08 May ब्रिटेन में राजशाही की प्रासंगिकता
ब्रिटेन में राजशाही की प्रासंगिकता
संदर्भ- हाल ही में ब्रिटेन के सुप्रसिद्ध बकिंघम पैलेस में चार्ल्स तृतीय की ताजपोशी की गई, ब्रिटेन में ताजपोशी को लेकर उत्साह आज भी राजशाही की प्रासंगिकता का प्रत्यक्ष उदाहरण है।
ब्रिटेन में राजशाही
- ब्रिटेन में राजशाही का उदय प्रारंभिक मध्यकालीन इंग्लैण्ड से हुई जिसमें आसपास के छोटे छोटे राज्य व स्कॉटलैंड शामिल था। 10 वी शताब्दी तक यह सभी राज्य इंग्लैण्ड या स्कॉटलैंड के साथ संगठित हो गए थे। इसे एंग्लो-सैक्सन राजशाही कहा जाता था। संगठित इंग्लैण्ड के पहले राजा एथेल्स्टन को माना जाता है।
- 13वी शताब्दी में इंग्लैण्ड के राजकुमार एडवर्ड प्रथम के द्वारा वेल्स की विजय के बाद वेल्स भी इंग्लैण्ड राजशाही के अंतर्गत आ गया। इसी दौरान मैग्नाकार्टा का प्रवेश प्रशासन में हुआ जिसे आज भी स्वतंत्रता का प्रतीक माना जाता है, इसके द्वारा ब्रिटिश राजशाही की शक्ति कम हुई।
- मध्य काल में राजा के दैवीय अधिकार समस्त विश्व में प्रचलित थे उस समय मैग्नाकार्टा द्वारा इन अधिकारों को चुनौती दी गई।
- 1688 में इंग्लैण्ड की गौरवपूर्ण क्रांति के बाद 1689 में इंग्लैण्ड की संसद में बिल ऑफ राइट्स पारित किया गया। जिससे राजशाही की शक्ति में कमी आई और इंग्लैण्ड प्रशासन की शक्ति संसद को प्राप्त हुई। किंतु सैद्धांतिक रूप से अब भी राजा ही इंग्लैण्ड का शासक था, जो आज भी प्रचलित है।
उत्तराधिकारी का चयन-
- ब्रिटिश शासन के लिए उत्तराधिकारी वंश ,लिंग, वैधता और धर्म आदि के आधार पर चयनित किया जाता है।
- ब्रिटिश उत्तराधिकार से संबंधित एक्ट ऑफ सेटेलमेंट, बिल ऑफ राइट्स, एक्ट ऑफ यूनियन पारित किए गए हैं जिसके द्वारा उत्तराधिकार विषय में विवाद होने की स्थिति में इन नियमों का प्रयोग किया जा सकता है।
- ब्रिटेन में राजा या रानी की प्रथम संतान को उत्तराधिकारी के रूप में चयनित किया जाता है। हालांकि यह सिद्धांत अनिवार्य नहीं है। क्योंकि एडवर्ड VIII ने ताजपोशी के बिना ही राजा के रूप में शासन किया था।
- प्रारंभ से ही ज्येष्ठाधिकार के साथ ही पुरूषों को उत्तराधिकार के लिए प्राथमिकता दी जाती रही है, किंतु 2011 के राष्ट्रमण्डल के अनुसार पुरुषों को वरीयता की परंपरा को समाप्त किया गया है। इसके अनुसार यदि वर्तमान राजा या रानी की ज्येष्ठ संतान पुत्री है तो उसे बेटी होने के कारण उत्तराधिकारी होने के अधिकार से वंचित नहीं किया जाएगा।
- पुरुष प्राथमिकता के साथ ही धर्म का भी उत्तराधिकार पर गहरा असर था, एक्ट ऑफ सैटेलमेंट 1701 के अनुसार हनोवर की सोफिया के वैध प्रोटेस्टेंट वंशज ही उत्तराधिकार बनने के योग्य थे। और उत्तराधिकारी का कैथोलिकों से विवाह करना भी वर्जित था, 2011 में ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमेरून ने इन नियमों की कठोरता को कम करते हुए कैथोलिकों से विवाह करने की अनुमति दे दी गई है।
- परिषद(accession council) एक औपचारिक सलाहकार निकाय या संप्रभु के प्रिवी सलाहकार हैं। जिसकी सलाह राजा बनाने के लिए प्रमुख भूमिका निभाती है।
राजशाही के उत्तरदायित्व
- एक राजतंत्र में, एक राजा या रानी राज्य का प्रमुख होता है।
