स्वदेश दर्शन योजना Swadesh Darshan Scheme

स्वदेश दर्शन योजना Swadesh Darshan Scheme

 

  • हाल ही मेंस्वदेश दर्शन योजना के तहत पर्यटन मंत्रालय ने बौद्ध सर्किट विकास के लिये 53 करोड़ रुपए लागत की 5 परियोजनाओं को मंज़ूरी दी है।
  • इसने केंद्र सरकार कीदेखो अपना देश पहल के हिस्से के रूप में एक बौद्ध सर्किट ट्रेन एफएएम टूर का भी आयोजन किया है।
  • इस दौरे में बिहार में गया-बोधगया, राजगीर-नालंदा और उत्तर प्रदेश में सारनाथ-वाराणसी गंतव्य शामिल हैं।

 प्रमुख बिंदु 

स्वदेश दर्शन योजना के बारे में:

  • स्वदेश दर्शनकेंद्रीय क्षेत्र की योजना है जिसे वर्ष 2014-15 में देश में थीम आधारित पर्यटन सर्किट के एकीकृत विकास के लिये शुरू किया गया था।
  • इस योजना की परिकल्पना अन्य योजनाओं जैसे-स्वच्छ भारत अभियान, स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया आदि के साथ सामंजस्य स्थापित करने के लिये की गई है।
  • इस योजना के तहत पर्यटन मंत्रालय सर्किट के बुनियादी ढाँचे के विकास के लिये राज्य सरकारों/केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासन को केंद्रीय वित्तीय सहायता (CFA) प्रदान करता है।
  • इस योजना के उद्देश्यों में से एक एकीकृत तरीके से उच्च पर्यटक मूल्य, प्रतिस्पर्द्धा और स्थिरता के सिद्धांतों पर थीम आधारित पर्यटक सर्किट विकसित करना है।

 पर्यटक सर्किट:

  • इस योजना के तहत पंद्रह विषयगत सर्किटों की पहचान की गई है- बौद्ध सर्किट, तटीय सर्किट, डेज़र्ट सर्किट, इको सर्किट, हेरिटेज सर्किट, हिमालयन सर्किट, कृष्णा सर्किट, नॉर्थ ईस्ट सर्किट, रामायण सर्किट, ग्रामीण सर्किट, आध्यात्मिक सर्किट, सूफी सर्किट, तीर्थंकर सर्किट, जनजातीय सर्किट, वन्यजीव सर्किट।

 अन्य संबंधित पहलें: 

प्रसाद योजना:

  • प्रसाद योजनाके तहत बुनियादी ढाँचे के विकास के लिये 30 परियोजनाएँ भी शुरू की गई हैं।

 प्रतिष्ठित पर्यटक स्थल:

  • बोधगया, अजंता और एलोरामें बौद्ध स्थलों की पहचान आइकॉनिक टूरिस्ट साइट्स (भारत की सॉफ्ट पावर को बढ़ाने के उद्देश्य से) के रूप में विकसित करने के लिये की गई है।

 बौद्ध कानक्लेव:

  • बौद्ध कानक्लेव भारत को बौद्ध गंतव्य और दुनिया भर के प्रमुख बाज़ारों के रूप में बढ़ावा देने के उद्देश्य से हर वैकल्पिक वर्ष में आयोजित किया जाता है।

 देखो अपना देशपहल:

  • इसे पर्यटन मंत्रालय द्वारा 2020 में शुरू किया गया था ताकि नागरिकों को देश के भीतर व्यापक रूप से यात्रा करने के लिये प्रोत्साहित किया जा सके और इस प्रकार घरेलू पर्यटन सुविधाओं और बुनियादी ढाँचे के विकास को सक्षम बनाया जा सके।
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