बालियात्रा : इण्डोनेशिया व भारत के ऐतिहासिक संबंध

बालियात्रा : इण्डोनेशिया व भारत के ऐतिहासिक संबंध

बालियात्रा : इण्डोनेशिया व भारत के ऐतिहासिक संबंध

संदर्भ- हाल ही मे G20 शिखर सम्मेलन के मौके पर भारत के प्रधानमंत्री ने बाली यात्रा का उल्लेख किया जो भारत और इण्डोनेशिया समेत अन्य दक्षिण पूर्वी राज्यों के समुद्री व्यापार व संस्कृति से संबंधित है।

बाली यात्रा- 

  • बाली यात्रा का शाब्दिक अर्थ होता है बालि की यात्रा।
  • यह लगभग 2000 वर्षों से भारत के कलिंग साम्राज्य(वर्तमान उड़ीसा) तथा बाली व अन्य दक्षिणी राज्यो जैसे  जावा, सुमात्रा, बोर्नियो, बर्मा (म्यांमार) और सीलोन (श्रीलंका) जैसे दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र की संस्कृति व संयुक्त व्यापार का एक भव्य मेला था।
  • यह त्योहार महानदी के किनारे कार्तिक पूर्णिमा की रात से प्रारंभ होता है।
  • बालियात्रा भारत के समुद्री व्यापार की ऐतिहासिक परंपरा है जिसे आज भी मनाया जाता है।
  • बाली में इसे मसकबन के तकड़ के रूप में मनाया जाता है।
  • उड़ीसा के नाविकों की बाली, सुमात्रा, जावा, बोर्नियों, बर्मा, सीलोन जैसे देशों की यात्रा पर निकलने के पहले यह उत्सव मनाया जाता था। जिन नावों में वे यात्रा करते थे उन्हें बोइता कहा जाता था। 
  • बोइता- कलिंगवासियों ने बोइता नाम की नावों का प्रयोग किया, इनकी मदद से उन्होंने इण्डोनेशिया द्वीपों के साथ व्यापार किया। इन नावों के निर्माण में तांबे का प्रयोग होता था। इनमें एक बार में 700 व्यक्ति व जानवर सवार किए जा सकते थे। आज भी कागज व केले के पत्ते से बनी नावों को इस त्योहार में पूजा जाता है।
  • वर्तमान बाली महोत्सव में 2100 से अधिक छात्रों ने 35 मिनट में 22000 से अधिक कागज की नाव बनाकर गिनिज वर्ल्ड रिकॉर्ड की श्रेणी में अपना नाम दर्ज किया है।

भारत व दक्षिण पूर्वी एशिया की प्राचीन संस्कृति का इतिहास-

रामायण- भारत व इण्डोनेशिया के सांस्कृतिक सांझेदारी की जानकारी उनके रामायण की संयुक्त संस्कृति से प्राप्त होती है। रामायण महाकाव्य में यवद्वीप यानि जावा का उल्लेख किया गया है। अतः भारत के लोग इण्डोनेशिया से परिचित थे। जावा के प्रम्बानन मंदिर में पूर्णिमा की रात को रामायण के गीतों पर आज भी नृत्य किया जाता है।

मौर्यकाल– भारत के अनेक संस्कृत व बौद्ध ग्रंथों में सुवर्ण भूमि का उल्लेख किया गया है। सुवर्णभूमि, वर्तमान एशिया के दक्षिण पूर्वी क्षेत्र हैं। मौर्य की समुद्री गतिविधि बढ़ जाने से जैसे- मौर्य सम्राट अशोक ने सुवर्णभूमि में धर्म प्रचार हेतु सोन तथा उत्तरा को भेजा था, जिसके बाद भारत व इण्डोनेशिया के बीच व्यापार का मार्ग भी प्रशस्त हुआ।

इण्डोनेशिया के शिलालेख- इण्डोनेशिया के राजवंशों के शिलालेखों कुताई, तुगु व तुरुमनगर में भारत की बौद्धकालीन ऐतिहासिक रिकॉर्ड हैं। 

बोरोबुदुर मंदिर- यह एक बौद्ध मंदिर है जिसका निर्माण शैलेंद्र शासन काल में हुआ यह मंदिर गुप्तवंश की शैली में निर्मित है। वास्तुकला का संचरण संस्कृतियों के संचरण से संबंधित होता है।

चोल साम्राज्य- 1007 ई. में चोलों ने श्री विजय को हराकर भी मलय प्रायद्वीप, जावा, सुमात्रा पर शासन किया। 900-1300 ई. के काल को दक्षिणी पूर्वी एशिया में दक्षिणी व्यापार का आरंभिक युग माना जाता है।

व्यापार-

  • व्यापार की वस्तुओं में  काली मिर्च, दालचीनी, इलायची, रेशम, कपूर, सोना और आभूषण आदि शामिल थे।
  • सुवर्णभूमि ने जंगली किस्म के रेशम की आपूर्ति की।
  • अरबों के आगमन 900-1300 ई. के काल को दक्षिणी पूर्वी एशिया में समुद्री व्यापार का आरंभिक युग माना जाता है।
  • वर्तमान में दक्षिण पूर्वी एशियाई संगठनों के साथ व्यापार, भारत के कुल व्यापार 10.6% है।

वर्तमान में भारत व इण्डोनेशिया

  • भारत व इण्डोनेशिया पड़ोसी देश हैं जो समुद्री सीमा सांझा करते हैं।
  • दोनों देश परस्पर द्विपक्षीय व्यापार में सहयोगी हैं।
  • इसके साथ ही आसियान व भारत मुक्त व्यापार को सांझा करते हैं। आसियान दक्षिण एशियाई देशों का संगठन है। भारत व आसियान मेंं 28 साल की डायलॉग पार्टनरशिप, 18 साल की समिट लेवल इंटरेक्शन और 8 साल की स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप है।
  • भारत व इण्डोनेशिया 2002 से अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा के साथ कॉर्पेट का संचालन कर रही हैं। जिससे अवैध अनरिपोर्टेड अनरेगुलेटिंग फिशिंग, मादक पदार्थों की तस्करी, समुद्री आतंकवाद, समुद्री लूट आदि समुद्री आपराधिक गतिविधियों को समाप्त किया जा सके। 

स्रोत

https://indianexpress.com/article/explained/explained-culture/baliyatra-celebrating-odishas-ancient-links-with-indonesia-and-southeast-asia-8274632/

Yojna IAS Daily current affairs Hindi med 21st November

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