LVM3-M3/ One web India 2 मिशन

 LVM3-M3/ One web India 2 मिशन

 LVM3-M3/ One web India 2 मिशन

संदर्भ- हाल ही में इसरो द्वारा वनवेब कंपनी के 36 उपग्रहों को प्रक्षेपित किया गया।  इसरो के अनुसार यह भारत का  LVM3-M3/One web India 2 मिशन था। इसके साथ ही LVM 3 का छठा प्रक्षेपण था।

 LVM3-M3/ One web India 2 मिशन

  • यह मिशन भारत और ब्रिटेन के मध्य किए गए समझौते के तहत LEO(Low Earth Orbital) मेंं 72 उपग्रह लांच करने के लक्षित है। जिसका पहला जत्था 2022 में प्रक्षेपण हेतु GSLV MK3 रॉकेट द्वारा 36 उपग्रहों को प्रक्षेपित किया गया था।
  • LVM3 इसरो का सबसे भारी प्रक्षेपण यान है। जिसके द्वारा  LVM3-M3/One web India 2 मिशन सम्पन्न हुआ। 
  • इस मिशन के तहत वनवेब कंपनी का 36 उपग्रहों को LVM 3 के द्वारा प्रक्षेपित किया गया था। 36 उपग्रहों को 4 उपग्रहों के 9 बैचों में प्रक्षेपित किया गया। उपग्रहों का कुल वजन 5805 किलोग्राम था। 
  • उपग्रहों को 450 किमी की कक्षा में रखा गया है। जिसके लिए प्रक्षेपण वेग अधिक रखा गया है।  

LVM3 प्रक्षेपण यान

  • LVM3 लॉन्च वाहन को पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक के साथ बनाया गया था।
  • चंद्रयान -2 मिशन सहित 5 मिशन इसके द्वारा प्रक्षेपित किए जा चुके हैं। 
  • गगनयान कार्यक्रम के लिए मानव रेटिंग के एक भाग के रूप में वाहन को कई महत्वपूर्ण परीक्षणों से गुजरना पड़ा। 
  • क्रायोजेनिक चरण को विशिष्ट रूप से ओर्थोगोनल दिशा में ओरिएंट और री-ओरिएंट करने के लिए डिज़ाइन किया गया था ताकि उपग्रहों को सटीक रूप से इंजेक्ट करने की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके। 
  • उपयोगकर्ता की समय-सीमा को पूरा करने के लिए वाहन को मांग-संचालित आधार पर बहुत कम समय में प्राप्त किया गया था।

मिशन का प्रक्षेपण – यान का प्रक्षेपण तीन चरणों के तहत किया जाता है।

  1. टू स्टेज प्रणोदक
  2. एल 110 लिक्विड स्टेज
  3. C 25 क्रायोजेनिक स्टेज

वनवेब- 

  • वनवेब, यूनाइटेड किंगडम की एक कंपनी है।
  • यह वनवेब का 18वां लांच था। इसका लक्ष्य 618 उपग्रहों को लो अर्थ ऑर्बिट में लांच करना  है।
  • इसका उद्देश्य वैश्विक कवरेज स्थापित करना है। जिसके द्वारा अंतरिक्ष से संचालित एक वैश्विक संचार नेटवर्क स्थापित किया जा सके।
  • भारत में भारतीय इंटरप्राइजेज NSIL, वनवेब का एक प्रमुख निवेशक व शेयरधारक है।

 LVM3-M3/One web India 2 मिशन के लाभ

  • एक वैश्विक संचार नेटवर्क है यह कनेक्टविटी को सुगम बनाने के लिए तैयार किया गया है। यह उद्योगों के साथ साथ गांवों, कस्बों, नगरपालिकाओं, स्कूलों जैसे दूरस्थ क्षेत्रों को जोड़ने के लिए एक सफल समाधान प्रस्तुत करेगा। 
  • अविलंब संचार- सूचना प्रसारण में होने वाले विलंब दूर करेगा। 
  • यह एक वाणिज्यिक मिशन है जिसके द्वारा भारत को 1000 करोड़ रुपये का लाभ प्राप्त हुआ है।

उपग्रह संचार के अन्य अनुप्रयोग – वाणिज्यिक संचार समूह सी बैंड, विस्तारित सी बैंड, केयी बैंड और एस बैंड आदि के प्रेषानुकरक के साथ कार्य करता है।  ये प्रेषानुकरक, टेलीविजन, रेडियो, नेटवर्किंग जैसी सेवाओं का प्रयोग करते हैं। इसके साथ ही इसरो दूरचिकित्सा, दूरशिक्षा व आपदा प्रबंधन में सहायता करता है। यह संचार उपग्रह देश के विकास के लिए हमेशा उन्मुख रहते हैं। 

वैश्विक स्तर पर अंतरिक्ष विज्ञान में भारत की स्थिति

  • भारत दुनियाँ के प्रमुख अंतरिक्ष देशों में से एक है। किंतु अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत की हिस्सेदारी केवल 2% है। 
  • किंतु अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों ने भारत की विश्वपटल पर अपनी पहचान बनाई है जिस कारण कई देश भारत के प्रक्षेपण यान को अपने उपग्रहों को प्रक्षेपित करने के लिए वरीयता देते हैं। इसी के तहत यूनाइटेड किंगडम ने अपने उपग्रहों को प्रक्षेपित करने के लिए इसरो(भारत) को चुना।
  • अब तक इसरो के द्वारा विदेशी 422 विदेशी उपग्रह लांच किए जा चुके हैं। 
  • इसके साथ ही इसरो द्वारा अब तक 126 अंतरिक्ष यान मिशन, 89 लांच मिशन, 13 छात्र उपग्रह, 2 पुनः प्रवेश उपग्रह लांच किए जा चुके हैं। 
  • इसरो द्वारा भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह प्रणाली या इनसैट को प्रमुखता दी जाती है। यह बहुद्देश्यीय उपग्रहों की एक श्रृंखला है। 

भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान के विकास हेतु कदम-

  • रक्षा अंतरिक्ष एजेंसी- हाल ही में भारत के रक्षा क्षेत्र को मजबूत करने के लिए रक्षा अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की स्थापना की गई है। जिसे प्रतिद्वंदियों का सामना करने के लिए आयुध निर्माण का कार्य सौंपा गया है। 
  • इसके साथ ही गुजरात के गांधी नगर में डिफेंस एक्सपो 2022 आयोजित किया गया।
  • उपग्रह विनिर्माण के लिए भारत का बजट 2025 तक 3.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर पहुँचने की उम्मीद की जा रही है।
  • निजी कंपनियों को भी अंतरिक्ष अवसंरचना में अवसर देने हेतु भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र की स्थापना की गई है। 
  • स्कूली छात्रों में इसरो व अंतरिक्ष से संबधित जागरुकता लाने के लिए संवाद कार्यक्रम को प्रारंभ किया गया है।

स्रोत

Yojna IAS Daily current affairs Hindi med 27th March 2023

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