भारत का 78वाँ स्वतंत्रता दिवस और राष्ट्रीय ध्वज की ऐतिहासिकता

भारत का 78वाँ स्वतंत्रता दिवस और राष्ट्रीय ध्वज की ऐतिहासिकता

( यह लेख यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र – 1 के अंतर्गत ‘ आधुनिक भारतीय इतिहास, राष्ट्रीय ध्वज, भारतीय संविधान में राष्ट्रीय ध्वज के अपमान या इसके क्षति के संदर्भ में किये गए दंडात्मक प्रावधान ’ खंड से और यूपीएससी के प्रारंभिक परीक्षा के अंतर्गत ‘ राष्ट्रीय ध्वज के अंगीकरण की तारीख, स्वतंत्रता दिवस का महत्त्व, राष्ट्रीय ध्वज पर गठित तदर्थ समिति, अशोक चक्र , भारत का संविधान और ध्वज संहिता, देश की संप्रभुता और एकता का प्रतीक ’  खंड से संबंधित है। इसमें योजना आईएएस टीम के सुझाव भी शामिल हैंयह लेख ‘ दैनिक करेंट अफेयर्स ’ के अंतर्गत ‘ भारत का 78वाँ स्वतंत्रता दिवस और राष्ट्रीय ध्वज की ऐतिहासिकता ’ खंड से संबंधित है। )

 

खबरों में क्यों ? 

 

  • हाल ही में भारत ने वर्ष 2024 में अपना 78वाँ स्वतंत्रता दिवस मनाया। 
  • इस अवसर पर भारत के प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त को लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा को फहराया। स्वतंत्रता दिवस के इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में देश की उपलब्धियों, चुनौतियों और भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने देशवासियों को एकजुट रहने और देश के विकास में योगदान देने का आह्वान किया। 

 

भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का विकास – क्रम :

 

  • वर्ष 1906: भारत का पहला राष्ट्रीय ध्वज संभवतः 7 अगस्त 1906 को कोलकाता में पारसी बागान स्क्वायर (ग्रीन पार्क) में फहराया गया था। इस ध्वज में लाल, पीले, और हरे रंग की तीन क्षैतिज पट्टियाँ शामिल थीं, जिनके मध्य में ‘वंदे मातरम’ लिखा हुआ था। लाल पट्टी में सूर्य और अर्द्धचंद्र का प्रतीक था, जबकि हरी पट्टी में आठ आधे खुले कमल थे।
  • वर्ष 1907: मैडम भीकाजी कामा और निर्वासित क्रांतिकारियों के समूह द्वारा वर्ष 1907 में जर्मनी में भारतीय ध्वज फहराया गया। यह विदेशी भूमि में फहराया जाने वाला पहला भारतीय ध्वज था।
  • वर्ष 1917: होम रूल आंदोलन के दौरान डॉ. एनी बेसेंट और लोकमान्य तिलक द्वारा एक नया झंडा अपनाया गया। इस झंडे में पाँच लाल और चार हरी क्षैतिज पट्टियाँ थीं, जिसमें सप्तऋषि विन्यास में सात सितारे शामिल थे। झंडे के शीर्ष कोने पर एक सफेद और अर्द्धचंद्राकार तारा स्थित था।
  • वर्ष 1921: पिंगली वेंकैया ने लाल और हरे रंग की पट्टियों वाला एक ध्वज डिज़ाइन किया। गांधीजी ने इस ध्वज में एक सफ़ेद पट्टी और चरखा जोड़ा, जिससे यह ध्वज शांति और भारत में रहने वाले विभिन्न समुदायों तथा देश की प्रगति का प्रतीक बन गया।
  • वर्ष 1931: कांग्रेस समिति की कराची में बैठक में, पिंगली वेंकैया (Pingali Venkayya) द्वारा प्रस्तावित तिरंगे को भारत के राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया गया। इसमें लाल रंग को केसरी रंग से बदल दिया गया और रंगों का क्रम भी बदल दिया गया। इस ध्वज की कोई धार्मिक व्याख्या नहीं की गई। केसरी रंग ‘ताकत और साहस’, सफेद रंग ‘शांति और सच्चाई’, और हरा रंग ‘भूमि की उर्वरता, वृद्धि और शुभता’ का प्रतीक है। झंडे में विद्यमान चरखे को 24 तीलियों से युक्त अशोक चक्र द्वारा प्रतिस्थापित किया गया, जिसका उद्देश्य यह दिखाना था कि ‘गति में जीवन है और स्थायित्त्व में मृत्यु है’। राष्ट्रीय ध्वज आयताकार आकार में होना चाहिए जिसकी लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 है।
  • वर्ष 1947: वर्तमान तिरंगा 22 जुलाई 1947 को अपनाया गया।
  • वर्ष 1963: पिंगली वेंकैया का निधन हो गया। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान के लिए 2009 में मरणोपरांत उनके सम्मान में डाक टिकट जारी किया गया। वर्ष 2014 में, उनका नाम भारत रत्न के लिए भी प्रस्तावित किया गया था।

