17 Apr मेक्सिको – इक्वाडोर संघर्ष
( यह लेख यूपीएससी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के अंतर्गत सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र – 2 के ‘ महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान और संगठन ’ खंड से और प्रारंभिक परीक्षा के अंतर्गत ‘ वियना सम्मेलन और मेक्सिको – इक्वाडोर संघर्ष ’ खंड से संबंधित है। इसमें योजना आईएएस टीम के सुझाव भी शामिल हैं। यह लेख ‘ दैनिक करेंट अफेयर्स ’ के अंतर्गत ‘ मेक्सिको – इक्वाडोर संघर्ष ’ से संबंधित है। )
खबरों में क्यों ?
- हाल ही में 5 अप्रैल 2024 को, इक्वाडोर की पुलिस ने क्विटो में स्थित मेक्सिको के दूतावास में जबरन प्रवेश कर पूर्व – उपराष्ट्रपति जॉर्ज ग्लास को गिरफ्तार कर लिया जो भ्रष्टाचार के आरोपों में सजा सुनाए जाने के बाद दूतावास में शरण लिए हुए थे।
- इस कार्रवाई को वियना कन्वेंशन का उल्लंघन माना जा रहा है, जो दूतावासों की संप्रभुता की रक्षा करता है।
- मेक्सिको ने इस घटना को अपनी संप्रभुता का उल्लंघन बताया और इक्वाडोर के खिलाफ नीदरलैंड स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में शिकायत दर्ज की है।
- मेक्सिको ने संयुक्त राष्ट्र से इक्वाडोर को बाहर निकालने की मांग की है।
- इक्वाडोर ने मेक्सिको की राजदूत रेकेल सेरोर स्मेके को अवांछित व्यक्ति घोषित किया, जिसके जवाब में मेक्सिको ने दूतावास में घुसपैठ का वीडियो जारी किया।
- इक्वाडोर के राष्ट्रपति डैनियल नोबोआ ने इस कार्रवाई को अपनी भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम का हिस्सा बताया। हालांकि, उनकी लोकप्रियता में गिरावट और बढ़ती हिंसा के बीच, आलोचकों का मानना है कि वह इस राजनयिक संकट का इस्तेमाल अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने के लिए कर रहे हैं।
- इक्वाडोर और मेक्सिको के बीच के इस वर्तमान राजनयिक संकट ने दो देशों के बीच के राजनयिक संबंधों की संवेदनशीलता को रेखांकित करते हुए अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करने के महत्व और इसकी अत्यंत जरूरत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैश्विक समुदाय का ध्यान आकृष्ट करवाया है और साथ – ही साथ अंतरराष्ट्रीय समुदायों को चिंता में भी डाल दिया है।
वियना कन्वेंशन ( सम्मेलन ) क्या है ?
- राजनयिक संबंधों पर वियना कन्वेंशन 1961 (Vienna Convention on Diplomatic Relations) स्वतंत्र और संप्रभु देशों के बीच सहमति के आधार पर राजनयिक संबंधों की स्थापना, रखरखाव और समाप्ति के लिए एक पूर्ण रूपरेखा या पूर्ण ढाँचा प्रदान करता है।
- राजनयिक संबंधों पर वियना कन्वेंशन 24 अप्रैल, 1964 को लागू हुआ था और विश्व के लगभग सभी देशों ने इसकी अभिपुष्टि कर दी है, किन्तु पलाऊ और दक्षिण सूडान वियना कन्वेंशन से अलग और अपवाद है।
- भारत राजनयिक संबंधों पर वियना सम्मेलन का प्रमुख हस्ताक्षरकर्ता देश है।
- यह सम्मेलन राजनयिक प्रतिरक्षा के लंबे समय से चली आ रही प्रथा को संहिताबद्ध करता है, जिसमें राजनयिक मिशनों को विशेषाधिकार प्रदान किया जाता है।
- ये विशेषाधिकार राजनयिकों को मेजबान देश ( जहां दूतावास स्थित है ) द्वारा जबरदस्ती या उत्पीड़न के डर के बिना अपने कार्यों को करने में सक्षम बनाते हैं।
- इस सम्मेलन के प्रावधानों के अनुसार यह सदस्य देशों को किसी भी राजनयिक मिशन की सीमा को किसी तरह से अनुल्लंघन करने से रोकता है।
