08 Jun भारत और सूरीनाम
सिलेबस: जीएस 2 / अंतर्राष्ट्रीय संबंध
संदर्भ-
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सूरीनाम की 3 दिवसीय राजकीय यात्रा पर हैं।
- सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिकाप्रसाद संतोखी ने उनके देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘ग्रैंड ऑर्डर ऑफ द चेन ऑफ द येलो स्टार’ से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सम्मानित किया।
- वह यह पुरस्कार पाने वाली पहली भारतीय हैं।
यात्रा की मुख्य विशेषताएं-
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सूरीनाम के अपने समकक्ष चंद्रिकाप्रसाद संतोखी से मुलाकात की और उन्होंने रक्षा, कृषि, सूचना-प्रौद्योगिकी और क्षमता निर्माण सहित कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की।
- दोनों देशों के बीच 3 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए।
- स्वास्थ्य के क्षेत्र में दो समझौता ज्ञापनों और कृषि के क्षेत्र में एक पर हस्ताक्षर किए गए।
- भारत सरकार ने कैरेबियाई देश के बाढ़ राहत प्रयासों में सहायता के लिए सूरीनाम को 5.1 करोड़ रुपये की आवश्यक दवाओं की आपूर्ति की भी घोषणा की।
- भारत ने सूरीनाम में भारतीय मूल के व्यक्तियों की 5वीं और 6वीं पीढ़ी के लिए ओवरसीज सिटीजनशिप ऑफ इंडिया (ओसीआई) सुविधा का विस्तार किया है।
- यह वहां भारतीय प्रवासियों की लंबे समय से लंबित मांग थी।
भारत-सूरीनाम संबंध-
ऐतिहासिक संबंध:
- भारत ऐतिहासिक संबंधों के साथ सूरीनाम के साथ घनिष्ठ, और मैत्रीपूर्ण संबंध साझा करता है।
- 25 नवंबर, 1975 को सूरीनाम की स्वतंत्रता के तुरंत बाद, भारत इसे एक संप्रभु राष्ट्र के रूप में मान्यता देने वाले पहले देशों में से एक था। और भारत ने 1976 में राजनयिक संबंध स्थापित किए।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सहयोग:
- सूरीनाम और भारत सक्रिय रूप से विभिन्न बहुपक्षीय मुद्दों पर सहयोग करते हैं।
- सूरीनाम संयुक्त राष्ट्र के तहत विभिन्न निकायों के चुनावों सहित विभिन्न बहुपक्षीय मंचों पर भारत की उम्मीदवारी का समर्थन करता रहा है।
आर्थिक:
- भारत और सूरीनाम के बीच व्यापार संबंध बढ़ रहे हैं, भारत सूरीनाम को कई उत्पादों का निर्यात कर रहा है, जिसमें फार्मास्यूटिकल्स, कपड़ा और इंजीनियरिंग सामान शामिल हैं।
- भारत सूरीनाम में चावल और सोयाबीन जैसे कृषि उत्पादों के अपने निर्यात को बढ़ाने की भी मांग कर रहा है।
भारतीय प्रवासी:
- 452 भारतीय मजदूरों को लेकर पहला जहाज 5 जून, 1873 को सूरीनाम की राजधानी पारामारिबो पहुंचा। ज्यादातर मजदूर पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के रहने वाले थे।
- भारत-सूरीनाम संबंध भारतीय प्रवासियों के कारण विशेष महत्व रखते हैं, जो सूरीनाम आबादी का 27 प्रतिशत से अधिक है।
- संस्कृति और शिक्षा: सूरीनाम में भारतीय सांस्कृतिक केंद्र 1978 में खोला गया था और हिंदी भाषा, कथक, योग और शास्त्रीय संगीत को बढ़ावा देने में काफी सक्रिय है
- भारत ने सूरीनाम हिंदी परिषद के माध्यम से 2019 तक सूरीनाम में हिंदी के प्रचार के लिए 29500 अमेरिकी डॉलर का वार्षिक अनुदान प्रदान किया।
महत्व-
- गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध भारत-सूरीनाम बहुआयामी और आधुनिक साझेदारी के लिए नींव प्रदान करते हैं।
- हाल की यात्रा के दौरान हस्ताक्षरित समझौतों से व्यापार और आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
- स्वास्थ्य के क्षेत्र में समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करने से भारतीय फार्मा उद्योगों के लिए सूरीनाम में बढ़ावा मिलेगा।
भविष्य का राह-
- दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार काफी कम है। इसको बढ़ाए जाने का प्रयास किया जानी चाहिए।
- फार्मास्यूटिकल्स, आयुर्वेद, कृषि और रक्षा जैसे क्षेत्रों में आगे सहयोग की गुंजाइश है।
- इसलिए आपसी लाभ के लिए द्विपक्षीय व्यापार के विस्तार के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है।
- हालिया यात्रा से भारत-सूरीनाम द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूती मिलेगी।
स्रोत:ऑल इंडिया रेडियो
yojna daily current affairs hindi med 8th June 2023
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