भारत भूटान संबंध

भारत भूटान संबंध

भारत भूटान संबंध

संदर्भ- हाल ही में भूटान के प्रधानमंत्री नामग्याल वांगचुक ने भारत के प्रधानमंत्री से वार्ता की। विदेश सचिव विनय क्वात्रा के अनुसार दोनों देश भारत भूटान सीमा पर पहली एकीकृत जाँच चौकी स्थापित कर सकते हैं। विदेश सचिव के अनुसार अन्य परियोजनाओं के विकास पर भी कार्य किया जा सकता है-

  • कोकराझार गेलूफू रेल परियोजना
  • छूखा पनबिजली योजना
  • बसोचू पनबिजली योजना

भारत द्वारा सहायता प्राप्त भूटान की जल विद्युत परियोजना

  • ताला जल विद्युत् परियोजना (1020 MW)
  • कुरीद्दु जल विद्युत परियोजना (336 MW)
  • चुक्खा जल विद्युत परियोजना (60MW)

भारत भूटान की मित्रता

भारत की उत्तरी सीमा से लगा पड़ोसी देश भूटान प्रारंभ से ही भारत का मित्र रहा है, स्वतंत्रता के बाद 1949 में भारत व भूटान के मध्य सहायता व सहयोग की संधि के कारण यह मित्रता समय के साथ मजबूत हो गई। भूटान के साथ अरुणांचल प्रदेश व तिब्बत की सीमा को चीन स्वीकार नहीं करता है। जो भारत व चीन को विवाद का एक अन्य मुद्दा प्रदान करता है।

भारत भूटान संधि

भारत भूटान मैत्री संधि 1949 इसे दार्जिलिंग संधि भी कहा जाता है, जिसमें भारत व भूटान के मध्य शांति व सहयोग के लिए संधि की गई। इसके साथ ही भारत ने भूटान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने का वचन भी दिया। संधि में दोनों देशों ने एक दूसरे की वचनबद्धता, सम्प्रभुता  के प्रति सम्मान का प्रावधान रखा। इस संधि को 50 वर्ष पूरे होने पर 2017 में पुनः भारत व भूटान ने गुटनिरपेक्ष राज्यों के रूप में पुनः संधि की। 

भारत भूटान सांस्कृतिक समझौता 

भारत भूटान फाउंडेशन- भूटान में बहुसंख्यक लोग बौद्ध धर्म का पालन करते हैं। भूटान के सांस्कृतिक सहयोग के लिए भारत ने 2003 में भूटान के साथ मिलकर भारत भूटान फाउंडेशन की शुरुआत की। इस योजना के उद्देश्य निम्नलिखित हैं-

  • भारत व भूटान के मध्य संपर्क को बढ़ावा देना ।
  • शिक्षा, पर्यावरण व संस्कृति के क्षेत्र में सहयोग।

नेहरु वांगचुंग सांस्कृतिक केंद्र- भारत व भूटान ने सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए थिम्पू में नेहरु वांगचुंग सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना की। 

कोलंबो योजना- एशिया प्रशांत क्षेत्र के आर्थिक व सांस्कृतिक विकास के लिए एक संगठन की स्थापना की जिसमें भूटान भी एक सदस्य देश है। यह एशिया प्रशांत संगठन द्वारा सामूहिक अंतरसरकारी प्रयासों का समर्थन करता है। भारत कोलंबो योजना व आईटीईसी के माध्यम से भूटान को तकनीकि व आर्थिक सहायता करता है।

भारत भूटान आर्थिक संबंध – भारत व भूटान मुक्त व्यापार पर आधारित हैं। भारत व भूटान के मध्य प्रथम वाणिज्यिक समझौता 1972 में किया गया था। इसी समझौते के तहत भारत व भूटान के मध्य व्यापार संचालित होता है। जिसे 2016 में नवीनीकृत किया गया था। भारत व भूटान के संबंध बहुपक्षीय प्रवृत्ति के हैं-

भारत की नीति 2008 के अनुसार भारत, भूटान को निःशुल्क आयात की सुविधा देता है। जिसके तहत भारत सभी अल्पविकसित देशों को निःशुल्क आयात मुहैया कराएगा।

कोलंबो योजना के तहत भारत भूटान को सर्वाधिक आर्थिक सुविधा प्रदान करता है।

बिम्सटेक BIMSTEC, बंगाल की खाड़ी के तटवर्ती या निकटवर्ती देशों के बीच एक आर्थिक सहयोग संगठन है। जो भारत व भूटान के मध्य आर्थिक सहयोग का समर्थन करता है।

सार्क SAARC, देशों में भारत व भूटान दोनों सदस्य देश हैं जो 2006 से मुक्त व्यापार नीति का समर्थन करती है। 

भारत भूटान व्यापार

  • भारत भूटान को मशीनरी, ऑटोमोबाइल, खाद्य पदार्थ, खनिज धातु, पैट्रोलियम आदि निर्यात करता है।
  • भूटान भारत को विद्युत ऊर्जा, धातएँ, रसायन, सीमेंट, लकड़ी, फल, सिल्क व रबर निर्यात करता है।

भारत भूटान संबंधों के विवादास्पद मुद्दे

  • त्रिकोण विवाद – भारत, चीन व भूटान की सीमा के पास स्थित चीन व भूटान के मध्य़ विवाद पर चर्चा करने के लिए चीन भारत से सहमति रखेगा।
  • भूटान में रह रहे बौद्धों की नागरिकता संबंधी विवाद – भूटान में 1959 मे 4000 तिब्बती बौद्धों ने शरण ली थी, चीन के दबाव में आकर भूटान ने इन बौद्धों को भूटान की नागरिकता ग्रहण करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया जिसके तहत यदि ये बौद्ध भूटान की नागरिकता स्वीकार नहीं करते तो इन्हें जबरन तिब्बत भेज दिया जाएगा। भारत इन शरणार्थियों को दी गई दोनों स्थितियों का विरोध करता है, क्योंकि यदि वे भूटान की नागरिकता स्वीकार करते हैं तो तिब्बत की स्वायत्तता का हनन होता है और यदि वे जबरन तिब्बत भेजे जाने पर बौद्धों के राजनीतिक अधिकारों का हनन हो सकता है। 
  • भूटान चीन का थ्री स्टैप रोडमैप – डोकलाम विवाद पर चीन व भूटान के मध्य थ्री स्टैप रोडमैप के लिए वार्ता हो रही है जो भूटान पर चीन के प्रभाव को इंगित करती है। भूटान पर चीन के प्रभाव बढ़ने से भारत अपने दीर्घकालिक सहयोगी मित्र को खो सकता है।

आगे की राह

  • भारत, भूटान के आंतरिक मामलों से दूर रहकर विवाद की संभावित स्थिति को समाप्त कर सकता है।
  • भारत, भूटान से विद्युत ऊर्जा प्राप्त करता है, ऊर्जा संबंधी परियोजनाओं में भारत भूटान की सहायता आगे भी कर सकता है।
  • देशों को स्वास्थ्य, सेवा व प्रौद्योगिकी से संबंधित तकनीकी में समर्थन व सहयोग करना चाहिए। 

स्रोत

Indianexpress.com

समकालीन विश्व व भारत 

Yojna IAS daily current affairs hindi med 6th April 2023

No Comments

Post A Comment