शानन जल विद्युत परियोजना

शानन जल विद्युत परियोजना

सिलेबस: जीएस 3 / विनिर्माण

सदर्भ-

  • पंजाब और हिमाचल प्रदेश सरकारों के मध्य विवाद का विषय हैं क्योंकि शानन जलविद्युत परियोजना पर 99 साल की लीज मार्च 2024 में समाप्त हो जाएगी। वर्तमान में, यह पंजाब सरकार के नियंत्रण में है।

परियोजना के बारे में-

  • 110 मेगावाट की शानन बिजली परियोजना की परिकल्पना 1922 में पंजाब सरकार के तत्कालीन मुख्य अभियंता कर्नल बैटी ने की थी।
  • मार्च 1925 में तत्कालीन मंडी रियासत के राजा जोगिन्द्र सेन तथा सैक्रेटरी ऑफ स्टेट इन इंडिया के बीच एक समझौता हुआ था।
  • जिसके अनुसार आगामी 2025 तक यथास्थिति रहनी है और तदोपरांत इस परियोजना का हस्तांतरण हिमाचल सरकार को होना तय है।
  • शानन पावर हाऊस के 1932 में तैयार हो जाने के बाद 10 मार्च 1933 को इसका उद्घाटन लाहौर में हुआ था।
  • ऊहल नदी प्रौजेक्ट स्कीम में बनाए गए इस पावर हाऊस का सपना उस समय के पंजाब के चीफ इंजीनियर कर्नल बैटी ने संजोया था।
  • यह पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 के प्रावधानों के अनुसार पंजाब राज्य को आवंटित किया गया था।
  • अधिनियम के तहत, शानन परियोजना को भारत सरकार के सिंचाई और बिजली मंत्रालय द्वारा पंजाब राज्य को आवंटित किया गया था।
  • 1972 में, केंद्र ने हिमाचल प्रदेश द्वारा उठाई गई एक आपत्ति के स्पष्टीकरण के साथ जवाब दिया, पंजाब राज्य के पक्ष में परियोजना के आवंटन की पुष्टि की।

हितधारकों का रुख : 

  • हिमाचल प्रदेश: वह चाहता है कि लीज अवधि समाप्त होने पर परियोजना राज्य को सौंप दी जाए।
  • पंजाब: यह अपनी बेशकीमती परियोजना से अलग होने के में नहीं है, और इसे बनाए रखने के लिए कानूनी सहारा लेने के लिए तैयार है।

स्रोत:TH

 

 

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