01 Dec ज्वालामुखी विस्फोट
ज्वालामुखी विस्फोट
संदर्भ- हाल ही में हवाई में ज्वालामुखी मौना लोआ विस्फोट हो गया, 38 साल बाद विस्फोट होने से यह चर्चा का विषय बना हुआ है। विस्फोट से किसी भी जमीनी समुदाय को खतरा नहीं है।
मौना लोआ ज्वालामुखी विश्व का सबसे बड़ा सक्रिय ज्वाला मुखी है।
ज्वालामुखी
- पृथ्वी की ऊपरी परत पर स्थित दरार या मुख जिससे पृथ्वी के अंदर का लावा, राख व जीवाश्म बाहर आ सकते हैं।
- इन पदार्थों के जमा हो जाने के कारण एक शंक्वाकार आकृति का निर्माण होता है जिसे ज्वालामुखी कहा जाता है।
- ज्वालामुखी यानि volkeno नाम की उत्पत्ति रोमन अग्नि देवता वाल्केन से मानी जाती है।
ज्वालामुखी विस्फोट की घटना – पृथ्वी के अंदर उसकी कोर अत्यधिक गर्म होती है, अतः कोर से बाहरी पृष्ठ तक ऊष्मा का संचरण होता है। और यह ऊष्मा को भूतापीय प्रवणता कहा जाता है।( भूतापीय प्रवणता कोर की निकटता पर निर्भर करती है) यह ऊष्मा जब चट्टानों को भी पिघला देने की क्षमता रखती है और पिले हुए पदार्थ को मैग्मा कहा जाता है।
मैग्मा कठोर चट्टानों से हल्का होने के कारण कक्ष या चैम्बर में जमा होने लगता है। चैम्बर, जिनमें ज्वालामुखी विस्फोट की क्षमता होती है सतह से 6-10 किमी की गहराई में होता है। मैग्मा पृथ्वी की पपड़ी में दरारों के माध्यम से अपना मार्ग बनाता है। पृथ्वी की सतह में आने पर मैग्मा, लावा और यह घटना ज्वालामुखी विस्फोट कहलाती है।
ज्वालामुखी की प्रकृति
- मैग्मा की तीव्रता व संरचना के आधार पर ज्वालामुखी भिन्न होते हैं।
- ज्वालामुखी में जब गैस व लावा के बहने की के लिए उचित स्थान मिल जाता है तो उसकी तीव्रता कम होती है। और ये कम विस्फोटक होते हैं, जैसे मौना लोआ विस्फोट। इसमे लावा धीमी गति से प्रवाहित होता है जिससे लोगों के पास लावा के मार्ग से हटने के लिए पर्याप्त समय होता है।
- यदि मैग्मा की श्यानता अधिक होती है अर्थात मैग्मा गाढ़ा व चिपचिपा होता है तो उसके काऱण गैसें बाहर आनेमें अक्षम होती है। जिससे गोसे दबाव उत्पन्न करती है। इससे गैसें अधिक वेग से बाहर आती हैं और विस्फोट होता है लावा गैसों के साथ तीव्रता से अपने साथ छोटे छोटे कणों के साथ विशाल शिला खण्डों को बहाकर लाता है। और खतरनाक विस्फोट का कारण बनता है।
ज्वालामुखी के प्रकार – सक्रियता के आधार पर ज्वालामुखी तीन प्रकार के होते हैं।
- सक्रिय ज्वालामुखी – कोई भी ज्वालामुखी जो होलोसीन काल (11650 वर्ष)के अंतर्गत फूटा है उसे सक्रिय ज्वालामुखी कहा जाता है। जैसे- एटना स्ट्राम्बोली, ओजस डैड सालाडो आदि, भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी बैरन द्वीप अण्डमान में स्थित है।
- प्रसुप्त ज्वालामुखी- इसमें निकट भविष्य में कोई उद्गार नहीं हुआ है लेकिन कभी उद्गार होने की संभावना रहती है। बाहरी रूप से यह ज्वालामुखी शांत रहते हैं लेकिन आंतरिक रूप से सक्रिय रहते हैं। इटली का विसूवियस एक प्रसुप्त ज्वालामुखी है। भारत में प्रसुप्त प्रकार नारकोंडम ज्वालामुखी अण्डमान निकोबार द्वीप समूह की श्रेणी में आता है।
- शांत ज्वालामुखी- ऐसे ज्वालामुखी जिनमें अतीत में कोई उद्गार नहीं हुआ है और वर्तमान में भी इसमें उद्गार होने की कोई सम्भावना नहीं होती। ऐसे ज्वालामुखी को मृत ज्वालामुखी भी कहा जाता है।
विश्व के कुछ प्रसिद्ध ज्वालामुखी
क्राकाटोवा ज्वालामुखी-(इण्डोनेशिया)
- 1883 में सबसे विनाशकारी उद्गार उत्पन्न करने वाला ज्वालामुखी।
- ज्वालामुखी के विस्फोट की ध्वनि को 3100 किमी दूर पश्चिमी ऑस्ट्रिया में सुना गया।
- इस विस्फोट व इसके करण आई सुनामी के कारण 36417 लोगों की मृत्यु हो गई।
माउंट वेसुवियस इटली
- सन 79 में इटली के दो शहर पाम्पेई और हरक्यूलैनियम, माउंट वेसुवियस ज्वालामुखी के विस्फोट में बरबाद हो गए थे।
- यह प्रसुप्त प्रकार का ज्वालामुखी है।
माउण्ट फुजी जापान
- यह आखिरी बार 1707-1708 (वीईआई 5) में फूटा था और स्थानीय आबादी पर इसका विनाशकारी प्रभाव पड़ा था।
- टेफ़्रा(खण्डित पदार्थ) रिलीज़ ने महत्वपूर्ण कृषि गिरावट का नेतृत्व किया, जिससे एदो (अब टोक्यो) क्षेत्र में व्यापक भुखमरी हो गई, इसका अप्रत्यक्ष रूप से विनाशकारी प्रभाव पड़ा।
आइजफजालजोकुल, आइसलैंड
- इसमें अंतिम विस्फोट 2010 मे आया था।
- इसके कारण 20 देशों ने अपने हवाई सेवा बंद कर दी जिससे विश्व के कई यात्री प्रभावित हुए।
किलाउआ हवाई-
- यह ग्रह पर सबसे सक्रिय ज्वालमुखियों में से एक है।
- इसमें विस्फोट 1983 से 2018 तक लगातार चला था,यह इतने लम्बे समय तक लगातार विस्पोटित होने वाला पहला ज्वालामुखी है।
- यह अब पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है।
बैरन द्वीप ज्वालामुखी (भारत )
- भारत का एकमात्र ज्वालामुखी जो सक्रिय प्रकृति का है।
- इसके विस्फोट की पहली प्रमाणित जानकरी 1787 की है।
- 1991 में इसमें बड़े पैमाने पर विस्फोट हुआ था।
स्रोत
https://indianexpress.com/article/explained/explained-sci-tech/mauna-loa-volcano-science-behind-volcanic-eruptions-8296584/
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