04 Feb पांच नदी-जोड़ने की परियोजना: केंद्रीय बजट
- केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में भारत में ‘पांच नदियों को जोड़ने वाली परियोजनाओं’ का प्रस्ताव रखा है।
परियोजना के लिए पहचानी गई नदियां:
- गोदावरी-कृष्णा, कृष्णा-पेन्नार और पेन्नार-कावेरी, दमनगंगा-पिंजाल और पर-तापी-नर्मदा।
इन नदियों का संक्षिप्त विवरण:
- कृष्णा नदी भारत की चौथी सबसे बड़ी नदी है। यह महाराष्ट्र के महाबलेश्वर से निकलती है और महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से होकर बहती है।
- कावेरी नदी ‘कोडागु’ से निकलती है और कर्नाटक और तमिलनाडु से होकर बहती है।
- पेन्नार नदी ‘चिक्कबल्लापुरा’ से निकलती है और कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश से होकर बहती है।
- गोदावरी नदी भारत की तीसरी सबसे बड़ी नदी है। यह नासिक से निकलती है और महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा से होकर बहती है।
- दमनगंगा-पिंजाल नदी जोड़ने की परियोजना का उद्देश्य मुंबई शहर के लिए घरेलू पानी उपलब्ध कराने के लिए दमनगंगा बेसिन से अधिशेष पानी को शहर की ओर मोड़ना है।
- ‘पर-तापी-नर्मदा परियोजना‘ के तहत, उत्तरी महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के पश्चिमी घाट क्षेत्र में स्थित सात जलाशयों से अतिरिक्त पानी को कच्छ और सौराष्ट्र के संदिग्ध क्षेत्रों में मोड़ने का प्रस्ताव है।
इंटरलिंकिंग के लाभ:
- जल और खाद्य सुरक्षा में वृद्धि
- पानी का उचित उपयोग
- कृषि को बढ़ावा
- आपदा न्यूनीकरण
- परिवहन को बढ़ावा
संबंधित विवाद और चिंताएं:
- नदियों को आपस में जोड़ना बहुत महंगा प्रस्ताव है। इससे लाखों लोगों की भूमि, जंगल, जैव विविधता, नदियों और आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
- नदियों को आपस में जोड़ने से जंगलों, आर्द्रभूमियों और स्थानीय जल निकायों का विनाश होगा। आर्द्रभूमि भूजल पुनर्भरण का एक प्रमुख तंत्र है।
- ऐसी परियोजनाओं से लोगों का बड़े पैमाने पर विस्थापन होता है। यह विस्थापितों के पुनर्वास के मुद्दे से निपटने के लिए सरकार पर भारी बोझ डालता है।
- नदियों को आपस में जोड़ने से समुद्र में गिरने वाले ताजे पानी की मात्रा कम होगी और समुद्री जीवन को गंभीर खतरा होगा।
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