18 Jan लाल सागर संकट और भारत पर इसका प्रभाव
स्त्रोत – द हिन्दू ।
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खबरों में क्यों ?
- उत्तरी हिंद महासागर से लेकर लाल सागर तक फैले समुद्र में आजकल हूती / हूथी विद्रोहियों के हमले काफी संख्या में और अपने उग्रात्मक रूप से बढ गए हैं। हाल ही में दो भारतीय वाणिज्यिक जहाजों पर भी हमले हुए हैं। लाल सागर व्यापार मार्ग में जहाज़ों पर हाल के हमलों और पनामा नहर में चल रही सूखे की समस्या ने वैश्विक व्यापार व्यवधानों के बारे में चिंताएँ बढ़ा दी हैं। वाणिज्यिक जहाजों पर हुए हमले के कारण उत्पन्न असुरक्षा और अस्थिरता ने मालवाहक जहाजों को लाल सागर मार्ग को छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया है, अब जहाज इस मार्ग को छोड़कर केप ऑफ गुड होप से होते हुए लंबी यात्रा का विकल्प चुन रहे हैं। ईरान समर्थित हूथी विद्रोहियों के हमलों में वृद्धि के बाद, दुनिया की सबसे बड़ी शिपिंग कंपनियां लाल सागर और स्वेज नहर से दूरी बना रही हैं।
समुद्री व्यापार मार्ग में लाल सागर का महत्व :
- भूमध्य सागर और हिंद महासागर को स्वेज़ कैनाल के माध्यम से जोड़ने वाला लाल सागर लगभग 2000 कि.मी. में फैला, है। स्वेज कैनाल से समय और संसाधन दोनों की बचत हो जाती है क्योंकि इससे पहले यूरोप और एशिया के बीच चलने वाले जहाजों को दक्षिण अफ्रीका के केप ऑफ गुड होप से घूमकर आना पड़ता था।
हूती / हूथी विद्रोहियों का परिचय :
- हूती / हूथी इस्लाम धर्म के शिया संप्रदाय से संबंधित यमन में रहनेवाले विद्रोही हैं, जिनका यमन के उत्तरी भाग पर नियंत्रण हैं। मुख्य रूप से इनका विरोध का आधार इजराजल से संबंधित जहाजों से रहा है, लेकिन हालिया घटे घटना में इन लोगों ने अन्य देशों के जहाजों को भी निशाना बनाया हैं।
- ज़ायरी शियाओं के प्रभाव को बढ़ाना और हदीश को मानने वाले सुन्नी मुसलमानों के प्रभाव को कम करना इनका प्रमुख उद्देश्य रहा है।
वर्तमान समय में लाल सागर से जुड़ा मुख्य मुद्दा :
- हाल ही में गुजरात के बेरावल तट से लगभग 217 समुद्री मील दूर दक्षिणी – पश्चिमी में रासायनिक पदार्थों से भरे टैंकर MV केम प्लूटो टैंकर पर एक ड्रोन से हमला हुआ था।
- जापानी स्वामित्व वाला और नीदरलैंड द्वारा संचालित MV केम प्लूटो एक रासायनिक टैंकर है ,जो सऊदी अरब के अल ज़ुबैल से कच्चा तेल लेकर अपनी यात्रा शुरू की थी और इसके भारत के न्यू मैंगलोर पहुँचने की उम्मीद थी। ऐसा भी माना जा रहा है कि हूती विद्रोहियों ने इस घटना को अंजाम गाजा में इजरायल द्वारा किए गए सैन्य हमले के विरोध में किया गया था। हूती विद्रोही यमन सरकार के साथ एक दशक से चल रहे नागरिक संघर्ष में भी शामिल रहे हैं।
- लाल सागर समुद्री – परिवहन सागर मार्ग में हाल ही में उत्पन्न से कठिनाइयों या हमलों से अब यदि केप ऑफ गुड होप के माध्यम से समुद्री – परिवहन की जाएगी तो भारतीय कृषि उत्पादों की कीमत में 10-20% की वृद्धि होने की संभावना है।
- लाल सागर समुद्री – परिवहन सागर मार्ग में हाल ही में उत्पन्न से कठिनाइयों या हमलों या बाधा के कारण भारतीय तेल आयातकों और बासमती चावल तथा चाय जैसी प्रमुख वस्तुओं के भारतीय निर्यातकों के लिए कठिनाईयों और चिंताएँ होना स्वाभाविक बात हैं।
महत्वपूर्ण तथ्य : विश्व की प्रमुख शिपिंग कंपनियों द्वारा लाल सागर मार्ग से व्यापार न करने के कारण तेल एवं पेट्रोलियम के वैश्विक प्रवाह में भले ही गिरावट आई है, लेकिन इस सभी बाधाओं के बावजूद भी रूस से होने वाले भारत के साथ तेल आयात बिल्कुल ही अप्रभावित रहा है।
पनामा नहर – प्रणाली का सूख जाना क्यों महत्वपूर्ण है ?
