अमृत ​​(अटल कायाकल्प और शहरी परिवर्तन मिशन) योजना

अमृत ​​(अटल कायाकल्प और शहरी परिवर्तन मिशन) योजना

( यह लेख यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के मुख्य परीक्षा के अंतर्गत सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र – 1  के ‘ सामाजिक सशक्तिकरण कार्यान्वयन में चुनौतियाँ, अमृत योजना को नया रूप देने हेतु कदम, प्रकृति-आधारित समाधान, जन-केंद्रित दृष्टिकोण, स्थानीय निकायों को सशक्त बनाना ’ और सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र – 2 के ‘ शासन के स्तर पर जन कल्याणकारी योजनाएँ,  सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप, शहरीकरण ’ खंड से और प्रारंभिक परीक्षा के अंतर्गत अमृत, पेयजल सर्वेक्षण, जल के लिये प्रौद्योगिकी उप-मिशन, राष्ट्रीय जल नीति, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG), रिवर सिटीज़ अलायंस (RCA), स्वच्छ भारत मिशन, राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम, सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP), कोविड-19, आयुष्मान भारत ’ खंड से संबंधित है। इसमें योजना आईएएस टीम के सुझाव भी शामिल हैं। यह लेख ‘ दैनिक करेंट अफेयर्स ’ के अंतर्गत अमृत ​​(अटल कायाकल्प और शहरी परिवर्तन मिशन) योजना ’ से संबंधित है।)

 

खबरों में क्यों ?

 

  • हाल ही में समाचार पत्रों की सुर्खियों में जल की गतिशीलता और प्रदूषण से जुड़े बुनियादी ढाँचे के मुद्दों का समाधान खोजने में आने वाली चुनौतियों के कारण भारत में आरंभ की गई अमृत योजना खबरों के केंद्र में है। 
  • इस योजना के तहत, भारत सरकार ने जल संरक्षण और पुनरुद्धार के लिए जागरूकता बढ़ाने और जल संसाधनों के सतत उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए कई पहल की हैं
  • हाल ही में, अमृत भारत स्टेशन योजना की घोषणा की गई है, जिसके तहत देश भर के 508 स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रखी जाएगी। इस योजना के तहत 24,470 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे और यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।
  • अमृत सरोवर मिशन के अंतर्गत, प्रत्येक जिले में 75-75 तालाबों के निर्माण की योजना है, जिससे वर्षा जल संचयन और भूमिगत जल स्तर को बढ़ाया जा सके। 
  • इसके अलावा, अमृत मिशन 2.0 के तहत, शहरी स्थानीय निकायों के सभी घरों को जल आपूर्ति और सीवेज कनेक्शन का 100% कवरेज प्रदान करने का लक्ष्य है
  • इन पहलों का मुख्य उद्देश्य जल प्रदूषण को कम करना और जल संसाधनों का संरक्षण करना है, ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ और सुरक्षित जल सुनिश्चित किया जा सके। यह जल संकट के समाधान में मदद करेगा और जल संसाधनों के सतत उपयोग को बढ़ावा देगा।

 

अमृत योजना का परिचय : 

 

  • अमृत योजना, जिसे अटल कायाकल्प और शहरी परिवर्तन मिशन या अटल मिशन फॉर रिजुवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन (AMRUT) के नाम से भी जाना जाता है, भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है जो शहरी इलाकों में बुनियादी ढाँचे को बेहतर बनाने और नागरिकों के जीवन स्तर को उन्नत करने के लिए शुरू की गई थी। 
  • इसका उद्देश्य जलापूर्ति, सीवरेज, जल निकासी, हरित स्थान, गैर-मोटर चालित परिवहन और क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में सुधार लाना है।

 

अमृत योजना 2.0 क्या है ? 

 

 

  • अमृत 2.0 योजना की शुरुआत 1 अक्तूबर, 2021 को हुई थी, जिसका लक्ष्य अमृत 1.0 के तहत शुरू किए गए कार्यों को आगे बढ़ाना और विस्तारित करना है। 
  • इस योजना के तहत, लगभग 4,900 वैधानिक कस्बों में जलापूर्ति की सार्वभौमिक कवरेज और 500 शहरों में सीवरेज/सेप्टेज प्रबंधन की कवरेज को सुनिश्चित करना है। 
  • यह योजना उपचारित सीवेज के पुनर्चक्रण/ पुनः उपयोग, जल निकायों के पुनरुद्धार और जल संरक्षण के माध्यम से शहर जल संतुलन योजना के विकास को भी बढ़ावा देती है।
  • हाल ही में, अमृत भारत स्टेशन योजना की घोषणा की गई है, जिसके तहत देश भर के 508 स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रखी जाएगी। इस योजना के तहत 24,470 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे और यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।
  • अमृत भारत स्टेशन योजना का उद्देश्य रेलवे स्टेशनों को बेहतर यात्री सुविधाओं, बेहतर यातायात परिसंचरण, अंतर-मोडल एकीकरण और उन्नत साइनेज के साथ आधुनिक, अच्छी तरह से सुसज्जित केंद्रों में बदलना है2। यह योजना भारतीय रेलवे क्षेत्र का लक्ष्य अर्थव्यवस्था के 45 फीसदी मॉडल माल ढुलाई हिस्से का समर्थन करने के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण करके देश की जीडीपी में लगभग 1.5 फीसदी योगदान देने की है।

