu) से निकटता रखता है।
खेलो इंडिया या राष्ट्रीय खेल विकास कार्यक्रम की पृष्ठभूमि :
- भारत की युवा आबादी विश्व के किसी भी अन्य देशों के युवा आबादी में सबसे गतिशील और जीवंत वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- भारत दुनिया के सबसे युवा देशों में से एक है, इसकी लगभग 65% आबादी 35 वर्ष से कम उम्र की है।
- भारत में 15-29 वर्ष की आयु वर्ग के युवाओं की आबादी 27.5% है।
- भारत में भारत के युवाओं का खेलों में व्यापक भागीदारी को बढ़ावा देने और उसका प्रभावी रूप से कार्यान्वयन प्करने के लिए, राजीव गांधी खेल अभियान (आरजीकेए), शहरी खेल अवसंरचना योजना (यूएसआईएस) और राष्ट्रीय खेल प्रतिभा खोज योजना (एनएसटीएसएस) की मौजूदा योजनाओं को एक ही योजना में शामिल करने पर विचार किया गया था। अतः इसका नाम ” खेलो इंडिया: राष्ट्रीय खेल विकास कार्यक्रम “ रखा गया है।
- राजीव गांधी खेल अभियान – इसका उद्देश्य भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों के प्रति बुनियादी ढांचा प्रदान करना और प्रतियोगिताओं के माध्यम से देश में खेल संस्कृति को प्रोत्साहित करना था।
- शहरी अवसंरचना योजना – इस योजना का मुख्य उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण खेल अवसंरचना प्रदान करना था ताकि भारत की युवा खेल प्रतिभाओं को अपने कौशल को निखारने के लिए सुविधाएं प्रदान किया जा सकें।
- राष्ट्रीय खेल प्रतिभा खोज – इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश में खेल के प्रति समर्पित युवा प्रतिभाओं की पहचान करना था।
खेलो इंडिया कार्यक्रम का उद्देश्य :
- यह भारत में एक केंद्रीय स्तर की योजना है , जिसके तहत केंद्र सरकार की मशीनरी द्वारा इस योजना कार्यान्वित किया जाता है और केंद्र सरकार द्वारा 100% वित्त पोषण किया जाता है ।
- यह एक अखिल भारतीय खेल छात्रवृत्ति योजना है, जो हर साल खेल के क्षेत्र के 1000 सबसे योग्य और प्रतिभाशाली एथलीटों को खेल छात्रवृत्ति प्रदान किया जाता है।
- इस योजना के तहत चयनित एथलीट को लगातार आठ वर्षों तक पांच लाख रुपये की छात्रवृत्ति राशि प्रदान किया जाता है।
- यह एथलीटों के लिए दीर्घकालिक रूप से खेलों के प्रति विकास मार्ग बनाने के लिए लागू की जाने वाली भारत की पहली अभूतपूर्व योजना है।
- खिलाड़ी को पढ़ाई और खेल दोनों में आगे बढ़ने में सक्षम बनाने के लिए, कार्यक्रम का लक्ष्य देश के 20 विश्वविद्यालयों को खेल विशिष्टता के केंद्र के रूप में पहचानना और बढ़ावा देना है।
- इस योजना के तहत भारत में खेलों को बढ़ावा देने के लिए नवीनतम उपयोगकर्ता- अनुकूल तकनीक का उपयोग किया जाएगा। इसमें खेल के बुनियादी ढांचे का पता लगाने के लिए भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस), स्वदेशी खेलों के लिए एक उपयोगकर्ता-अनुकूल वेबसाइट, एक राष्ट्रीय खेल प्रतिभा खोज पोर्टल और मोबाइल ऐप्स के माध्यम से खेल प्रशिक्षण के लिए सूचना प्रसार करना शामिल है ।
- इस योजना के तहत आयोजित खेल प्रतियोगिताओं के लिए अधिकतम प्रविष्टियाँ सुनिश्चित करने के लिए, इस कार्यक्रम को स्कूलों और कॉलेजों को उच्च मानकों के तहत कार्यक्रम आयोजित करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
- इस योजना के तहत एक राष्ट्रीय शारीरिक फिटनेस ड्राइव की योजना बनाई गई है, जिसमें 10 वर्ष से 18 वर्ष तक की आयु वर्ग के बच्चों की शारीरिक फिटनेस की जांच की जाती है । इसके अलावा, इस योजना में 10 वर्ष से 18 वर्ष तक की आयु वर्ग के बच्चों की शारीरिक फिटनेस का समर्थन करने वाली गतिविधियों की योजना बनाई गई है।