- मध्य और पूर्वी उष्णकटिबंधीय प्रशांत महासागर में सामान्य से अधिक गर्म समुद्री जल से संबंधित प्राकृतिक रूप से उत्पन्न होने वाला अल-नीनो जलवायु पैटर्न पनामा के सूखे में योगदान दे रहा है। फलतः सूखे की स्थिति के कारण, पनामा नहर के 51-मील तक विस्तार हो जाने के कारण से समुद्री – परिवहन मार्ग में लगभग 50% से अधिक की कमी आई है।
- पनामा के जल की यह कमी एशिया से अमेरिका जाने वाले जहाज़ो को स्वेज़ नहर का विकल्प चुनने के लिए मजबूर कर रही है, जिससे पनामा नहर मार्ग की तुलना में अतिरिक्त छह दिन का समय लगता है।
- बाब-अल-मंडेब जलडमरूमध्य एशिया को यूरोप से जोड़ती है जो लाल सागर क्षेत्र में स्वेज़ नहर की ओर जाने वाली जलडमरूमध्य स्थान है, जबकि 100 वर्ष पुरानी पनामा नहर प्रशांत महासागर और अटलांटिक महासागर को जोड़ती है।
- पनामा और स्वेज नहर दोनों जल मार्ग विश्व के सबसे व्यस्ततम मार्गों में से एक हैं।
वर्तमान – समस्याएँ :
लाल सागर परिवहन मार्ग का असुरक्षित होना :
- हूती मिलिशिया के हमलों ने लाल सागर में स्वेज नहर के मार्ग से होने वाले पारंपरिक समुद्री परिवहन मार्ग को अत्यंत असुरक्षित बना दिया है।
- अब व्यापारिक और मालवाहक जहाज केप ऑफ गुड होप जैसे लम्बे मार्ग से आवागमन कर रहे हैं , जिससे शिपिंग में होने वाली लागत और समय पर होने वाली माल – आपूर्ति की (डिलीवरी) समय- सीमा भी बढ़ जाता है, जिससे सामान की कीमत भी बढ़ जाती है।
भारतीय व्यापार पर इसका प्रभाव :
- लाल सागर संकट के कारण अब भारत का लगभग 90% माल, जो यूरोप, यू.एस.के पूर्वी तट और उत्तरी अफ्रीका के लिए जाता है, केप ऑफ गुड होप मार्ग से होकर भेजा जा रहा है।
- विभिन्न खरीदार-विक्रेता अनुबंध (FOB, CIF, C&F) माल ढुलाई के बोझ के वितरण को प्रभावित करते हैं, जिससे खेप की आवाजाही प्रभावित होती है।
- माल ढुलाई लागत में वृद्धि : माल ढुलाई लागत में काफी वृद्धि हुई है, कुछ मामलों में छह गुना तक, जिससे सभी खेप, विशेष रूप से कम मूल्य, उच्च मात्रा वाले कार्गो और खराब होने वाली वस्तुएं प्रभावित हुई हैं। खराब होने वाली वस्तुओं की लगभग 20-25% खेप रोकी जा रही है, जिसका असर मुख्य रूप से निम्न-मूल्य तथा उच्च मात्रा वाले कार्गो और खराब होने वाली वस्तुओं पर पड़ रहा है।
- बढ़ी हुई आयात लागत : लंबे पारगमन समय और संकट के कारण आयात महंगा हो सकता है और बेहतर इन्वेंट्री प्रबंधन की आवश्यकता हो सकती है।
- ईंधन की कीमतों पर प्रभाव : कच्चे तेल और पेट्रोलियम उत्पाद आयात पर देश की उच्च निर्भरता को देखते हुए, संकट भारत में ईंधन की कीमतों को कम करने की योजना को प्रभावित कर सकता है।
- टैंकर बाजार की गतिशीलता : प्रभावित मार्गों के लिए माल ढुलाई दरों में वृद्धि के बावजूद, टैंकरों का व्यापक रूप से मार्ग परिवर्तन नहीं हुआ है।
- वैकल्पिक व्यापार मार्गों पर विचार : हाल ही में, बेन गुरियन नहर परियोजना में नए सिरे से रुचि बढ़ी है, एक प्रस्तावित 160 मील लंबी समुद्र-स्तरीय नहर जो स्वेज़ नहर को दरकिनार/बाइपासिंग करते हुए भूमध्य सागर को अकाबा की खाड़ी से जोड़ेगी।
ऑपरेशन समृद्धि संरक्षक :
- अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने लाल सागर में वाणिज्य की रक्षा के लिए ऑपरेशन समृद्धि संरक्षक को लॉन्च करने की घोषणा की। यह ऑपरेशन यमन के ईरान समर्थित हूतियों द्वारा मिसाइल और ड्रोन हमलों के बाद लॉन्च किया गया है।
- इस ऑपरेशन में शामिल देश: यू.के., बहरीन, कनाडा, फ्रांस, इटली, नीदरलैंड, नॉर्वे, सेशेल्स और स्पेन भाग ले रहे हैं।
- संयुक्त रूप से गश्ती : इनमें शामिल देश दक्षिणी लाल सागर और अदन की खाड़ी में समुद्री डकैती के खिलाफ संयुक्त रूप से गश्ती करेंगे।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग :
- संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक समर्थन की आवश्यकता पर बल देते हुए नौवहन की स्वतंत्रता पर हूती हमलों की निंदा की।
- अमेरिका खुले और भय मुक्त समुद्री मार्ग सुनिश्चित करने के लिए ‘ ऑपरेशन समृद्धि संरक्षक ’ का समर्थन करने का आग्रह करता है।
राष्ट्रीय प्रतिक्रिया :
- वर्तमान समय में भारत वर्तमान स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है। इसके साथ – ही – साथ भारत आधिकारिक और व्यापार निकाय स्तर पर चर्चा के साथ भी जुड़ा हुआ है ।
- भारत समुद्री सुरक्षा के लिए राजनयिक समाधानों की खोज की तरफ भी बढ़ रहा है और समुद्री डकैती से प्रभावित देशों के साथ सहयोग भी कर रहा है।
- भारत को अपने मालवाहक जहाजों की सुरक्षा के लिए ईरान से बातचीत करनी चाहिए।
- वर्तमान में भारत ने अपनी नौसेना को सतर्क करके लाल सागर, अदन की खाड़ी, मध्य और उत्तरी अरब सागर में विध्वसंक और युद्धपोत तैनात कर दिये हैं। टास्क फोर्स ने समुद्री निगरानी बढ़ा दी है। नौसेना को कार्रवाई के निर्देश जारी कर दिए हैं। भारतीय नौसेना को इस प्रयास में और अधिक मजबूती के साथ खड़े रहना चाहिए। उम्मीद की जा सकती है कि बहुराष्ट्रीय समन्वय से इस समस्या का समाधान जल्द निकाला जा सकेगा।
वैश्विक व्यापार में समुद्री परिवहन का महत्त्व और भूमिका :
- व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन- UNCTAD के अनुसार – समुद्री परिवहन कुल परिवहन मात्रा में वैश्विक व्यापार का 80% तथा मूल्य के हिसाब से 70% से अधिक का योगदान देता है, जो परिवहन के अन्य माध्यमों से कहीं अधिक है और सस्ता मार्ग माध्यम भी है।
- एक अनुमान के अनुसार वार्षिक विश्व परिवहन व्यापार का कुल मूल्य 14 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है ।
- :शिपिंग कारोबार पर्यावरणीय दृष्टिकोण से वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में लगभग 3% का योगदान देता है, यह अपेक्षाकृत अधिक ईंधन-कुशल है और हवाई माल ढुलाई जैसे परिवहन के अन्य तरीकों की तुलना में प्रति टन कार्गो का कम उत्सर्जन करता है. जो पर्यावरण के drishti से भी अनुकूल है ।
- विश्व के अधिकांश ऊर्जा संसाधनों, जैसे तेल एवं प्राकृतिक गैस का परिवहन समुद्र द्वारा किया जाता है। टैंकर इन संसाधनों को उत्पादन क्षेत्रों से उपभोक्ता क्षेत्रों तक ले जाते हैं, जो वैश्विक ऊर्जा मांगों को पूरा करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।अतः वैश्विक व्यापार में समुद्री परिवहन का महत्त्व ऊर्जा स्रोतों के सस्ते परिवहन लागत से भी जुड़ा हुआ है।