 

अमृत ​​2.0 योजना की वर्तमान स्थिति : 

अमृत 2.0 योजना की वर्तमान स्थिति निम्नलिखित है – 

  • निधि आवंटन : मार्च 2023 तक चल रही परियोजनाओं के लिए अमृत 2.0 का कुल परिव्यय 2,99,000 करोड़ रुपए है।
  • प्रभाव : AMRUT ने महिलाओं के जीवन पर कई सकारात्मक प्रभाव डाले हैं। पानी लाने में लगने वाले प्रयासों में कमी आने के कारण अब महिलाएँ अपने समय का अधिक उत्पादक तरीके से उपयोग कर सकती हैं। सुरक्षित पेयजल की उपलब्धता के कारण बीमारियों के भार में भी कमी आई है।
  • चुनौतियाँ : भारत में इस योजना के कार्यान्वयन के बावजूद अपर्याप्त जल, सफाई और स्वच्छता के कारण प्रतिवर्ष लगभग 200,000 लोग मर जाते हैं। 
  • वर्ष 2016 में भारत में असुरक्षित जल और स्वच्छता के कारण होने वाली बीमारियों का भार प्रति व्यक्ति चीन की तुलना में 40 गुना अधिक है और इसमें बहुत कम सुधार हुआ है। 
  • नीति आयोग की एक रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2030 तक लगभग 21 प्रमुख शहरों में भूजल स्तर समाप्त हो जाएगा, जिससे भारत की 40% आबादी को पेयजल उपलब्ध नहीं हो सकेगा। लगभग 31% शहरी भारतीय घरों में पाइप से पानी की आपूर्ति नहीं होती है, जबकि 67.3% आवासों में पाइप से सीवरेज प्रणाली नहीं जुड़ी हुई है।

भारत के केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया अन्य पहल : 

  • प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (PMAY-U)
  • जलवायु स्मार्ट शहर मूल्यांकन ढाँचा 2.0
  • TULIP- शहरी शिक्षण इंटर्नशिप कार्यक्रम
  • स्मार्ट सिटी मिशन (SCM)
  • राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG)
  • रिवर सिटीज़ एलायंस (RCA)
  • राष्ट्रीय जल नीति, 2012 : राष्ट्रीय जल नीति, 2012 के अनुसार, शहरी और औद्योगिक क्षेत्रों में, जहाँ भी तकनीकी-आर्थिक रूप से संभव हो, वर्षा जल संचयन और लवणीकरण की वकालत की जाती है, ताकि उपयोग योग्य जल की उपलब्धता बढ़ाई जा सके।

 

AMRUT ​​योजना के सफल रूप से कार्यान्वयन में आनेवाली मुख्य चुनौतियाँ : 

अमृत योजना के कार्यान्वयन में आने वाली चुनौतियों निम्नलिखित है – :

  • भारत के कुछ राज्यों में इस परियोजना के कार्यान्वयन की मुख्य चुनौतियाँ : इस योजना के तहत खर्च होने वाली धनराशि का नियमित वितरण होने के बावजूद, बिहार और असम जैसे कुछ राज्यों में यह परियोजनाएँ अभी भी अधूरी हैं या उन्होंने पीपीपी मॉडल को अपनाया ही नहीं है, जिसके कारण अधिकतर राज्यों में इस योजना का कार्यान्वयन 50% से भी कम है।
  • AMRUT योजना की सीमाएँ : भारत में इस योजना में व्यापक दृष्टिकोण की जगह परियोजना-आधारित दृष्टिकोण को प्राथमिकता दी गई है। परिणामस्वरूप यह योजना पूर्णत : क्रियान्वित ही नहीं हो पाई है। 
  • संभावित ओवरलैप और अभिसरण की चुनौतियाँ : AMRUT योजना के तहत भारत के कुछ राज्यों के प्रमुख शहरों में इस योजना और स्वच्छ भारत मिशन जैसी अन्य योजनाओं के बीच ओवरलैप से वित्तीय आवंटन में चुनौतियाँ आ सकती हैं और शहरी मुद्दों के समाधान में बाधा आ सकती है।
  • भारत में वायु प्रदूषण की अनसुलझी समस्या : AMRUT 2.0 के बाद भी वायु गुणवत्ता में सुधार नहीं हुआ है, क्योंकि AMRUT 1.0 में मुख्य रूप से पानी और सीवरेज पर ही ध्यान केंद्रित किया गया था।
  • गैर- समावेशी शासन की संरचना : भारत में निर्वाचित नगर सरकारों की सक्रिय भागीदारी के बिना बनाई गई यह योजना शहरी जनता के लिए कम समावेशी हो सकती है। जिस पर ध्यान देने की अत्यंत आवश्यकता है। 

