निजता की सुरक्षा

निजता की सुरक्षा

निजता की सुरक्षा

संदर्भ- हाल ही में प्रस्तावित बजट 2023-24, डिजीटलीकरण व प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देता है लेकिन निजता के मौलिक अधिकार के लिए यह प्रोत्साहन जोखिम पैदा कर सकता है।

निजता – निजता किसी व्यक्ति या समूह द्वारा अपनी जानकारी को निजी रखने या सार्वजनिक न करने की स्थिति को निजता कहलाती है। निजता का अर्थ है स्वायत्तता का अधिकार। निजता के अधिकार की आवश्यकता सोशल मीडिया के प्रसार साथ बढ़ती जा रही है। जो सुविधाओं के साथ नई समस्याओं को जन्म देती है। उपभोक्ताओं द्वारा अपनी निजी जानकारी प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से इस मंच को प्रदान की जाती है। जैसे-

  • विभिन्न एप्लीकेशन में साइन इन करने के लिए इन सूचनाओं की आवश्यकता होती है। जो आसानी से उपभोक्ता द्वारा प्रदान की जाती है।
  • कई मामलों में इन सूचनाओं को याद न रख पाने की स्थिति में ऑनलाइन प्लैटफॉर्म पर अत्यंत निजी सूचनाएं जैेसे नाम, जन्मतिथि, पहचान नम्बर, पासवर्ड आदि भी सेव कर दी जाती है।

संभावित समस्याएं

  • सामाजिक सुरक्षा- इण्टरनेट के साथ अत्यधिक सहज होने के कारण सामाजिक सुरक्षा को भी खतरा हो गया है जैसे अभद्र, अश्लील भाषा व चित्रों का प्रयोग करके किसी को परेशान किया जा सकता है। इसे साइबर बुलिंग भी कहा जाता है। साइबर बुलिंग, असुरक्षा के भाव को बढ़ा सकता है।
  • धोखाधड़ी की घटनाएं- इण्टरनेट पर आसानी से प्राप्त किसी की जानकारी से ऑनलाइन माध्यमों द्वारा लेनदेन कर धोखाधड़ी को अंजाम दिया जा सकता है।
  • नकली पहचान पत्र- ऑनलाइन माध्यमों से प्राप्त किसी की निजी जानकारी का प्रयोग कर नकली पहचान पत्र जैसे पासपोर्ट, आधार कार्ड आदि बनाए जा सकते हैं। यह आतंकावादी घटनाओं को बढ़ने में सहायक हो सकता है। और किसी निर्दोष को आतंकवादी या अपराधी सिद्ध कर सकता है।

निजता के अधिकार हेतु संवैधानिक प्रावधान

अनुच्छेद 21-  

  • निजता का अधिकार एक मौलिक अधिकार है जो प्रत्येक व्यक्ति के व्यक्तिगत अधिकारों की रक्षा करती है।
  • निजता का अधिकार, संविधान में दिए गए जीवन के अधिकार के व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार के अंतर्गत निहित है।
  • भारतीय संविधान में कोई भी व्यक्ति किसी भी प्राधिकरण से अपनी निजी जानकारी प्राप्त कर सकता है। 
  • कोई भी संस्था या अथॉरिटी उसे निजी जानकारी सांझा करने के लिए बाध्य नहीं कर सकती।  न्यायालय की कार्यवाही के दौरान आए समन निजी जानकारी सांझा करने का आदेश होता है किंतु निजी जानकारी सांझा करने व न करने के लिए व्यक्ति स्वतंत्र होता है। 

