04 Mar मीथेन उत्सर्जन
मीथेन उत्सर्जन
संदर्भ- अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) की वार्षिक मीथेन ग्लोबल ट्रैकर रिपोर्ट के अनुसार, जीवाश्म ईंधन कंपनियों ने 2022 में वातावरण में 120 मिलियन मीट्रिक टन मीथेन का उत्सर्जन किया, जो 2019 के उच्च स्तर रिकॉर्ड से थोड़ा ही कम है। रिपोर्ट के अनुसार उत्सर्जन को कम किया जा सकता था किंतु इन कंपनियों ने उत्सर्जन को रोकने के लिए कुछ भी नहीं किया है।
अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजंसी-
- अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) एक स्वायत्त संगठन है जिसे 1973-74 के तेल संकट के जवाब में स्थापित किया गया था।
- आईईए 30 सदस्य देशों (ओईसीडी देशों) और ऊर्जा पर वैश्विक संवाद का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो वैश्विक ऊर्जा क्षेत्र पर अनुसंधान, डेटा/सांख्यिकी, विश्लेषण और सिफारिशें प्रदान करता है।
- IEA अपने सदस्य देशों और उससे आगे के लिए विश्वसनीय, सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा सुनिश्चित करने के लिए काम करता है।
- IEA फोकस के चार मुख्य क्षेत्रों को प्रमुखता देता है: (i) ऊर्जा सुरक्षा, (ii) आर्थिक विकास, (iii) पर्यावरण जागरूकता और (iv) दुनिया भर में जुड़ाव।
अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी की रिपोर्ट-
- रिपोर्ट के अनुसार उत्सर्जित कुल मीथेन का 40% मानव गतिविधियों का परिणाम होता है।
- ड्रिलिंग निष्कर्षण व परिवहन प्रक्रियाओं के दौरान वॉल्वों व अन्य उपकरणों के रिसाव के माध्यम से भी ग्रीन हाउस गैस निकलती है।
- रिपोर्ट में कहा गया है कि 260 बिलियन क्यूबिक मीटर से अधिक प्राकृतिक गैस आज वैश्विक स्तर पर मीथेन रिसाव के माध्यम से बर्बाद हो जाती है।
- तेल व गैस रिसाव के कारणों का पता लगाने पर मरम्मत कार्यक्रमों और रिसाव वाले उपकरणों को अपग्रेड करके उत्सर्जन को 75% तक कम किया जा सकता है। यह कमी जीवाश्म ईंधन से संबंधित उद्योंगों द्वारा शुद्ध शून्य लागत पर अर्जित की जा सकती है।
जीवाश्म ईंधन- जीवाश्म ईंधन कई वर्षों पूर्व बना हुआ प्राकृतिक ईंधन है। जैसे कोयला, पैट्रोलियम और प्राकृतिक गैस को जीवाश्म ईंधन कहा जाता है।यह प्रागैतिहासिक पेड़ पौंधों व जंतुओं के अवशेष हैं ये अवशेष लम्बे समय तक ऊष्मा व दबाव के प्रभाव के कारण ईंधन में परिवर्तित होकर हमें प्राप्त होते हैं।
विश्व में अनुमानित जीवाश्म ईंधन-
जीवाश्म ईंधन | कुल संसाधन | पुनः प्राप्ति ( मापनयोग्य) वाले ज्ञात भंडार |
कोयला (विलियन टन ) | 12,682 | 786 |
पैट्रोलियम (विलियन बैरल ) | 2000 | 556 |
प्राकृतिक गैस (ट्रिलियन घन फुट) | 12000 | 2100 |
शेल तेल (विलियन बैरल ) | 2000 | अभी तक अनुमान नहीं |
यूरेनियम अयस्क ( हजार टन) | 4000 | 1085 |
स्रोत: वैश्विक 2000 चिरास, एक बैरल = 159 लीटर = 35 गैलन
मीथेन और उसके प्रभाव
- मीथेन एक प्राकृतिक और ग्रीनहाउस गैस है।
- मीथेन का प्रयोग घरेलू ईंधन व औद्योगिक ऊर्जा के रूप में किया जाता है।
- मीथेन प्राकृतिक घटकों से उत्पन्न होने के साथ साथ जहरीले रसायनो के कारण भी उत्सर्जित होता है। जो विभिन्न बिमारियों जैसे हृदय रोग, अस्थमा व जन्म दोष का कारण बनता है।
- यह कार्बन डाइ ऑक्साइड से अधिक तीव्रता के साथ भूमण्डल के तापमान को बढ़ाने की क्षमता रखता है। और जलवायु परिवर्तन में लगभग 25% का योगदान दे रहा है।
मीथेन उत्सर्जन को कम करने के उपाय
- COP 26 लक्ष्य- ग्लासगों में आयोजित 100 से अधिक देशों ने 2030 तक मीथेन में 30%तक की कटौती करने का लक्ष्य रखा है। क्योंकि मीथेन का प्रबंधन कई स्थानों पर आसान तरीके से और शून्य लागत पर किया जा सकता है।
- संयुक्त राष्ट्र खाद्य प्रणाली शिखर सम्मेलन का उद्देश्य खेती और खाद्यान्न उत्पादन को अधिक अनुकूल बनाने में मदद करना था।
- भारत की समुद्री शैवाल आधारित पशुचारा योजना- केंद्रीय नमक और समुद्री रासायनिक अनुसंधान ने देश के प्रमुख संस्थानों के साथ सहयोग करके समुद्री शैवाल आधारित पशु चारा योज्य सूत्र का निर्माम किया है, इसके द्वारा मवेशियों द्वारा उत्पन्न मीथेन उतस्रजन को कम किया जा सकेगा।
स्रोत
No Comments