- इस योजना का मुख्य उद्देश्य खेल अर्थव्यवस्था से संबंधित प्रतिस्पर्धा संरचना, खेल प्रतिभाओं की पहचान, उनके लिए कोचिंग की व्यवस्था और खेल से संबंधित बुनियादी ढांचे सहित पूरे खेल पारिस्थितिकी तंत्र को प्रभावित करना है।
- इस कार्यक्रम में वंचित और भारत के अशांत क्षेत्रों में रहने वाले युवाओं को खेल गतिविधियों में शामिल करने की योजना है ताकि उन्हें राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया के तहत मुख्यधारा में लाया जा सके और देश की एकता और अखंडता से संबंधित विघटनकारी गतिविधियों से दूर रखा जा सके।
- जिस उद्देश्य से यह कार्यक्रम शुरू किया गया है, वह देश में खेल और संबंधित बुनियादी ढांचे के महत्व पर जोर देता है।
खेलो इंडिया कार्यक्रम का कार्यक्षेत्र :
भारत में खेलो इंडिया कार्यक्रम को 12 कार्यक्षेत्रों में विभाजित किया गया है। जिसमें शामिल है –
- शांति और विकास के लिए खेल – प्रतियोगिताओं का आयोजन करना।
- ग्रामीण और स्वदेशी या जनजातीय खेलों को प्रोत्साहन देना।
- राज्य स्तरीय खेलो इंडिया केंद्रों का निर्माण एवं विकास करना।
- राष्ट्रीय /क्षेत्रीय /राज्य खेल शिक्षाविदों को सहायता प्रदान करना।
- स्कूली विद्यार्थियों का शारीरिक स्वास्थ्य के फिटनेस के प्रति जागरूक करना ।
- दिव्यांगों के मध्य खेल संस्कृति को प्रोत्साहन देना ।
- महिलाओं के लिए खेल – प्रतियोगिताओं का आयोजन करना ।
- प्रति वर्ष वार्षिक खेल प्रतियोगिता का आयोजन करना ।
- खेल प्रतिभाओं की खोज करना और उसका विकास करना।
- खेलों अवसंरचना का विकास और उन्नयन करना।
- खेल के मैदानों का विकास करना।
- सामुदायिक अनुशिक्षण (कोचिंग) के विकास में वित्त पोषण करना।
खेलो इंडिया योजना का प्रभाव :
- खेलो इंडिया योजना के तहत देश भर में वार्षिक प्रतिस्पर्धी मंच, बुनियादी ढांचा प्रदान करके खेल प्रतिभाओं की पहचान करना और उसका कौशल विकास करके खेल संस्कृति का निर्माण करने के लिए खेलो इंडिया के माध्यम से एक व्यापक तंत्र बनाया गया था।
- भारत में वार्षिक खेलो इंडिया यूथ गेम्स और यूनिवर्सिटी गेम्स के माध्यम से, 17 वर्ष और 21 वर्ष के आयु वर्ग के एथलीटों को हर वर्ष राष्ट्रीय स्तर पर हर साल अपनी खेल प्रतिभा दिखाने का मौका मिलता है।
- 2019 में माननीय प्रधान मंत्री द्वारा लॉन्च किए गए खेलो इंडिया मोबाइल ऐप ने 23 लाख से अधिक स्कूली बच्चों के फिटनेस मापदंडों का आकलन किया है, इस प्रकार 5 वर्ष की आयु से भविष्य की खेल प्रतिभा की पहचान की गई है।
- इसके तहत स्वदेशी खेलों और खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा भी विशेष योजना चलाई जा रही है । स्वदेशी खेलों के एथलीटों को आउट-ऑफ-पॉकेट भत्ता (ओपीए), शीर्ष केंद्रों में प्रशिक्षण सुविधाएं दी जाती हैं।
- खेलों में महिलाओं की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए एवं खेलों के माध्यम से अपनी पहचान बनाने के लिए महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए विशिष्ट योजनाएं लागू की गईं, है। इसके साथ – ही – साथ दिव्यांगों को सरकार द्वारा वित्तीय अनुदान देना, उनके लिए बेहतर प्रशिक्षण सुविधाओं की व्यवस्था करना और खेलों के प्रति उनका समर्थन करने के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही है।
निष्कर्ष / समाधान की राह :
खेलो इंडिया कार्यक्रम के तहत भारत के युवा खेल प्रतिभाओं की वर्तमान स्थिति तो उन्नत है ही किन्तु खेल के दृष्टिकोण से इसका भविष्य भी अत्यंत उज्ज्वल है। भारत सरकार द्वारा निम्नलिखित कुछ पहलों द्वारा खेलो इंडिया कार्यक्रम को सफलीभूत किया जा सकता है –
