‘पे रोल ऑटोमेशन’ (PADMA)

‘पे रोल ऑटोमेशन’ (PADMA)

भारतीय तटरक्षक बल के लिये एक स्वचालित वेतन और भत्ता मॉड्यूल के लिए हाल ही में रक्षा मंत्रालय ने ‘मासिक भत्तों के वितरण के लिये पे रोल ऑटोमेशन’ (PADMA) का उद्घाटन किया।

मुख्य बिंदु:

    •  15,000 भारतीय तटरक्षक कर्मियों को वेतन और भत्तों का निर्बाध एवं समय पर वितरण सुनिश्चित करने हेतु PADMA नवीनतम तकनीक का लाभ उठाने वाला एक स्वचालित मंच है।
    • वेतन लेखा कार्यालय तटरक्षक, नोएडा द्वारा संचालित किया जाएगा और यह मॉड्यूल रक्षा लेखा विभाग के तत्त्वावधान में विकसित किया गया है ।
  • महत्त्व:

    • इस पहल की नींव रक्षा लेखा विभाग मुख्यालय द्वारा मंत्रालय के तहत सभी संगठनों के लिये ‘वन स्टॉप पे अकाउंटिंग’ समाधान प्रदान करने के लिये रखी जा रही है।
    • PADMA के लॉन्च से डिजिटल इंडिया विज़न की अवधारणा को मज़बूती मिलेगी। साथ ही यह एक ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल है क्योंकि पूरे मॉड्यूल को डोमेन विशेषज्ञों द्वारा सहायता प्राप्त भारतीय उद्यमियों ने डिज़ाइन और विकसित किया है।
  • भारतीय तटरक्षक बल:

    • रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत भारत की एक समुद्री कानून प्रवर्तन और खोज एवं बचाव एजेंसी है, इसका क्षेत्राधिकार इसके निकटवर्ती क्षेत्र एवं अनन्य आर्थिक क्षेत्र सहित अपने क्षेत्रीय जल पर है।
      • सन्निहित क्षेत्र: क्षेत्रीय समुद्र के बाहरी किनारे बेसलाइन से 24 समुद्री मील तक फैला होता है।
      • विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ): एक विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें व्यापार और व्यापार कानून देश के बाकी हिस्सों से अलग हैं।
    • ICG का गठन 1971 के युद्ध के बाद रुस्तमजी समिति की सिफारिशों के आधार पर किया गया।
    • प्रमुख कार्य:
      • ICG के प्राथमिक कर्तव्यों में से एक समुद्री मार्गों से तस्करी को रोकना है।
        • सन्निहित क्षेत्र और अनन्य आर्थिक क्षेत्र (EEZ) सहित भारत के क्षेत्रीय जल पर इसका अधिकार क्षेत्र है।
      • बाढ़, चक्रवात एवं अन्य प्राकृतिक आपदाओं के दौरान नागरिकों को सहायता प्रदान करना ।
      • अंतर्राष्ट्रीय समुद्री अपराधों का मुकाबला करने और अपने अधिकार वाले क्षेत्र के साथ ही हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा बढ़ाने हेतु तटवर्ती देशों के साथ भी सहयोग करता है।
      • महासागरों में व्यावसायिक संबंधों का विकास करने हेतु सागर पहल (Security and Growth for All in the Region-SAGAR) तथा नेबरहुड फर्स्ट’ (Neighborhood First) की नीति के तहत ICG  महासागर शांति स्थापना के लिये हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के साथ संबंध स्थापित किये हैं।

केंद्रीकृत और विकेंद्रीकृत भुगतान प्रणाली

भारत में केंद्रीकृत भुगतान प्रणाली में रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) प्रणाली और राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक निधि अंतरण (NEFT) प्रणाली किसी भी अन्य प्रणाली के रूप में शामिल होंगे जिस पर समय-समय पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निर्णय लिया जा सकता है।

  • RTGS: यह बड़े लेन-देनों के लिये लाभार्थियों के खाते में वास्तविक समय पर धनराशि के हस्तांतरण की सुविधा को सक्षम बनाता है।
  • NEFT: यह एक देशव्यापी भुगतान प्रणाली जहाँ 2 लाख रुपए तक के फंड ट्रांसफर करने के लिए  इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से धन के हस्तांतरण की सुविधा है।
  • विकेंद्रीकरण भुगतान प्रणाली में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समाशोधन व्यवस्था [चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS)] के साथ-साथ अन्य बैंक [एक्सप्रेस चेक क्लियरिंग सिस्टम (ECCS) केंद्रों की जाँच] और किसी अन्य प्रणाली के रूप शामिल होंगे जिसमें समय-समय पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निर्णय लिया जाएगा।
    • चेक ट्रंकेशन: यह भुगतानकर्त्ता बैंक द्वारा भुगतानकर्त्ता बैंक शाखा के रास्ते में किसी बिंदु पर ड्रॉअर द्वारा जारी किये गए भौतिक चेक के प्रवाह को रोकने की प्रक्रिया है।

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