12 Feb प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY)
- हाल ही में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री ने राज्यसभा में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के संबंध में जानकारी दी|
- COVID-19 महामारी के कारण वित्तीय वर्ष 2020-21 को छोड़कर, योजना के तहत सभी राष्ट्रीय स्तर के लक्ष्यों को इसकी स्थापना के बाद से लगातार पूरा किया गया है।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना:
- सरकार ने गैर-कॉर्पोरेट, गैर-कृषि लघु/सूक्ष्म उद्यमों को 10 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान करने के लिए वर्ष 2015 में यह योजना शुरू की थी।
- यह योजना बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और सूक्ष्म वित्त संस्थानों (एमएफआई) जैसे विभिन्न वित्तीय संस्थानों के माध्यम से गैर-कॉर्पोरेट लघु व्यवसाय क्षेत्र को वित्तपोषण प्रदान करती है।
- मुद्रा यानी माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी लिमिटेड सरकार द्वारा स्थापित एक वित्तीय संस्थान है।
मुद्रा ऋण तीन श्रेणियों में प्रदान किए जाते हैं – ‘शिशु‘, ‘किशोर‘ और ‘तरुण‘:
- शिशु: 50,000 रुपये तक का ऋण।
- किशोर: 50,000 रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक के ऋण।
- तरुण: 5 लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक के ऋण।
उपलब्धियां:
- अप्रैल 2015 में पीएमएमवाई की स्थापना के बाद से अब तक 53 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण वितरित किए जा चुके हैं।
- मुद्रा योजना के तहत समाज के वंचित वर्गों जैसे महिला उद्यमियों, एससी/एसटी/ओबीसी और अल्पसंख्यक समुदाय के कर्जदारों आदि को ऋण दिया गया है। यह नए उद्यमियों पर भी ध्यान केंद्रित करता है।
- श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुसार, पीएमएमवाई ने वर्ष 2015 से वर्ष 2018 तक कुल 12 करोड़ अतिरिक्त रोजगार सृजित करने में मदद की है।
- रोजगार में अनुमानित वृद्धि के अनुसार 12 करोड़ में 69 लाख महिलाएं (62 प्रतिशत) शामिल हैं।
योजना में सुधार के लिए उठाए गए कदम:
- Psbloansin59minutes और उद्यमी मित्र पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन का प्रावधान।
- कुछ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) ने स्वचालित प्रतिबंधों के साथ PMMY के तहत संपूर्ण डिजिटल ऋण दिया है।
- हितधारकों के बीच योजना की दृश्यता बढ़ाने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और मुद्रा लिमिटेड द्वारा गहन प्रचार अभियान।
- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में मुद्रा नोडल अधिकारियों का नामांकन।
- पीएमएमवाई आदि से संबंधित पीएसबी के प्रदर्शन की आवधिक निगरानी।
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