पर्सनल डेटा प्रोटैक्शन बिल 2019- 

  • बिल में व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा के लिए तंत्र स्थापित करने का प्रावधान है।
  • इस विधेयक में राइट टू बी फॉरगोटन को शामिल किया गया है। राइट टू बी फॉरगोटन के तहत किसी व्यक्ति को इण्टरनेट या किसी वेबसाइट से निजी जानकारी को हटाने का अधिकार है जब वह सूचना प्रासंगिक नहीं रह जाती।
  • इसमें किसी व्यक्तिगत डेटा के अनधिकृत उपयोग को रोकने का प्रावधान है। किंतु इस विधेयक में बच्चों की व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा का कोई प्रावधान नहीं है। 
  • दण्ड- बिल के उल्लंघन में किसी के व्यक्तिगत डाटा को प्रसारित करना या दुरुपयोग करने से 15 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। सहमति के बिना डिआइडेंटिफाइड डेटा के दोबारा प्रसंस्करण करने पर तीन साल तक की कैद व जुर्माना दोनों लगाया जा सकता है।

भारत में सरकार द्वारा देश की प्रगति हेतु प्रौद्योगिकी के विकास के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। फरवरी 2023-24 में घोषित बजट में भी भारत के डिजीटलीकरण पर जोर दिया गया है।

आधुनिक प्रौद्योगिकी हेतु बजट-

डिजीटल इंडिया कार्यक्रम- वर्तमान बजट में डिजीटल भारत की परिकल्पना के लिए डिजीटल इंडिया मिशन की योजनाओं के लिए 4995 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है जैसे-

  • पीएम श्री- इस योजना के तहत भारत के प्राचीन शिलालेखों के संरक्षण के लिए इनका डिजीटलीकरण किया जाएगा। 
  • राष्ट्रीय डिजीटल पुस्तकालय- यह विभिन्न भाषा, शैलियों तथा विभिन्न स्तर की पुस्तकों की उपलब्धता के लिए स्थापित किया जाएगा। सरकार गैर सरकारी संगठनों के साथ सहयोग कर सभी उम्र के नागरिकों को पढ़ने के लिए प्रेरित करने हेतु गुणवत्तापूर्ण पुस्तक उपलब्ध करवाएगी।
  • आर्टिफिशियल इंटैलिजेंस के लिए उत्कृष्टता केंद्र- शैक्षणिक संस्थानों में आर्टिफिशियल इंटैलिजेंस को बढ़ावा देने के लिए तीन केंद्रों की स्थापना का प्रावधान किया गया है। ये केंद्र उद्योगों के सहयोग के साथ अनुसंधान करेंगे।इसके साथ कृषि, स्वास्थ्य व शहरी क्षेत्रों की समस्याओं का समाधान करने के लिए इसका प्रयोग किया जा सकेगा।
  • डेटा गवर्नेंस पॉलिसी- स्टार्ट अप के नए उद्यमियों और शिक्षाविदों को इसके साथ नवाचार व अनुसंधान में सहायता करेगी। 
  • 5 जी सेवाएं- अवसरों व रोजगार की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए 5 जी सेवाओं के अनुप्रयोग के लिए इंजीनियरिंग संस्थानों में 100 प्रयोगशालाओं का निर्माण किआ जाएगा।
  • ई – कोर्ट परियोजनाएं प्रारंभ करने की भी घोषणा की गई है।

डिजीटल इंडिया में निजता की सुरक्षा हेतु वर्तमान बजट मे डिजीटल इंटैलिजेंस यूनिट, राष्ट्रीय डेटा गवर्नेंस पॉलिसी, डेटा सुरक्षा व साइबर सुरक्षा की घोषणा की गई है।

आगे की राह- 

  • जागरुकता डिजीटलीकरण के फायदों के साथ उसके खतरों के लिए ग्राहकों को जागरुक करना। जैसे निजी सूचना के आदान प्रदान व चोरी से होने वाली आपराधिक गतिविधियों के बारे में जागरुक करना।
  • डेटा सुरक्षा हेतु कानून- डेटा सुरक्षा हेतु कानून पारित करना, जिसमें डेटा चोरी के लिए कठोर दण्ड का प्रावधान हो।
  • बच्चों से जुड़े साइबर अपराधों के लिए कानून में अलग प्रावधान रखा जा सकता है। 
  • बच्चों को साइबर अपराध से जुड़ी घटनाओं से अवगत कराना,
  • साइबर अपराध व साइबर सुरक्षा संबंधी शिक्षा, विद्यालयी स्तर पर दी जा सकती है।

स्रोत

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