- वियना सम्मेलन का अनुच्छेद 22 मिशन के परिसर के संबंध में दायित्वों से संबंधित है। इस अनुच्छेद के भाग 2 में कहा गया है कि दूतावास के मेजबान देश किसी भी घुसपैठ या क्षति से मिशन के परिसर की रक्षा के लिए और मिशन की शांति को किसी भी तरह की गड़बड़ी या इसकी गरिमा की हानि को रोकने के लिए सभी उचित कदम उठाने के लिए विशेष कर्तव्य बंधे हुए हैं।
- किसी भी उच्चायोग या दूतावास की सुरक्षा की जिम्मेदारी मेजबान देश की होती है। वैसे राजनयिक मिशन अपनी स्वयं की सुरक्षा के लिए सुरक्षा बल तैनात कर सकता है परन्तु मेजबान देश ही सुरक्षा के लिए जवाबदेह होता है।
- उच्चायोग और दूतावास के बीच अंतर मूलतः यह है कि वे कहाँ और किस देश में स्थित हैं। उच्चायोग जहाँ राष्ट्रमंडल सदस्य देशों पर लागू होता है वहीं दूतावास शेष विश्व पर लागू होता है।।
- अनुल्लंघनीयता का सिद्धांत (Principle of Inviolability) : राजनयिक मिशन का परिसर अनुल्लंघनीय होगा। कोई भी संबंधित देश या स्टेट के एजेंट मिशन के प्रमुख की सहमति या अनुमति के बिना उस परिसर में प्रवेश नहीं कर सकता है।
- ड्यूटी ऑफ स्टेट : संबंधित देश किसी भी घुसपैठ या क्षति के खिलाफ राजनयिक मिशन के परिसर की रक्षा करने और राजनयिक मिशन की शांति में किसी भी गड़बड़ी या इसकी गरिमा की हानि को रोकने के लिए उचित कदम उठाएगा।
- उन्मुक्ति : राजनयिक मिशन का परिसर, उनका साजो – सामान के साथ – ही साथ उस पर मौजूद अन्य संपत्ति और राजनयिक मिशन के परिवहन के साधन तलाशी, माँग, कुर्की या निष्पादन से मुक्त होंगे।
इक्वाडोर – मेक्सिको के वर्तमान तनाव से उत्पन्न होने वाले राजनयिक संकट :
- राजनीतिक रूप से प्रेरित होना : पूर्व – उपराष्ट्रपति जॉर्ज ग्लास और पूर्व राष्ट्रपति राफेल कोरिया अपने विरुद्ध भ्रष्टाचार के आरोपों को राजनीतिक रूप से प्रेरित होने का दावा करते हैं।
- राजनयिक परिणाम : राष्ट्रपति डैनियल नोबोआ भ्रष्टाचार विरोधी अभियान को अपने प्रशासन के एजेंडे के केंद्रीय पहलू के रूप में देखते हैं , जिससे मेक्सिको के साथ राजनयिक गतिरोध पैदा हो गया है।
- बढ़ता कूटनीतिक संकट : संयुक्त राष्ट्र से इक्वाडोर को निष्कासित करने का मेक्सिको का कदम अंतरराष्ट्रीय मंच पर इस वर्तमान तनाव के और अधिक बढ़ने का संकेत देता है।
मेक्सिको – इक्वाडोर विवाद का महत्वपूर्ण कारण और इसका राजनीतिक परिणाम :
मेक्सिको – इक्वाडोर विवाद का प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं –
- वियना समझौते का उल्लंघन : इक्वाडोर की पुलिस द्वारा मेक्सिको के दूतावास में छापामारी वियना समझौते के तहत दूतावासों की संप्रभुता का उल्लंघन है।
- राजनयिक संकट : इस घटना ने दोनों देशों के बीच एक गंभीर राजनयिक संकट पैदा कर दिया है, जिसमें मेक्सिको ने इक्वाडोर के साथ अपने राजनयिक संबंधों को तोड़ने का ऐलान किया है।1
- अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में इक्वाडोर के खिलाफ शिकायत दर्ज होना : मेक्सिको ने इक्वाडोर के खिलाफ नीदरलैंड स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में शिकायत दर्ज की है।1
- आंतरिक मुद्दे : इक्वाडोर में बढ़ती गैंग हिंसा और भ्रष्टाचार भी इस संकट के पीछे एक महत्वपूर्ण कारण हैं।
- जनमत संग्रह : इक्वाडोरवासी अगले हफ्ते उस जनमत संग्रह के लिए मतदान करने जा रहे हैं जो गैंग हिंसा के खिलाफ लड़ने के लिए सरकार को ज्यादा सुरक्षा शक्तियां प्रदान करेगा।
- ईस्टर सप्ताहांत की हिंसा : इक्वाडोर में ईस्टर सप्ताहांत के दौरान 100 से ज्यादा हत्याएं हुईं, जिससे स्थिति और भी खराब हो गई है।
- घरेलू चुनौतियों के बीच राजनीतिक अवसरवादिता : आलोचकों ने इक्वाडोर के राष्ट्रपति नोबोआ पर मेक्सिको के साथ राजनयिक संकट और बढ़ती घरेलू चुनौतियों के बीच अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने के लिए वर्तमान राजनयिक संकट का उपयोग राजनीतिक अवसरवादिता के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है ।