 

भारतीय राष्ट्रीय ध्वज से जुड़े संवैधानिक एवं कानूनी पक्ष : 

 

संविधान सभा का प्रस्ताव : 

  • 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा ने भारत के राष्ट्रीय ध्वज के प्रस्ताव को अपनाया। इस प्रस्ताव के अनुसार, भारत का राष्ट्रीय ध्वज एक तिरंगा ध्वज है, जिसमें तीन समान अनुपात वाली क्षैतिज पट्टियाँ हैं। इन पट्टियों के रंग क्रमशः:
  • गहरा केसरिया (केसरी) : देश की स्वतंत्रता की भावना और बलिदान को दर्शाता है।
  • सफेद : शांति और सच्चाई का प्रतीक है।
  • गहरा हरा : समृद्धि और कृषि को दर्शाता है।
  • सफेद पट्टी के बीच में गहरे नीले रंग का एक चक्र है, जिसे अशोक चक्र कहा जाता है। यह चक्र 24 तीलियों वाला है और यह अशोक के सारनाथ स्थित सिंह स्तंभ पर अंकित है। यह चक्र समग्रता और धर्म की अवधारणा को प्रतिबिंबित करता है।

 

तदर्थ समिति : 

  • राष्ट्रीय ध्वज पर गठित तदर्थ समिति के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद थे। इस समिति ने राष्ट्रीय ध्वज के संबंध में उसके स्वरूप और प्रतीकों पर विचार-विमर्श किया और सर्वसम्मति से भारत के वर्तमान राष्ट्रीय ध्वज को अपनाया। 
  • इस प्रक्रिया में, समिति ने ध्वज के रंगों और उनके प्रतीकात्मक महत्व को ध्यान में रखते हुए अंतिम स्वरूप को स्वीकृति दी।

 

मौलिक कर्तव्य : 

  • भारतीय संविधान का भाग IV-A, जिसमें केवल एक अनुच्छेद 51-A शामिल है, ग्यारह मौलिक कर्तव्यों को निर्दिष्ट करता है। अनुच्छेद 51-A (a) के अनुसार, भारत के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह संविधान का पालन करे और उसके आदर्शों और संस्थानों, राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान का सम्मान करे। यह कर्तव्य नागरिकों को राष्ट्रीय प्रतीकों की गरिमा और मान्यता को बनाए रखने के लिए प्रेरित करता है।

भारतीय राष्ट्रीय ध्वज से जुड़े राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971

 

  • राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 के तहत निम्नलिखित अपराधों के लिए दोषी पाए जाने पर व्यक्ति को 6 वर्ष तक के लिए संसद एवं राज्य विधानमंडल के चुनावों में लड़ने के लिए अयोग्य घोषित किया जा सकता है:
  • राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करना : राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाले किसी भी कार्य को अपमान माना जाएगा।
  • भारत के संविधान का अपमान करना : संविधान की अस्मिता और उसके प्रावधानों के खिलाफ किसी भी प्रकार की अपमानजनक कार्य करना।
  • राष्ट्रगान गाने से रोकना : राष्ट्रगान के सम्मान को नकारने या इसे गाने से रोकने वाला कार्य करना।

 

भारतीय राष्ट्रीय ध्वज संहिता (Flag Code of India) :

  • भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग और उसके सम्मान के लिए ‘फ्लैग कोड ऑफ इंडिया’ को कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त है। इसे पहली बार 26 जनवरी 2002 को अपडेट किया गया था। यह कोड भारतीय राष्ट्रीय ध्वज की डिजाइन, रंगों, और इसके उचित उपयोग के नियमों को निर्दिष्ट करता है।

 

अनुच्छेद 51A (a) :

