विनाशकारी क्षुद्रग्रह

विनाशकारी क्षुद्रग्रह

विनाशकारी क्षुद्रग्रह

संदर्भ-  हाल ही में खगोलविदों द्वारा 3 नए खगोलीय पिण्डों या शूद्रग्रहों की खोज की गई है। खगोलविदों के अनुसार यह क्षुद्रग्रह, ग्रहों को समाप्त करने की क्षमता रखते हैं। 

  • यह बड़े पैमाने पर ग्रहों के विलुप्त होने का कारण बन सकते हैं।
  • तीन शूद्रग्रहों में से एक को 2022 AP7 को सबसे विशाल व विनाशकारी माना जा रहा है। जिसे एक दशक में देखा जा सकता है इसमें पृथ्वी को समाप्त करने की क्षमता है।
  • द एस्ट्रोनॉमिकल जनरल में प्रकाशित एक जनरल के अनुसार तीनो क्षुद्रग्रह एक ऐसे समूह से हैं जो पृथ्वी व सूर्य की कक्षाओं के भीतर पाए जाते हैं। 

क्षुद्रग्रह- क्षुद्रग्रह, खगोलीय पिण्ड होते हैं, जो ब्रह्माण्ड में विचरण करते रहते हैं। यह सामान्यतः ग्रहों से छोटे व उल्का पिण्डों से बड़े पाए गए हैं। पहला क्षुद्रग्रह की खोज 1819 में ग्यूसेप पियाजी द्वारा पाया गया था।

क्षुद्रग्रह की खोज- 

वैज्ञानिकों ने अब तक केवल 25 क्षुद्रग्रहों की खोज की है जिनकी कक्षाएँ पृथ्वी की कक्षा के भीतर हैं। इनका अवलोकन करने के लिए खगोलविदों को कई समस्याएं आई और उनके समाधान खोज निकाले-

  • सूर्य की चमक में खो जाने के कारण, खगोलविदों में अपने अवलोकन का समय गोधूलि के समय निर्धारित किया।
  • खगोलविदों ने चिली के सेरो टोलोलो इंटर-अमेरिकन ऑब्जर्वेटरी में डार्क एनर्जी कैमरा का प्रयोग किया।
  • अमेरिका के नेशनल साइंस फाउंडेशन (NSF) के NOIR Lab के एक कार्यक्रम, हाई-टेक कैमरे के प्रयोग से वे अत्यधिक संवेदनशीलता के साथ आकाश के बड़े क्षेत्रों को पकड़ने में सक्षम थे। इससे एक अन्य समस्या, क्षुद्रग्रहों के क्षितिज से करीब होने के समय पृथ्वी के वातावरण से धुंधले हो जाते हैं, का समाधान संभव हो पाया। 
  • सूर्य से अधिक दूर क्षुद्रग्रहों का पता लगाना अधिक आसान होता गया।

वर्तमान में खोजे गए विनाशकारी क्षुद्रग्रह

    • खगोलविद स्कॉट शेपर्ड की टीम ने 3 क्षुद्रग्रहों का पता लगाया है। 
    • शेपर्ड के अनुसार इनमें से दो पृथ्वी के निकट हैं। जो 1 किलोमीटर के एक्रॉस हैं और इनका आकार किसी ग्रह को नष्ट करने के लिए काफी हैं।
    • यह दो क्षुद्रग्रह 2021LJ4 और 2021PH27 दोनों पृथ्वी की कक्षा में स्थित हैं। 
    • 2021LJ4 आकार में सबसे छोटा है जबकि 2021PH27 सूर्य के सबसे निकट होने के कारण इतना गर्म है कि लैड को भी पिघला सकता है। 
  • तीसरा क्षुद्रग्रह 2022AP7, पृथ्वी की कक्ष सेबाहर है किंतु सबसे बड़ा 1.5 किमी. चौड़ा है इसके पृथ्वी से टकराने का खतरा पिछले 8 वर्षों से बना हुआ है।

तत्कालीन खतरा

  • वर्तमान में क्षुद्रग्रह सूर्य के विपरीत दिशा में होगा तब यह केवल पृथ्वी की कक्षा को पार करता है जैसे जब सूर्य, पृथ्वी और क्षुद्रग्रह के बीच आता है। सीएनएन रिपोर्ट के अनुसार लगभग 5 वर्ष तक यह स्थिति बनी रहेगी। क्योंकि 2022AP7 अपनी कक्षा में सूर्य का चक्कर लगाने में 5 वर्ष का समय लेता है।
  • शेपर्ड ने कहा, इस आकार के एक क्षुद्रग्रह का “विनाशकारी प्रभाव” हो सकता है, क्योंकि पृथ्वी का वातावरण वर्षों तक धूल और प्रदूषकों से भरा रहेगा, जिससे सूर्य का प्रकाश प्रवेश नहीं कर पाएगा।
  • लगभग 30000 क्षुद्रग्रह पृथ्वी के निकट स्थित है किंतु आने वाले 100 वर्षों तक उनका कोई खतरा नहीं है। ऐसे ग्रहों को NEO सूची में रखा गया है।
  • किसी भी परिक्रमा करने वाली वस्तु का प्रक्षेपवक्र, ग्रहों के गुरुत्वाकर्षण बल से परिवर्तित हो सकता है। जिससे यह खतरा पृथ्वी पर निरंतर बना रह सकता है।

 

स्रोत

https://www.thehindu.com/sci-tech/science/new-potentially-hazardous-asteroid-discovered/article66081000.ece

https://indianexpress.com/article/explained/planet-kill-asteroid-threat-to-earth-explained-8246385/

Yojna IAS Daily Current Affairs hindi med 3rd November

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