06 Aug नए दौर में भारत-मालदीव संबंध
संदर्भ क्या है?
- मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह ने हाल ही में भारत की यात्रा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह के बीच हुई शिखर वार्ता के बाद भारत और मालदीव ने छह समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
- दोनों देशों के बीच क्षमता निर्माण, साइबर सुरक्षा, आवास, आपदा प्रबंधन और बुनियादी ढांचे में सहयोग बढ़ाने को लेकर समझौते हुए हैं।
मालदीव भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है ?
- मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र में भारत का प्रमुख पड़ोसी देश है और भारत की नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी में एक विशेष स्थान रखता है। हाल के वर्षों में, इस साझेदारी ने सहयोग के सभी क्षेत्रों में तेजी से विकास देखा है।
- हिन्द महासागर में मालदीव की सामरिक अवस्थिति अंतर्राष्ट्रीय सागरीय मार्ग वाले तेल व्यापार के लिए अति महत्वपूर्ण है। अदन की खाड़ी, मलक्का और हॉर्मुज जलसंधियों के मध्य हिन्द महासागर में मालदीव की केंद्रीय स्थिति देखी जा सकती है। भारत की पहल पर नवंबर 2018 में मालदीव को इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन का सदस्य बनाया गया है।
- हिन्द महासागर में मालदीव की सामरिक अवस्थिति भारत के हितों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। हिन्द महासागर में मालदीव के क्षेत्र में स्थित अंतर्राष्ट्रीय समुद्री जहाज मार्ग भारत, जापान और चीन की ऊर्जा आपूर्ति की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। मात्रात्मक और मूल्यात्मक दृष्टि से भारत का अधिकांश अंतर्राष्ट्रीय व्यापार हिन्द महासागर में स्थित मालदीव के पास से समुद्री रास्ते से होता है ।
- मालदीव भारत के लिए सागरीय अर्थव्यवस्था या ब्लू इकोनॉमी के विकास के लिए काफी महत्वपूर्ण है। अंडमान निकोबार द्वीपसमूह, लक्षद्वीप के तटीय क्षेत्र की सुरक्षा के लिए भी यह आवश्यक है।
- चीन श्रीलंका, बांग्लादेश और पाकिस्तान के साथ डेब्ट डिप्लोमसी चल रहा है। ऐसे में मालदीव सरकार को अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए भारत जैसा विश्वसनीय मित्र नहीं मिल सकता।
- भारत और मालदीव सार्क के सदस्य है और दक्षिण एशिया में विश्वसनीय भागीदार हैं।
- चीन भारत के पडौस में अपना सैन्य बेस और जासूसी गतिबिधियों के रूप में अपना प्रभाव स्थापित कर रहा है । ऐसे में भारत मालदीव के साथ विश्वसनीय आर्थिक भागीदारी के द्वारा चीन का हिन्द महासागर में प्रतिसंतुलित कर सकता है।
भारत मालदीव के लिए क्यों महत्वपूर्ण है ?
- चीन श्रीलंका, बांग्लादेश और पाकिस्तान के साथ डेब्ट डिप्लोमसी चल रहा है। ऐसे में मालदीव सरकार को अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए भारत जैसा विश्वसनीय मित्र नहीं मिल सकता।
- मालदीव के लोगों के लिए शिक्षा, चिकित्सा और व्यापार के लिहाज से भारत एक प्राथमिकता वाला देश है।
हाल ही में व्यापक भागीदारी
पिछले कुछ वर्षों में भारत और मालदीव के मित्रतापूर्ण संबंधों में मजबूती आयी है, हमारी नजदीकियां बढ़ी है। महामारी से पैदा हुई चुनौतियों के बावजूद हमारा सहयोग एक व्यापक भागीदारी का रूप लेता जा रहा है।
- ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्टस की शुरुआत काफी उल्लेखनीय कदम है । यह मालदीव का सबसे बड़ा इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट होगा।
- भारत ने हाल ही में ग्रेटर माले में 4000 सोशल हाउसिंग यूनिट्स के निर्माण के प्रोजेक्ट्स की समीक्षा की ।भारत इसके अतिरिक्त 2000 सोशल हाउसिंग यूनिट्स के लिए भी वित्तीय सहयोग देगा ।
- भारत ने 100 मिलियन डॉलर की अतिरिक्त लाइन ऑफ क्रेडिट देने का निर्णय भी किया है, ताकि सभी परियोजनाएं समय-बद्ध तरीके से पूरी हो सकें।
- हिन्द महासागर में ट्रांस-नेशनल अपराध, आतंकवाद तथा ड्रग्स तस्करी का खतरा गंभीर है और इसलिए, रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में भारत और मालदीव के बीच करीबी संपर्क और समन्वय पूरे क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। इन सभी साझा चुनौतियों के ख़िलाफ़ भारत ने अपना सहयोग बढ़ाया है। इसमें मालदीव के सुरक्षा अधिकारीयों के लिए सक्षमता निर्माण और प्रशिक्षण सहयोग भी शामिल है। भारत मालदीव सुरक्षा बल के लिए 24 वाहन और एक नेवल बोट भी प्रदान करेगा। हम मालदीव के 61 द्वीपों में पुलिस सुविधाओं के निर्माण में भी सहयोग करेंगे।
- मालदीव सरकार ने 2030 तक कार्बन उत्सर्जन को नेट जीरो करने का लक्ष्य रखा है। भारत इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मालदीव को हर संभव सहयोग देगा। भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर One World, One Sun, One Grid पहल उठाई है, और इसके तहत भारत मालदीव के साथ प्रभावी कदमउठा सकता है।
- आज भारत-मालदीव पार्टनरशिप न सिर्फ दोनों देशों के नागरिकों के हित में काम कर रही है, बल्कि क्षेत्र के लिए भी शांति, स्थिरता और समृद्धि का स्रोत बन रही है।
- मालदीव की किसी भी जरुरत या संकट में भारत त्वरित सहयोग और पहल कर रहा है ।
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