01 Jun पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन
- हाल ही में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने COVID-19 महामारी के दौरान अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों के लिए ‘पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन’ योजना के तहत विभिन्न सुविधाएं जारी की हैं।
‘पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन‘ योजना के बारे में:
- यह योजना मई 2021 में शुरू की गई थी।
- उद्देश्य: COVID से प्रभावित बच्चों की मदद करना और उन्हें सशक्त बनाना।
- पात्रता: उन सभी बच्चों को, जिन्होंने COVID-19 के कारण माता-पिता या माता-पिता या जीवित अभिभावक या कानूनी अभिभावक/दत्तक माता-पिता दोनों को खो दिया है, उन्हें ‘पीएम-केयर्स फॉर चिल्ड्रन’ योजना के तहत सहायता दी जाएगी।
इस योजना के मुख्य बिंदु:
- बच्चे के नाम पर सावधि जमा: 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले प्रत्येक बच्चे के लिए 10 लाख रुपये का एक कोष गठित किया जाएगा।
- स्कूली शिक्षा: 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को नजदीकी केंद्रीय विद्यालय या निजी स्कूल में दिन के विद्वानों के रूप में प्रवेश दिया जाएगा।
- स्कूली शिक्षा: 11-18 वर्ष की आयु के बच्चों को केंद्र सरकार के किसी भी आवासीय विद्यालय जैसे सैनिक स्कूल, नवोदय विद्यालय आदि में प्रवेश दिया जाएगा।
- उच्च शिक्षा के लिए सहायता: मौजूदा शिक्षा ऋण मानदंडों के अनुसार भारत में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों/उच्च शिक्षा के लिए शिक्षा ऋण प्राप्त करने में बच्चे की सहायता की जाएगी।
- स्वास्थ्य बीमा: ऐसे सभी बच्चों को 5 लाख रुपये के स्वास्थ्य बीमा कवर के साथ ‘आयुष्मान भारत योजना’ (पीएम-जेएवाई) के तहत लाभार्थी के रूप में नामांकित किया जाएगा।
इन उपायों की आवश्यकता:
- भारत वर्तमान में COVID-19 महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा है और इस महामारी के कारण कई बच्चों के माता-पिता की मृत्यु की संख्या बढ़ रही है।
- इसके साथ ही इन बच्चों को गोद लेने की आड़ में बाल तस्करी की संभावना भी बढ़ गई है।
- COVID-19 के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान ‘बाल विवाह’ से संबंधित मामलों में भी वृद्धि हुई है।
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