 

भारत में AMRUT ​​योजना को पुनर्जीवित करने हेतु समाधान की राह : 

 

 

 

भारत में अटल मिशन फॉर रिजुवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन (AMRUT) 2.0 योजना के पुनर्जीवन हेतु निम्नलिखित कदम उठाने की आवश्यकता है – 

  • वित्तीय चुनौतियाँ और समाधान : भारत में इस योजना के तहत स्थानीय शहरी निकायों को वित्तीय संसाधनों में विविधता लाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए, जिससे वे शीर्ष-निम्न वित्तपोषण दृष्टिकोण पर निर्भरता कम कर सकें।
  • समग्र दृष्टिकोण को अपनाने की जरूरत : भारत में इस योजना के क्रियान्वयन के लिए जलवायु परिवर्तन, वर्षा प्रतिरूप और मौजूदा बुनियादी ढाँचे के आधार पर शहरी जल प्रबंधन की योजनाएँ बनानी चाहिए और इसके तहत एक नीति – निर्माण के स्तर पर समग्र दृष्टिकोण को अपनाने की जरूरत है।
  • प्रकृति आधारित समाधान और जन-केंद्रित दृष्टिकोण : भारत में इस योजना को प्रकृति और समुदाय के अनुकूल बनाने के लिए स्थानीय निकायों को सशक्त बनाना चाहिए और प्रकृति आधारित समाधान एवं जन-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है।
  • सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देना : भारत में इस योजना के तहत गैर-सरकारी संगठनों और निवासी संघों की भागीदारी को बढ़ावा देना चाहिए, जिससे आवास योजनाओं की प्रभावशीलता में सुधार हो सके।
  • स्वच्छता और सफाई में सुधार लाने वाले सफल केस स्टडीज का अध्ययन करना : भारत में इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए स्वच्छता और सफाई में सुधार लाने वाले सफल केस स्टडीज का अध्ययन करना चाहिए और उन केस स्टडीज के तहत अपनाई गई प्रक्रियाओं को भी अपनाने की जरूरत है।
  • नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा देना : भारत में स्वास्थ्य और आवास संबंधी अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दों पर उद्योग-विशिष्ट अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए नवाचार केंद्रों की स्थापना करनी चाहिए।
  • सिटी वाटर बैलेंस प्लान (CWBP) को विकसित करना : भारत में  AMRUT 2.0 योजना के तहत शहरों को ‘जल सुरक्षित’ बनाने के लिए प्रत्येक शहर के लिए सिटी वाटर बैलेंस प्लान (CWBP) विकसित करने, जल संरक्षण, जल संचयन और उपचारित जल के पुनर्चक्रण/पुनर्उपयोग पर भी ध्यान देना चाहिए । 
  • इसके अतिरिक्त, शहरी वित्त को मजबूत करने, डबल एंट्री अकाउंटिंग सिस्टम को बढ़ाने, और शहरी योजना में सुधार करने जैसे सुधारों पर भी काम करना चाहिए।

 

स्रोत –  द हिंदू एवं पीआईबी।

 

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प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : 

 

Q. 1. अमृत योजना के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए। 

  1. अमृत सरोवर मिशन के तहत भारत के प्रत्येक जिले में 100 से अधिक तालाबों के निर्माण की योजना है
  2. अमृत  योजना का मुख्य उद्देश्य जल प्रदूषण को कम करना और जल संसाधनों का संरक्षण करना है।
  3. अमृत मिशन 2.0 के तहत, शहरी स्थानीय निकायों के सभी घरों को जल आपूर्ति और सीवेज कनेक्शन का 75 % कवरेज प्रदान करने का लक्ष्य है
  4. नीति आयोग के एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2030 तक भारत के लगभग 91 प्रमुख शहरों में भूजल स्तर समाप्त हो जाएगा

उपर्युक्त कथन / कथनों में से कौन सा कथन सही है?

A. केवल 1, 2 और 3

B. केवल 2, 3 और 4

C. केवल 4

D. केवल 2 

उत्तर – D

मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : 

 

Q.1. भारत में नगरीय जीवन की गुणवत्ता और ‘ स्मार्ट नगर कार्यक्रम ’ के तहत अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (AMRUT) योजना के कार्यान्वयन में आने वाली प्रमुख चुनौतियों को  रेखांकित करते हुए उन चुनौतियों से निपटने के लिए समाधान के उपायों पर विस्तारपूर्वक तर्कसंगत चर्चा कीजिए। ( UPSC CSE – 2021 शब्द सीमा – 250 अंक – 15 ) 

 

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