02 Jan नववर्ष
नववर्ष
संदर्भ- प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी नववर्ष को देश दुनियाँ में धूमधाम से मनाया गया। एक नए उत्साह व ऊर्जा के साथ संकल्प लिए गए।
प्नचलित नववर्ष का प्रारंभ
- कहा जाता है कि बेबीलोनियन लोगों ने पहली बार 2000 ई.पू. मे अकीतु नामक त्योहार मनाया था जिसमें उन्होंने राजा को ताज पहनाकर, खेती के मौसम की शुरुआत करते हुए उत्सव के रूप में नया साल मनाया था। बेबीलोनियन में नया साल 21 मार्च को मनाया जाता था। सभी संकल्पों में से एक संकल्प सभी उधार लिए गए कृषि उपकरणों की वापसी थी।
- रोम के तानाशाह जूलियन सीजर ने जूलियन कैलेंडर की शुरुआत की और पहली बार 1 जनवरी को नव वर्ष का उत्सव मनाया गया।
- जूलियन कैलेंडर में कुछ सुधारों के साथ ग्रेगोरियन कैलेंडर की शुरुआत की गई जिसे पोप ग्रेगोरी ने शुरु किया था।
भारत में प्रमुख कैलेंडर या सम्वत्-
विक्रम संवत-
- ईसा से 57 वर्ष पूर्व चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को इस सम्वत का प्रारंभ हुआ था।
- विद्वानों की मान्यता के अनुसार यह सम्वत भारतीय उपमहाद्वीप में उज्जैन के राजा विक्रमादित्य के द्वारा शकों को पराजित करने के उपलक्ष्य में प्रारंभ किया गया।
- यह सम्वत प्रणाली कृत व मालव सम्वत के नाम से भी जानी जाती है। मालव सम्वत विक्रम संवत से पूर्व 68 ई.पू. में प्रचलन में आया था।
- उत्तर भारत में विक्रम संवत का प्रारंभ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को और अंत चैत्र माह के कृष्ण प्रटिपदा को होता है। दक्षिण में विक्रम संवत का प्रारंभ कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को और अंत आश्विन कृष्ण अमावस्य़ा को होता है।
- उत्तरी विक्रम सम्वत के महीने पूर्णिमांत व दक्षिणी विक्रम सम्वत के महीने अमान्त(अमावस्या में अंत) कहे जाते हैं।
शक सम्वत-
- इस सम्वत का प्रारंभ कुषाण राजा कनिष्क ने 78 ई. को प्रारंभ किया था।
- शक सम्वत का सबसे प्राचीन उल्लेख चालुक्य वल्लभेश्वर के शिलालेख में किया गया है। जिसमें 465 शक सम्वत की तिथि उत्कीर्ण की गई है।
- 13 वी व 14 वी शताब्दी के शिलालेखों में सम्वत को शालिवाहन कहा गया है।
- चैत्र प्रतिपदा 1879 अर्थात 22 मार्च सन 1957 के दिन शक सम्वत को भारत के राष्ट्रीय कैलेंडर के रूप में अपनाया गया।
सप्तर्षि सम्वत
- सप्तर्षि सम्वत को भारत का प्राचीन सम्वत माना जाता है। इसका प्रारंभ 3076 ई. पू. में माना जाता है।
- इसका प्रयोग मध्यकाल में कश्मीर क्षेत्र में किया गया था। बौद्ध ग्रंथ महावंश में अशोक के राज्याभिषेक की तिथि सप्तर्षि सम्वत में ही दी गई थी।
- इसे लौकिक सम्वत के रूप में भी जाना जाता था।
गुप्त सम्वत
- गुप्त साम्राज्य के शासक चन्द्रगुप्त प्रथम ने अपने राज्यारोहण के उपलक्ष्य में गुप्त सम्वत (319 ई.) का प्रारंभ किया।
- गुप्त काल के शिलालेखों में गुप्त सम्वत की तिथियां देखी जा सकती हैं।
वीर निर्वाण सम्वत्
- वीर निर्वाण सम्वत का नववर्ष, दीपावली (कार्तिक कृष्ण अमावस्य़ा) के अगले दिन होता है।
- दीपावली के दिन महावीर स्वामी को निर्वाण प्राप्त हुआ था। महावीर स्वामी का निर्वाण वर्ष 527 ई.पू. माना जाता है।
हिजरी सम्वत
- मोहर्रम की पहली तारीख को इस्लामी नववर्ष शुरु होता है। जिसे हिजरी कहा जाता है।
- इसका प्रारंभ हजरत मुहम्मद साहब के मक्का शहर से मदीना में प्रवास या हिजरत करने पर हुआ था।
- यह सम्वत चन्द्र आधारित है।
स्रोत
No Comments