- राज्य में शासन राजा की सरकार द्वारा किया जाता है, जिसमें राज्य सरकार की सलाह मानने के लिए राजा बाध्य रहता है।
- प्रधानमंत्री सहित राज्य सरकार के प्रमुख मंत्रियों की नियुक्ति राजा द्वारा ही की जाती है।
- संसद सत्रों को आहूत करता है। सभी प्रकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करता है।
- राजा ही राज्य की विधायिका के कानून को पारित करता है अथवा मान्यता देता है।
- द सॉवरेन की इंग्लैण्ड में अब कोई राजनीतिक या कार्यकारी भूमिका नहीं है, फिर भी वह राष्ट्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
- वे राष्ट्र के प्रमुख के रूप में राज्य की एकता व गौरव के लिए कार्य करते हैं। जैसे – राजा और शाही परिवार के अन्य सदस्य ब्रिटेन और राष्ट्रमंडल में 1000 से अधिक दान और संगठनों के संरक्षक हैं।
- ब्रिटेन के राजा या रानी दुनिया भर के 14 अन्य देशों के राज्य के प्रमुख भी हैं, इनमें ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जमैका और न्यूजीलैंड शामिल हैं। इसके साथ ही राजा राष्ट्रमंडल के प्रमुख हैं, जो 54 राज्यों का एक स्वैच्छिक संघ है।
वर्तमान में ब्रिटिश राजशाही की प्रासंगिकता
आज समस्त देशों में लोकतंत्र का बोलबाला है जो आर्थिक हितों को प्रमुखता दे रहा है। वहीं ब्रिटिश प्रशासन लोकतंत्र के साथ राजशाही परंपरा को आज भी निभा रहा है। ब्रिटिश राजशाही को संजोए रखने के कई कारण हो सकते हैं-
- राजस्व- ब्रिटिश राजशाही को सहेजने के लिए ब्रिटिश सरकार जितना खर्च करती है उससे कहीं अधिक यह देश के लिए राजस्व उत्पन्न कर सकती है।
- ब्रांड एंबेसडर- ब्रिटिश राजशाही, ब्रिटिश उत्पादों की ब्रांडिंग देश विदेश में करती है। सम्राट ब्रिटिश व कनाडा सहित 14 अन्य देशों के राज्य प्रमुख व ब्रांड एंबेसडर हैं। एक अनुमान के अनुसार 2022 में राजशाही में देश की ब्रांडिंग के माध्यम से प्रतिवर्ष 1.766 बिलियन पाउंड की वृद्धि करता है।
- विदेश यात्रा व ब्रिटिश सामानों का प्रचार- वे देश विदेश में यात्रा कर उन्हें ब्रिटिश सामानों को अप्रत्यक्ष रूप से पहचान दिलाते हैं।
- व्यापार और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के माध्यम से ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को राजशाही द्वारा दिया जाने वाला अनुमानित लाभ सालाना £150 मिलियन है।
- पर्यटन- राजशाही द्वारा उत्पन्न पर्यटन निश्चित रूप से सबसे अधिक लाभान्वित क्षेत्र है। ब्रिटेन केशीर्ष तीन शाही आवासों – विंडसर कैसल, बकिंघम पैलेस, और होलीरोड पैलेस – ने 2016-17 में 15 लाख, 6 लाख, 4 लाख वार्षिक आगंतुकों को आकर्षित किया। ब्रैंडफाइनेंस की रिपोर्ट में पर्यटन क्षेत्र में कुल £550 मिलियन की वृद्धि का अनुमान लगाया गया था।
इस प्रकार ब्रिटिश राजशाही को आज तक सुरक्षित रखने के लिए यूनाइटेड किंगडम के पास पर्याप्त आर्थिक कारण हैं। जो विश्व विजेता के इतिहास को सुरक्षित रखने के साथ ही अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का एक सफल माध्यम साबित हुआ है।
स्रोत
- The Hindu
- The Hindu business line
- https://www.ucl.ac.uk/constitution-unit/explainers/what-role-monarchy
Yojna daily current affairs hindi med 8 May 2023
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