  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51A के तहत, नागरिकों को राष्ट्रीय प्रतीकों का सम्मान करने का दायित्व सौंपा गया है, जिसमें राष्ट्रीय ध्वज भी शामिल है।

 

भारतीय दंड संहिता (IPC) :

  • भारतीय दंड संहिता की धारा 123A और 441A के अंतर्गत, राष्ट्रीय ध्वज के अपमान को अपराध माना गया है। इसमें राष्ट्रीय ध्वज के अपमान के मामलों में दंड की सजा तय की गई है।

 

राष्ट्रीय ध्वज की विशेषताएँ : 

 

डिजाइन और रंग :

  • राष्ट्रीय ध्वज तीन क्षैतिज पट्टियों में विभाजित होता है। ऊपर की पट्टी में केसरिया (संतरी) रंग, मध्य में सफेद रंग, और नीचे की पट्टी में हरा रंग होता है। सफेद पट्टी के मध्य में 24 तीलियों वाला अशोक चक्र होता है।

 

आकार और अनुपात :

  • राष्ट्रीय ध्वज का अनुपात 2:3 है, यानी इसकी लंबाई इसकी चौड़ाई का दो तिहाई होती है। 

 

निर्माण सामग्री :

  • राष्ट्रीय ध्वज को आमतौर पर खादी के कपड़े से बनाया जाता है। यह ध्वज सम्मान और गर्व का प्रतीक माना जाता है।

 

राष्ट्रीय ध्वज के अपमान से जुड़े विवादास्पद मुद्दे :

  • राष्ट्रीय ध्वज के अपमान, गलत उपयोग, या अनुचित स्थान पर प्रदर्शन के मामलों में कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। ध्वज संहिता में इस संबंध में विस्तृत निर्देश और नियम प्रदान किए गए हैं।

 

राष्ट्रीय अवसर :

  • भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस और अन्य राष्ट्रीय आयोजनों पर विशेष सम्मान के साथ फहराया जाता है। 

 

संविधान का आदर्श :

  • संविधान का आदर्श भारतीय ध्वज को एकता, अखंडता, और अखिल भारतीय पहचान का प्रतीक मानता है। संविधान के अनुच्छेद 1 में भारत को एक संघीय राज्य के रूप में स्थापित किया गया है, और राष्ट्रीय ध्वज देश की संप्रभुता और एकता का प्रतीक है।

 

निष्कर्ष : 

  • भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का संवैधानिक और कानूनी महत्व अत्यधिक है। यह न केवल एक राष्ट्र की पहचान को दर्शाता है, बल्कि संविधान और कानूनी ढांचे के तहत इसे संरक्षण और सम्मान भी प्राप्त है। ध्वज संहिता और अन्य कानूनी प्रावधानों के माध्यम से, भारत में राष्ट्रीय ध्वज के उपयोग और सम्मान को सुनिश्चित किया जाता है, और इसके अपमान को दंडनीय अपराध माना जाता है।

 

स्रोत – पीआईबी एवं द हिन्दू।

 

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प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : 

 

Q.1. भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।

  1. राष्ट्रीय ध्वज पर गठित तदर्थ समिति के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद थे।
  2. भारत के वर्तमान राष्ट्रीय ध्वज को 22 जुलाई 1947 को अपनाया गया।
  3. राष्ट्रीय ध्वज का अनुपात 2:3 अर्थात इसकी लंबाई इसकी चौड़ाई का दो तिहाई होती है।
  4. पिंगली वेंकैया (Pingali Venkayya) द्वारा कांग्रेस समिति की कराची में बैठक में प्रस्तावित तिरंगे को भारत के राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया गया।

उपरोक्त कथनों में से कौन सा कथन सही है ?

A. केवल 1 और 4 

B. केवल 2 और 3 

C. इनमें से कोई नहीं।

D. उपरोक्त सभी । 

उत्तर – D 

मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : 

 

Q.1. स्वतंत्रता दिवस भारत में स्वतंत्रता के नए युग की शुरुआत का प्रतीक है। चर्चा कीजिए कि इस स्वतंत्रता को प्राप्त करने में भारतीय समाज के विभिन्न वर्गों ने किस प्रकार महत्वपूर्ण योगदान दिया है और भारत के वर्तमान राष्ट्रीय ध्वज का विकास क्रम कैसा रहा है? ( शब्द सीमा – 250 अंक -15 )

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