05 Oct जलियांवाला बाग जीर्णोधार
जलियांवाला बाग जीर्णोधार
संदर्भ- जलियांवाला बाग के जीर्णोंधार के कार्य की जांच के लिए सरकार विशेषज्ञों की एक टीम भेजेगी, जीर्णोधार का कार्य 19 करोड़ रुपये की लागत से केंद्र द्वारा किया गया।
जलियांवाला बाग, पंजाब के अमृतसर क्षेत्र में स्थित है, यह बाग ब्रिटिशकालीन भारत में अग्रेजों द्वारा भयंकर नरसंहार के लिए कुख्यात है।
रॉलेट एक्ट 10 मार्च 1919 को पारित किया गया, जिसके अनुसार जिसमें ब्रिटिश सरकार को देशद्रोही गतिविधियों के अभियुक्त को बिना किसी कार्यवाही के कारावास या सजा देने का अधिकार था। इससे देश में अशांति फैल गई। 7 अप्रैल 1919 को गांधी जी ने रॉलेट एक्ट के विरोध में सत्याग्रह प्रारंभ कर दिया।
डॉ सैफुद्दीन किचलू व डॉ सत्यपाल ने रॉलेट एक्ट के विरोध में अमृतसर में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया, 9 अप्रैल 2019 को जब रामनवमी मनाई जा रही थी, तब ओड्यार ने इरविंग, किचलू व सत्यपाल को गिरफ्तार करने का आदेश दिया। इरविंग ने दोनों को अपने घर में आमंत्रण देकर बुलाया और गिरफ्तार करवा लिया। 10 अप्रैल 1919 को अपने दो नेताओं को रिहा करवाने के लिए प्रदर्शन करना शुरु किया। प्रदर्शन के जवाब में अंग्रेजों द्वारा गोलियाँ चलाई गई। जिसके जवाब में प्रदर्शन कारियों द्वारा पत्थरबाजी की गई। सम्पूर्ण संघर्ष में कई लोग घायल हो गए।
13 अप्रैल 1919 को लोग बैसाखी का त्योहार मना रहे थे, अंग्रेजों के अनुसार यहां राजनीतिक सभा आयोजित की गई थी, जहां दो बातों की चर्चा की जानी थी-10 अप्रैल की घटना की निंदा और भारतीय नेताओं को रिहा करने का अनुरोध। उस समय अंग्रेजों द्वारा प्रत्येक सभा का आयोजन गैरकानूनी था। जनरल डायर को जब इस गैर कानूनी सभा का भान हुआ तो उसने जलियावाला बाग को घेरकर गोली चलाने का आदेश दे दिया। इरविंग की रिपोर्ट के अनुसार मृतकों की संख्या 291 थी जबकि मदनमोहन मालवीय की रिपोर्ट के मुताबिक 500 से अधिक लोगों की जान चली गई थी।
जलियांवाला बाग नरसंहार के बाद-
- लाहौर, अमृतसर, गुजरांवाला, गुजरात, लायलपुर में सैनिक शासन लागू कर दिया गया। इसके अनुसार क्रांतिकारी गतिविधियों में शामिल किसी भी व्यक्ति के ऊपर कोर्टमार्शल द्वारा मुकदमा चलाया जा सकता है।
- नरसंहार के बाद रवींद्र नाथ टैगोर ने नाइट की उपाधि त्याग दी।
- 1920 में हंटर आयोग ने डायर की इस कृत्य के लिए निंदा की। तथा ब्रिगेड कमांडर के पद से त्यागपत्र देने के निर्देश दिए। मोंटेग्यू को लिखे पत्र में भारत में इसे कोई रोजगार न देने की सूचना दी गई।
- 13 मार्च 1940 को लंडन के कैक्सटन हॉल में भारतीय स्वतंत्रता सेनानी ऊधम सिंह द्वारा माइकल ओड्यार की हत्य़ा कर दी गई जिन्होंने डायर के गोली चलाने के निर्देश को मंजूरी दी थी।
जलियांवाला बाग के संरक्षण हेतु कदम-
- 1951 में जलियांवाला बाग में जान गवाने वाले लोगों की स्मृति में एक स्मारक का निर्माण किया गया।
- 2019 में जलियांवाला बाग के नृशंस घटना को पुनर्जीवित करने के लिए याद ए जलियाँ नामक संग्रहालय की स्थापना की गई।
- 28 अगस्त 2021 को भारत के प्रधानमंत्री ने बाग के पुनरनिर्मित परिसर का उद्घाटन किया।
- पुनरनिर्मित परिसर में आए कुछ ऐतिहासिक तथ्यों में विवाद के कारण उन मुद्दों में सुधार हेतु विशेषज्ञों के निर्देशन में बाग के वर्तमान दशा की जांच होनी है।
भारत में ऐतिहासिक स्मारकों के संरक्षण हेतु प्रावधान-
- भारत में पुरातन स्मारकों के संरक्षण हेतु प्रथम कानून 1810 का बंगाल रेगुलेशन-19 था।
- इसके बाद 1817 का मद्रास रेगुलेशन-7 पारित किया गया। बंगाल व मद्रास रेगुलेशन के द्वारा सार्वजनिक स्मारकों के दुरूपयोग के खतरे के समय सरकार को हस्तक्षेप करने की शक्ति प्राप्त हुई।
- ऐतिहासिक महत्व के निजी स्मारकों के संरक्षण के लिए 1863 का अधिनियम 20 लागू किया गया।
- लॉर्ड कर्जन द्वारा पारित प्राचीन स्मारक संरक्षण अधिनियम 1904 पारित किया गया, इसके द्वारा सार्वजनिक व निजी महत्व के ऐतिहासिक महत्व के स्मारकों को संरक्षण प्रदान किया गया। यह अधिनियम निरस्त नहीं किया गया अतः यह अब भी लागू माना जाता है।
- स्वतंत्रता के बाद प्राचीन और ऐतिहासिक स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष (राष्ट्रीय महत्व की घोषणा) अधिनियम, 1951 द्वारा ऐतिहासिक स्मारकों को पुनः राष्ट्रीय महत्व के स्मारक घोषित किया गया।
- अधिनियम को संवैधानिक प्रावधानों के बराबर लाने और देश की पुरातात्विक संपदा को बेहतर और प्रभावी संरक्षण प्रदान करने के लिए, 28 अगस्त 1958 को प्राचीन और ऐतिहासिक स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम 1958 लागू किया गया। यह अधिनियम प्राचीन और ऐतिहासिक स्मारकों और पुरातात्विक स्थलों और राष्ट्रीय महत्व के अवशेषों के संरक्षण के लिए, पुरातात्विक खुदाई के नियमन के लिए और मूर्तियों, नक्काशी और अन्य समान वस्तुओं के संरक्षण प्रदान करता है।
- 9 सितंबर 1972 को प्राचीन वस्तुओं और कला खजाने से युक्त चल सांस्कृतिक संपत्ति पर प्रभावी नियंत्रण के लिए अधिनियमित किया गया था।
स्रोत-
https://indianexpress.com/article/india/jallianwala-bagh-renovation-govt-to-send-experts-agrees-to-address-issues-8188375/
https://indianculture.gov.in/hi/stories/jalaiyaanvaalaa-baaga-narasanhaara
http://www.asijodhpurcircle.in/act-and-rule
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