22 Jun वन नेशन वन हेल्पलाइन पहल
सिलेबस: जीएस 2 /शासन
सदर्भ-
- हाल ही में, एक राष्ट्र- एक हेल्पलाइन’ की व्यापक सोच के तहत सरकार ने चाइल्ड हेल्पलाइन को ईआरएसएस-112 के साथ जोड़ने का निर्णय लिया।
प्रमुख बिन्दु-
- यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जिम्मेदार और जवाबदेह प्रशासन के माध्यम से बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी संभाली जाए और उसे क्रियाशील बनाया जाए।
- यह संकट में फंसे हुए बच्चों के प्रत्यावर्तन और उनके कल्याण में सहायता करेगा।
- चाइल्ड हेल्पलाइन का रूपांतरण प्रगति पर है, चरणबद्ध तरीके से 9 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में चाइल्डलाइन का अधिग्रहण करके इसे संचालित किया जा रहा है।
- किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 2(25) के तहत चाइल्डलाइन सेवाओं को संकट में बच्चों के लिए चौबीसों घंटे की आपातकालीन पहुंच सेवा के रूप में परिभाषित किया गया है।
- यह उन्हें आपातकालीन या दीर्घकालिक देखभाल और पुनर्वास सेवा से जोड़ती है। इस सेवा का उपयोग चार अंकों के टोल फ्री नंबर (1098) डायल करके संकट में फंसा हुआ कोई भी बच्चा या उनकी ओर से कोई वयस्क कर सकता है।
पहल के बारे में
प्रक्रिया:
- एक राष्ट्र एक हेल्पलाइन की व्यापक सोच के एक हिस्से के तहत और दूसरे राष्ट्रीय मुख्य सचिवों के सम्मेलन के दौरान प्राथमिकता के रूप में मंत्रालय ने महिला हेल्पलाइन और चाइल्ड हेल्पलाइन को ईआरएसएस-112 (आपातकालीन प्रतिक्रिया समर्थन प्रणाली) के साथ जोड़ने का निर्णय लिया है।
- राज्य/केंद्रशासित प्रदेश में चाइल्ड हेल्पलाइन के लिए एक 24×7 समर्पित डब्ल्यूसीडी नियंत्रण कक्ष (डब्ल्यूसीडी-सीआर) स्थापित किया जाएगा और इसे ईआरएसएस-112 के साथ एकीकृत किया जाएगा।
- इसके अलावा जिला स्तर पर जिला बाल संरक्षण इकाई (डीसीपीयू) में चाइल्ड हेल्पलाइन (सीएचएल) इकाई चौबीसों घंटे उपलब्ध रहेगी।
- जिससे संकट में फंसे हुए बच्चों को आपातकालीन व दीर्घकालिक देखभाल और पुनर्वास सेवाओं से जोड़ा जा सके।
- रेलवे के मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार राज्य/केंद्रशासित प्रदेश चयनित रेलवे स्टेशनों और बस स्टैंडों पर चाइल्ड हेल्प डेस्क/कियोस्क/बूथ की स्थापना जारी रखेंगे।
कवरेज:-
- 1098 पर सभी कॉल संबंधित राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में चाइल्ड हेल्पलाइन के डब्ल्यूसीडी-सीआर पर आएंगी और आपातकालीन कॉल ईआरएसएस-112 को अग्रेषित की जाएंगी।
- चाइल्ड हेल्पलाइन का रूपांतरण प्रगति पर है और इसे चरणबद्ध तरीके से 9 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में चाइल्डलाइन का अधिग्रहण करके इसे शुरू किया जा रहा है।
- पहले चरण में, नौ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कवर किया जाएगा।
- आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, बिहार, गुजरात, गोवा, मिजोरम, लद्दाख, पुडुचेरी, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव।
- अन्य राज्य और केंद्र शासित प्रदेश चरणबद्ध तरीके से इसका पालन करेंगे।
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