निष्कर्ष :
- लाल सागर संकट के कारण भारत आतंरिक और बाह्य व्यापार पर दूरगामी परिणाम हो रहे हैं, जिससे उसकी शिपिंग लागत में वृद्धि, विलंबित डिलीवरी और महत्वपूर्ण आयात में संभावित व्यवधान जैसी चुनौतियाँ निर्मित हो रही हैं।
- भारत को संयुक्त समुद्री सुरक्षा पहल की ओर बढ़ना चाहिए जिसमें लाल सागर से जुड़े प्रमुख हितधारकों (मिस्र, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, यमन) के साथ एक सहयोगी सुरक्षा ढाँचे का प्रस्ताव जिसमें खुफिया जानकारी साझा करना, समन्वित गश्त और संयुक्त अभ्यास शामिल हैं, की दिशा में बढ़कर संयुक्त समुद्री सुरक्षा दल का गठन करना चाहिए। इससे लाल सागर समुद्री मार्ग परिवहन के मार्ग में होने वाली समुद्री डकैती से निपटा जा सके
- भारत को लाल सागर समुद्री परिवहन मार्ग में खतरे का शीघ्र पता लगाने के लिए और उससे जुड़े हुए सुरक्षात्मक उपायों पर उन्नत निगरानी प्रणालियों की तैनाती:करनी चाहिए और इसके साथ – ही – साथ समुद्री डकैती को रोकने की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए भारत के पश्चिमी तट पर एकीकृत रडार एवं ड्रोन निगरानी प्रणालियाँ स्थापित की जा सकती हैं।
- भारत को भारतीय जहाज़ों के लिए नामा नहर अधिकारियों से टोल छूट संबंधी रियायतों पर बात करना चाहिए तथा पनामा नहर के विशिष्ट मार्गों के लिए संभावित टोल छूट संबंधी संभावनाओं पर भी पनामा नहर अधिकारियों के साथ आपस में संवाद करना चाहिए ।
Download yojna daily current affairs hindi med 18th January 2024
प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
Q. 1. लाल सागर समुद्री परिवहन मार्ग के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए ।
- हूती / हूथी इस्लाम धर्म के शिया संप्रदाय से संबंधित यमन में रहनेवाले विद्रोही हैं।
- बाब-अल-मंडेब जलडमरूमध्य एशिया को यूरोप से जोड़ती है।
- UNCTAD के अनुसार समुद्री परिवहन कुल परिवहन मात्रा में वैश्विक व्यापार में 80% का योगदान देती है।
- केप ऑफ गुड होप आस्ट्रेलिया और दक्षिणी अमेरिका के बीच स्थित है।
उपरोक्त कथन / कथनों में से कौन सा कथन सही है ?
(A) केवल 1 , 2 और 3
(B) केवल 2, 3 और 4
(C) केवल 1 और 4
(D) इनमें से सभी।
उत्तर – (A)
मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
Q.1 . वैश्विक व्यापार में समुद्री परिवहन मार्ग के महत्त्व को रेखांकित करते हुए लाल सागर में उत्पन्न मौजूदा संकट से भारत में पड़ने वाले विभिन्न प्रभावों की चर्चा कीजिए।
Qualified Preliminary and Main Examination ( Written ) and Shortlisted for Personality Test (INTERVIEW) three times Of UPSC CIVIL SERVICES EXAMINATION in the year of 2017, 2018 and 2020. Shortlisted for Personality Test (INTERVIEW) of 64th and 67th BPSC CIVIL SERVICES EXAMINATION.
M. A M. Phil and Ph. D From (SLL & CS) JAWAHARLAL NEHRU UNIVERSITY, NEW DELHI.
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