खेल अवसंरचना का निर्माण एवं उन्नयन : सरकार को देश भर में, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों, जनजातीय क्षेत्रों, पूर्वोत्तर राज्यों तथा आकांक्षी ज़िलों में खेल अवसंरचना के निर्माण एवं उन्नयन में अधिक निवेश करना चाहिए ।
खेलो इंडिया केंद्र एवं खेल अकादमियों की स्थापना करना : सरकार को प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को गुणवत्तापूर्ण कोचिंग, प्रशिक्षण, उपकरण, पोषण, चिकित्सा सहायता तथा छात्रवृत्ति प्रदान करने हेतु देश भर में और अधिक खेलो इंडिया केंद्र एवं खेल अकादमियाँ स्थापित करनी चाहिए ।
फिट इंडिया मूवमेंट : सरकार को फिट इंडिया मूवमेंट को एक जन अभियान के रूप में बढ़ावा देना चाहिये ताकि समाज के सभी वर्गों के बीच जागरूकता पैदा की जा सके तथा शारीरिक गतिविधि एवं फिटनेस को प्रोत्साहित किया जा सके।
सार्वजनिक-निजी भागीदारी : सरकार को खेल अवसंरचना को बढ़ाने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी, कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व कोष तथा सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (MPLADS) जैसी अन्य योजनाओं के साथ अभिसरण का भी लाभ उठाना चाहिए ।
खेल प्रतियोगिताएँ एवं प्रतिभा विकास : सरकार को युवा एथलीटों को प्रदर्शन एवं अवसर प्रदान करने हेतु स्कूल, ज़िला, राज्य तथा राष्ट्रीय स्तर जैसे विभिन्न स्तरों पर अधिक खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन करना चाहिए ।
खेल के माध्यम से समावेशिता को बढ़ावा देना : सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि खेल समाज के सभी वर्गों, विशेष रूप से लड़कियों, महिलाओं, विकलांग व्यक्तियों, अल्पसंख्यकों तथा हाशिये के समूहों हेतु सस्ती एवं सुलभ हो। सरकार द्वारा इन समूहों के बीच भागीदारी एवं उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करने हेतु विशेष प्रोत्साहन, आरक्षण, कोटा तथा पुरस्कार भी प्रदान किया जाना चाहिए।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
Q.1. खेलो इंडिया यूथ गेम्स- 2024 के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- इस खेल प्रतियोगिता का शुभंकर – वीरा मंगई था ।
- इस खेल प्रतियोगिता का आयोजन चेन्नई, मुंबई , मदुरै और कोयंबटूर हुआ था।
- खेलो इंडिया यूथ गेम्स- 2024 के इस पांचवें संस्करण का समापन 31 जनवरी, 2024 को चेन्नई में हुआ।
- भारत में इस खेल प्रतियोगिता को चार श्रेणियों में आयोजित किया जाता है।
उपरोक्त कथन / कथनों में से कौन सा कथन सही है ?
(A) केवल 1 और 3
(B) केवल 2 और 4
(C) केवल 4
(D) केवल 1
उत्तर – (D)
मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
Q.1. खेलो इंडिया कार्यक्रम के प्रमुख विशेषताओं को बताते हुए यह चर्चा कीजिए कि भारत खेल अवसंरचना का निर्माण, उन्नयन और सभी का समावेशन के लिए किस प्रकार के कदम उठाए जा सकते हैं ? तर्कसंगत समाधान प्रस्तुत कीजिए।
Qualified Preliminary and Main Examination ( Written ) and Shortlisted for Personality Test (INTERVIEW) three times Of UPSC CIVIL SERVICES EXAMINATION in the year of 2017, 2018 and 2020. Shortlisted for Personality Test (INTERVIEW) of 64th and 67th BPSC CIVIL SERVICES EXAMINATION.
M. A M. Phil and Ph. D From (SLL & CS) JAWAHARLAL NEHRU UNIVERSITY, NEW DELHI.
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