30 Sep वंदे भारत ट्रेन
वंदे भारत ट्रेन
संदर्भ- हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय रेलवे की वंदे भारत एक्सप्रैस के तीसरे संस्करण को हरी झण्डी दिखाई। जो गुजरात के गांधीनगर व मुंबई सैंट्रल के बीच चलेगी।
वंदे भारत ट्रेन- भारत में उद्यमिता को विकसित करने के लिए भारत सरकार का एक प्रयास वंदे भारत ट्रेन है। वंदे भारत ट्रेन का प्रथम संस्करण 15 फरवरी 2019 को दिल्ली -कानपुर- प्रयागराज- वाराणसी मार्ग पर शुरू की गई थी। तथा दूसरा संस्करण 3 अक्टूबर 2019 को नई दिल्ली – वैष्णोदेवी के लिए शुरु किया गया था।
वंदे भारत ट्रेन की विशेषता-
- वंदे भारत सेमी हाई स्पीड ट्रेन सेट है।
- यह 16 कोच युक्त स्वचालित प्रणाली है, इसका स्वचालित इंजन 6000 हॉर्स पॉवर की ऊर्जा प्रदान करता है। इसे वितरित कर्षण प्रणाली भी कहा जाता है।
- हाल ही में 180 किमी/घण्टे से अधिक चाल के साथ इसका परीक्षण किया गय़ा था।
- सुविधा की दृष्टि से ट्रेन कॉलिजन अवॉइडेंस सिस्टम की सेवा दी गई है, जो ट्रेनों को दुर्घटना ग्रस्त होने से बचाएगा।
- ट्रेन में चेयर कार, एक्जाक्यूटिव चेयर कार, ऑन बोर्ड वाई फाई सेवा के साथ तीन घण्टे का बैटरी बैकअप और जीपीएस सिस्टम, श्रव्य दृश्य यात्री सूचना, और वैक्यूम शौचालय आदि सेवाएँ दी जाएंगी।
वंदे भारत ट्रेन का पथ-
- वंदे भारत ट्रेन गांधीनगर से सैंट्रल मुंबई, 520 किलोमीटर की दूरी को 6 घण्टे 20 मिनट में पूरी करेगी।
- ट्रेन सप्ताह के छः दिन सोमवार से शनिवार तक यात्रा करेगी।
- मुंबई से अहमदाबाद का टिकट एक्जीक्यूटिव चेयर कार के लिए 25055 रूपये तथा चेयर कार के लिए 1385 रुपये निर्धारित है।
भारतीय रेलवे-
- भारतीय रेलवे भारत सरकार का एक वैधानिक निकाय है। जो भारत की सम्पूर्ण रेलवे प्रणाली का संचालक होता है।
- भारतीय रेल मंत्रालय भारत में रेल विकास के लिए नोडल प्रधिकरण है। यह रेलवे संबंधी नीति निर्माण के लिए उत्तरदायी है।
- यह दुनियां में सबसे बड़ी रेलवे प्रणाली के संचालकों में चौथा स्थान रखता है।
- भारतीय रेलवे का नेतृत्व चार सदस्यीय रेलवे बोर्ड करता है। जिसका अध्यक्ष रेलवे मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।
भारत में रेलवे का स्वतंत्रता के समय योगदान-
- भारत की पहली ट्रेन मुंबई से ठाणे के लिए 16 अप्रैल 1853 को चली थी।
- 1857 की क्रांति के बाद भारत में ब्रिटिश अधिकारियों ने निरंकुश शासन किया।
- भारत में रेलवे का निर्माण ब्रिटिश उद्योगों के लिए कच्चा माल ढोने के लिए किया गया था।
- उस समय भारत का समाज जातिगत भेदभाव से ग्रस्त था, किंतु सभी के लिए समान शुल्क होने पर सभी जातियों को समान स्थान पर बैठने का स्थान दिया गया जिससे भारतीयों में कुछ हद तक जातिगत दूरी कम हुई।
- भारतीय क्रांतिकारियों ने क्रांति हेतु धन जुटाने के लिए भारतीय ट्रेनों में जा रहे खजाने को लूटना (जैसे काकोरी काण्ड) प्रारंभ किया।
- महात्मा गांधी को भी मेरित्सबर्ग में रेल यात्रा के समय जातिगत भेदभाव से भारतीयों के गऱिमा के नष्ट होने का भान हुआ, और उनके द्वारा आम नागरिकों को सामान्य अधिकार दिलाने का सफर जारी हुआ। जो दक्षिण अफ्रीका से प्रारंभ हो भारत की स्वतंत्रता तक चला।
भारतीय रेलवे के लक्ष्य-
- 2022 के बजट में 2023 के स्वतंत्रता दिवस तक 400 वंदे भारत ट्रेनों को स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।
- वंदे भारत के लक्ष्य के द्वारा 10-15 हजार रोजगार सृजित करना।
- रेलवे को समय के साथ अपग्रेड करना ।
- भारतीय रेलवे ने 2030 तक हरित रेलवे अर्थात शून्य कार्बन उत्सर्जन युक्त रेलवे का लक्ष्य रखा है।
- 2023 तक रेलवे के विद्युतीकरण हेतु सौर व पवन ऊर्जा का उपयोग।
स्रोत-
https://indianexpress.com/article/explained/budget-2022-vande-bharat-target-7757873/
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