08 Oct Nobel Prize in Literature 2021
- ब्रिटेन में रह रहे तंजानिया के लेखक अब्दुलरज्जाक गुरनाह (Abdulrazak Gurnah) को वर्ष 2021 के साहित्य के नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize in Literature) के लिए चुना गया है|
- स्वीडिश एकेडमी ने कहा कि ‘उपनिवेशवाद के प्रभावों को बिना समझौता किये और करुणा के साथ समझने’ में उनके योगदान हेतु पुरस्कार प्रदान किया जा रहा है|
- अब्दुलरज्जाक गुरनाह को उपनिवेशवाद के प्रभावों और संस्कृतियों व महाद्वीपों के बीच की खाई में शरणार्थियों की स्थिति के करुणामय चित्रण को लेकर सम्मानित किया गया है|
- उनके उपन्यासों में शरणार्थियों का मार्मिक वर्णन मिलता है| उन्होंने कहा कि वह पुरस्कार के लिए चुने जाने पर सम्मानित महसूस कर रहे हैं|
- स्वीडिश एकेडमी ने पुरस्कार की घोषणा करते हुए कहा कि अब्दुलरज्जाक गुरनाह ने अपनी लेखनी के जरिए उपनिवेशवाद के प्रभावों, संस्कृतियों को लेकर काफी कुछ लिखा है।
- उन्होंने शरणार्थियों के भाग्य का निर्धारण करने के लिए अपनी अडिग और करुणामय लेखनी के माध्यम से दुनिया के दिलों में प्रेम पैदा किया है|
अब्दुलरज्जाक गुरनाह कौन हैं?
- जांजीबार में 1948 में जन्मे अब्दुलरज्जाक गुरनाह 1968 में हिंद महासागरीय द्वीप में विद्रोह के बाद किशोर शरणार्थी के रूप में ब्रिटेन आ गये थे| इंग्लैंड में रहने वाले लेखक अब्दुलरज्जाक गुरनाह यूनिवर्सिटी ऑफ केंट में प्रोफेसर हैं|
- उनके उपन्यास ‘पैराडाइज’ को साल 1994 में बुकर पुरस्कार के लिए चयनित किया गया था| उन्होंने कुल 10 उपन्यास लिखे हैं, उनके चौथे उपन्यास ‘पैराडाइज’ (1994) ने उन्हें एक लेखक के रूप में पहचान दिलाई थी|
- उन्होंने 1990 के आसपास पूर्वी अफ्रीका की एक शोध यात्रा के दौरान यही लिखी थी| यह एक दुखद प्रेम कहानी है जिसमें दुनिया और मान्यताएं एक-दूसरे से टकराती हैं|
- उन्होंने शरणार्थी अनुभव का जिस तरह वर्णन किया है वह कम ही देखने को मिला है, वे पहचान और आत्म-छवि पर फोकस करते हैं| उनकी लेखनी में शरणार्थी की समस्याओं का वर्णन अधिक है|
- उन्होंने 21 वर्ष की उम्र से लिखना शुरू किया था, हालांकि शुरुआत में उनकी लिखने की भाषा स्वाहिली थी, उन्होंने बाद में अंग्रेजी को अपनी साहित्य लेखनी का माध्यम बनाया|
2 बार स्थगित हो चुका है यह पुरस्कार
- साल 1901 से शुरू हुए नोबेल पुरस्कार के 119 साल के इतिहास में दो बार साहित्य का नोबेल पुरस्कार स्थगित किया जा चुका है|
- साल 1943 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इसे पहली बार स्थगित किया गया था| दूसरी बार इसे साल 2018 में स्थगित किया गया था|
पुरस्कार के रूप में क्या दिया जाता है?
- नोबेल पुरस्कार के तहत स्वर्ण पदक, एक करोड़ स्वीडिश क्रोनर (तकरीबन 20 करोड़ रूपये) की राशि दी जाती है|
- स्वीडिश क्रोनर स्वीडन की मुद्रा है, यह पुरस्कार स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल के नाम पर दिया जाता है|
- पहला नोबेल पुरस्कार साल 1901 में फिजिक्स, केमिस्ट्री, मेडिसिन, लिटरेचर और शांति के क्षेत्र में दिए गए थे|
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