- बढ़ती सामूहिक हिंसा : घरेलू स्तर पर बढ़ती सामूहिक हिंसा से निपटने के अपने तरीके को लेकर राष्ट्रपति नोबोआ को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। सामूहिक हिंसा के अंतर्निहित मुद्दों के समाधान से संबंधित का समाधान करने में उत्पन्न विफलता वर्तमान संकट के प्रति प्रशासन की प्रतिक्रिया की विश्वसनीयता को कम करती है।
- भ्रष्टाचार और हिंसा से निपटने के वादों के बावजूद, उनका प्रशासन खासकर गुआयाकिल जैसे शहरों में बिगड़ती सुरक्षा स्थितियों से जूझ रहा है।
निष्कर्ष / आगे की राह :
- मेक्सिको – इक्वाडोर विवाद के संकट का समाधान करने के लिए दोनों देशों को अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करते हुए आपसी संवाद और समझौते की दिशा में काम करना होगा।
- इक्वाडोरवासियों के सुरक्षा उपायों पर मतदान करने की तैयारी करना महत्वपूर्ण है, परन्तु सरकार को राजनयिक लापरवाही का सहारा लेने के बजाय हिंसा से निपटने और व्यवस्था बहाल करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
- अंतरराष्ट्रीय संधियों के आधार पर इक्वाडोर को अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन और सम्मान करते हुए विश्वसनीय व्यवस्थाओं का विकास करना चाहिए। उन्हें संगठित हिंसा के खिलाफ जंग में पूरी ताकत लगाने के साथ-साथ भ्रष्टाचार से लड़ाई में भी सक्रिय रहना चाहिए।
- इक्वाडोर को अपने सामने मौजूद बेशुमार चुनौतियों से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सहायता और समर्थन प्राप्त करना चाहिए और सुरक्षा और स्थिति को सुधारने के लिए समृद्ध और संविदानशील समाधानों की ओर अग्रसर होना होगा।
स्त्रोत – द हिन्दू एवं पीआईबी।
Download yojna daily current affairs hindi med 17th April 2024
प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
Q.1. इक्वाडोर और मेक्सिको के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- इक्वाडोर दक्षिण अमेरिका के पश्चिमी तट पर स्थित है।
- गैलापागोस द्वीप समूह इक्वाडोर का हिस्सा है और यह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल का हिस्सा है।
निम्नलिखित कथन / कथनों में से कौन सा कथन गलत है/हैं?
A. केवल 1
B. केवल 2
C. 1 और 2 दोनों
D. न 1 और न ही 2
उत्तर – D
व्याख्या:
- इक्वाडोर दक्षिण अमेरिका के पश्चिमी तट पर स्थित है।
- गैलापागोस द्वीप समूह इक्वाडोर का ही हिस्सा है और यह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल का हिस्सा है। इसलिए दोनों ही कथन सही है।
- अतः विकल्प D सही उत्तर है।
मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
Q.1. राजनयिक संबंधों के संदर्भ में वियना कन्वेंशन (सम्मेलन) क्या है ? इक्वाडोर और मेक्सिको के बीच होने वाले आपसी संघर्ष के प्रमुख कारणों को रेखांकित करते हुए अंतरराष्ट्रीय संधियों और सम्मलेन के आधार पर इसका समाधान प्रस्तुत कीजिए। ( शब्द सीमा – 250 अंक -15 )
Qualified Preliminary and Main Examination ( Written ) and Shortlisted for Personality Test (INTERVIEW) three times Of UPSC CIVIL SERVICES EXAMINATION in the year of 2017, 2018 and 2020. Shortlisted for Personality Test (INTERVIEW) of 64th and 67th BPSC CIVIL SERVICES EXAMINATION.
M. A M. Phil and Ph. D From (SLL & CS) JAWAHARLAL NEHRU UNIVERSITY, NEW DELHI.
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