सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना MPLADS

सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना MPLADS

सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना MPLADS

संदर्भ- सरकार ने MPLADS सदस्य निधियों के उपयोग के लिए दिशानिर्देशों में बदलाव को वापस ले लिया है। जो अनुसूचित जाति व जनजाति के वर्चस्व वाले क्षेत्रों के एक निश्चित हिस्से को कम करने की आवश्यकता को कम करता हुआ दिखाई देता है। 

सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना- 

  • MPLADS केंद्र सरकार की एक योजना है, जिसके तहत सांसद अपने संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों में हर साल 5 करोड़ रुपये खर्च करने वाले विकास कार्यक्रमों की सिफारिश कर सकते हैं।
  • केंद्रीय क्षेत्रक योजना के रूप में इसकी घोषणा दिसंबर 1993 में की गई थी।
  • यह योजना लोकसभा व राज्यसभा दोनों के सांसदों के संबंध में है। 
  • इस योजना के तहत, प्रत्येक सांसद के पास अपने निर्वाचन क्षेत्र में शुरू किए जाने वाले 5 करोड़ रुपये प्रति वर्ष के कार्यों के लिए जिला कलेक्टर को सुझाव देने का विकल्प होता है। अलग अलग राज्यों का सांसदों के लिए अलग अलग बजट निर्धारित होता है। दिल्ली के सांसद विकास कार्यों के लिए सर्वाधिक 10 करोड़ रुपये तक की राशि की सिफारिश कर सकते हैं।
  • पंजाब व केरल में यह राशि 5 करोड़, उत्तर प्रदेश में 3 करोड़ और असम, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र व कर्नाटक के लिए यह राशि 2 करोड़ निर्धारित की गई है।
  • राज्यसभा सदस्य जिस राज्य से चुने गए हैं, उस राज्य के एक या एक से अधिक जिलों में कार्यों की सिफारिश कर सकते हैं।
  • महामारी के दौर में आपातकालीन निधि के रूप में इसका प्रयोग किया गया, जिसके लिए सभी प्रकार की MPLADS योजनाओं पर रोक लगा दी गई थी।
  • महामारी के दौरान सांसद निधि से सरकार को लगभग 7800 करोड़ रुपये की सहायता प्राप्त हुई।

MPLADS योजना के उद्देश्य

  • देश की स्थानीय आबादी की आधारभूत आवश्यकताओं जैसे स्वच्छ जल, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता व सड़क आदि से संबंधित परियोजनाओं के निर्माण को योजना में शामिल कर आधारभूत आवश्यकताओं की चिंता से देश को मुक्त करना।
  •  इसके तहत स्वच्छ भारत अभियान, वर्षा जल संचयन हेतु परियोजना, सांसद आदर्श ग्राम योजना आदि योजनाएं सरकार द्वारा लाई गई हैं।

योजना की कार्यप्रणाली

  • यह सांसद निधि सांसद को प्राप्त न होकर सरकार द्वारा सीधे स्थानीय अधिकारियों को आबंटित की जाती है।
  • विधायक केवल प्रतिनिधि क्षेत्र की विकास योजनाओं के लिए सरकार से सिफारिश करता है।
  • इसयोजना के तहत टिकाउ परियोजनाओं जैसे- सड़क, स्कूल व भवन आदि के लिए फंड आबंटित किया जाता है। गैर टिकाउ योजनाओं के लिए सिफारिशें अतिआवश्यक परिस्थितियों में की जाती हैं। गैर टिकाउ खर्च जैसे महामारी के समय व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण औऱ कोरोना रीक्षण किट आदि के लिए बजट आबंटित किया गया था। 
  • एमएलएएलएडी फंड के उपयोग के लिए दिशानिर्देश प्रत्येक राज्य में अलग-अलग हैं। उदाहरण के लिए, दिल्ली के विधायक फॉगिंग मशीन के संचालन (डेंगू के मच्छरों को रोकने के लिए), सीसीटीवी कैमरे लगाने आदि की सिफारिश कर सकते हैं। 
  • विधायकों द्वारा विकास कार्यों की सूची देने के बाद, उन्हें जिला अधिकारियों द्वारा वित्तीय, तकनीकी और सरकार के अनुसार निष्पादित किया जाता है।

MPLADS योजना की आलोचना

  • संविधान के अनुसार विधायिका का कार्य विधान अथवा कानून का निर्माण करना है और यह योजना विधायकों (विधायिका) को कार्यकारी कामकाज (कार्यपालिका) में शामिल करती है, अतः यह संविधान के प्रावधानों के साथ संगत नहीं होती है।
  • इस योजना के कारण विधायकों व सांसदों पर अतिरिक्त कार्यभार आ जाता है जिससे वे विधायिका के दायित्वों को पूर्ण करने में असमर्थ हो सकते हैं।
  • MPLADS योजना के कार्यों के आबंटन में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जाते हैं।

स्रोत

Yojna IAS Daily current affairs Hindi med 16th March 2023

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