पीएम डिवाइन 

पीएम डिवाइन 

पीएम डिवाइन 

संदर्भ- केंद्रीय मंत्रीमण्डल ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए प्रधानमंत्री विकास पहल को मंजूरी दे दी है। यह योजना वित्त वर्ष 2025-26 तक लागू रहेगी, इसका कुल व्यय 6600 करोड़ रूपये निर्धारित किया गया है।

पीएम डिवाइन

  • 100 प्रतिशत केंद्रीय वित्त पोषण के साथ केंद्रीय क्षेत्र की एक नई योजना है।
  • इसे पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास मंत्रालय(डोनर) द्वारा लागू किया गया है।
  • 2022-23 के बजट मेंं इस योजना की घोषणा की गई थी। इस योजना में 2022-2023 से 2025-2026 तक चार साल की अवधि के लिए 6600 करोड़ रुपये का परिव्यय किया जाना है।
  • योजना बुनियाद ढ़ाचे के निर्माण, उद्योगों व सामाजिक विकास परियोजनाओं को सहयोगी देगी। युवाओं और महिलाओं के लिए आजीविका सृजित करेगी, जिससे रोजगार उत्पन्न होगा।
  • पीएम डिवाइन के अंतर्गत आने वाली परियोजनाओं के पर्याप्त रखरखाव व संरचना की व्यवस्था की जाएगी जिससे परियोजना दीर्घकालिक रहें।
  • परियोजनाओं के निर्माण सामग्री को इंजीनियरिंग खरीद निर्माण(ईपीसी) के आधार पर लागू किया जाएगा जिससे परियोजना में लगने वाले समय व लागत में अनावश्यक वृद्धि को रोका जा सके।

पीएम डिवाइन उद्देश्य

  • पीएम गतिशक्ति के तर्ज पर सम्मिलित रूप से बुनियादी ढ़ाचे को निधि प्रदान करना।
  • पूर्वोत्तर क्षेत्रों की आवश्यकता के आधार पर सामाजिक विकास परियोजनाओं को समर्थन देना।
  • युवाओं और महिलाओं के लिए आजीविका संबंधी कार्यों को सक्षम बनाना।
  • विभिन्न क्षेत्रों में विकास अंतराल को भरा जाना।
  • पीआईबी के अनुसार इसका औचित्य बुनियादी न्यूनतम सेवाओं के नेतृत्व में पूर्वोत्तर राज्यों के पैरामीटर अन्य राज्यों से काफी नीचे हैं। नीति आयोग, यूएनडीपी, एमडीओएनईआर द्वारा तैयार बीईआर जिला निरंतर विकास सूचकांक (एसडीजी) के अनुसार महत्वपूर्ण विकास अंतराल है। इन बीएमएस की कमियों व विकास अंतराल को दूर करने के लिए पीएम डिवाइन लागू किया गया है।

प्रस्तावित परियोजनाएँ

  • मिजोरम में बैम्बू लिंक रोड के विकास में सहायता।
  • पश्चिमी सिक्किम में पेलिंग टू सांगा चोलिंग के लिए पैसेंजर रोपवे सिस्टम।
  • आइजोल बाइपास का निर्माण
  • गुवाहाटी में बाल चिकित्सा और वयस्क हिमोलिम्फोइड कैंसर की प्रबंधन सेवा।
  • नेक्टर आजीविका सुधार परियोजना
  • वैज्ञानिक जैविक कृषि को बढ़ावा देना आदि।

पूर्वोत्तर के विकास के लिए भागीदार तत्व-

उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय(एमडीओएनईआर)- एमडीओएनईआर उत्तर पूर्वी क्षेत्र के 8 राज्यों अरुणांचल प्रदेश, असम, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, नागालैण्ड, सिक्किम और त्रिपुरा में विकास परियोजनाओं की योजना निर्माण, निष्पादन व निगरानी के लिए जिम्मेदार होता है। विकास परियोजनाएँ जैसे- NESIDC, HADP, NLCPR, इसके साथ ही असम के लिए विशेष परियोजनाएं ( BTS, KAATC & DHATC ), और NEDFi, NESSDS-EAP को ब्याज मुक्त लोन दिया जाता है।

उत्तर पूर्व विशेष अवसंरचना विकास योजना(NESIDS) भारत सरकार द्वारा केंद्रीय योजना के रूप में अनुमोदित है। इन परियोजनाओं में केंद्र, उत्तर पूर्व के राज्य सरकारों को 100% परियोजना व्यय प्रदान करता है। इनके तहत बिजली, पानी, व पर्यटन संबंधी भौतिक संरचनाओं और शिक्षा व स्वास्थ्य संबंधी सामाजिक संरचनाओं को लिया जाता है।

गैर व्यप्तगत केंद्रीय संसाधन पूल (NLCPR), योजना आयोग के अंतर्गत 1998 में प्रभाव में आई और 2001 में इसे डीओएनईआर को स्थानांतरित कर दिया गया। NLCPR का उद्देश्य राज्य सरकार की प्राथमिक परियोजनाओं को मंजूरी देकर पूर्वोत्तर में आए विकास के अंतराल को पाटना है। NLCPR परियोजनाओं के लिए वित्त मंत्रालय द्वारा वित्त आबंटित किया जाता है। यह परियोजनाएं 90% अनुदान व 10% ऋण के आधार पर केंद्र व राज्य द्वारा वित्त पोषित होती हैं।

सामाजिक और बुनियादी ढांचा विकास कोष(SIDF)-  यह एकमुश्त पैकेज है जिसमें राज्य सरकारों द्वारा उनकी आवश्यकता के अनुसार प्राथमिकता वाली परियोजनाओं को शामिल किया जाता है, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ नई सड़कों और पुलों का निर्माण, नए सब-स्टेशनों/ट्रांसमिशन लाइनों की पुन: स्थापना, अस्पतालों, स्कूलों की स्थापना, जलापूर्ति परियोजनाओं आदि शामिल हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री ने 2008-09 के अपने बजट भाषण में पूर्वोत्तर क्षेत्र (एनईआर) के लिए विशेष रूप से अरुणाचल प्रदेश और अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों के लिए 500 करोड़ रुपये (बाद में बढ़ाकर 586.20 करोड़ रुपये) करने की घोषणा की। ऐसी समस्याएं जिनका समाधान सामान्य योजनाओं के माध्यम से नहीं किया जा सकता है। ऐसी योजनाओं को सोशल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (एसआईडीएफ) कहा जाता है।

 विश्व बैंक द्वारा सहायता प्राप्त  उत्तर पूर्व ग्रामीण आजीविका परियोजना का उद्देश्य चार पूर्वोत्तर राज्यों में विशेष रूप से महिलाएं, युवा और अन्य वंचितों की आजीविका में सुधार करना। इसके चार निम्न घटक हैं-

  • सामाजिक सशक्तिकरण 
  • आर्थिक सशक्तिकरण
  • साझेदारी विकास व प्रबंधन
  • परियोजना प्रबंधन।

स्रोत

https://indianexpress.com/article/upsc-current-affairs/upsc-essentials/upsc-essentials-one-word-a-day-pm-devine-the-government-scheme-8205547/

https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1794394

https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1867128

yojna daily current affairs hindi med 13 Oct 2022

No Comments

Post A Comment