11 Jan काला हिरण
काला हिरण
संदर्भ- भारतीय विज्ञान संस्थान द्वारा किए गए एक सर्वे जो प्राकृतिक व मानव निर्मित चुनौतियों के बावजूद पर्यावरण से अनुकूलन कर अपने अस्तित्व को बचाए हुए हैं।
शोध के अनुसार नर हिरण, मादा की तुलना में जलवायु परिवर्तन व अन्य आबादी के कारण स्वयं को अनुकूलित कर लेता है। जिससे उनकी संख्या मादा की तुलना में बेहतर है।
काला हिरण-
- काला हिरण, केवल भारतीय उपमहाद्वीप में पाए जाते हैं। इसे कृष्ण मृग भी कहा जाता है।
- इसका वैज्ञानिक नाम एण्टिलोप सर्विकापरा है। IISC के शोधकर्ताओं के अनुसार 2 मिलियन वर्ष पूर्व एण्टिलोप, अरब सहारा से भारत आया था
- इस प्रजाति का जीवनकाल 10-15 वर्ष होता है।
- नर हिरण के सींग काले भूरे रंग के कॉर्क स्क्रू के आकार के होते हैं। मादा हिरणों में हल्के रंग के सींग पाए जाते हैं।
- यह हिरण भारत के कुछ राज्यों गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, बिहार, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश में पाया जाता है।
- खुले घास के मैंदान, सूखे कटीले झाड़, स्क्रबलैंड व हल्के जंगल व पानी की उपलब्धता वाले क्षेत्र, हिरण के लिए अनुकूल क्षेत्र हैं।
संरक्षण की आवश्यकता क्यों?
- प्रकृति के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघ(IUCN) ने 2008 में खतरे के करीब में अनुसूचित किया गया।
- IUCN ने 2017 में इसे कम खतरे से संबंधित घोषित किया गया।
- PETA के अनुसार काला हिरण एक कमजोर प्रजाति है जिसे भारत की लुप्त प्राय प्रजाति की लालसूची चिह्नित किया गया है।
मानव पशु संघर्ष
- 19-20 वी सदी में पशुओं के शिकार की परंपराएं, जिससे काले हिरन सहित कई प्रजातियाँ लुप्तप्राय हो गई।
- मानवों द्वारा खतरनाक पशुओं को मानवीय बस्ती में आने से रोकने के उपायों के कारण काले हिरण फंस जाते हैं।
- पानी की तलाश में मानवीय बस्ती के पास से इनका आवागमन बाधित हो जाता है।
संरक्षण के प्रयास
- वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची 1 में इसे संरक्षित घोषित किया। अधिनियम के तहत वन्यजीवों के अवैध शिकार व व्यापार पर रोक लगाई गई है।
- इनकी संख्या में आई कमी के कारण कई राज्यों ने इन्हें राजकीय पशु का दर्जा दिया, जिनमें पंजाब(1989), हरियाणा, और राजस्थान शामिल हैं।
- इसे वन्यजीव व वनस्पतियों के लुप्तप्राय प्रजाति हेतु अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES) के परिशिष्ट III में रखा गया है। इसके द्वारा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संकटपूर्ण वन्यजीवों के अवैध व्यापार पर रोक लगायी जाती है।
संरक्षित क्षेत्र
- वेलावदार राष्ट्रीय उद्यान
- प्वाइंट कैलिमरे वन्यजीव व पक्षी अभ्यारण्य
- तालछापर अभ्यारण्य
- ब्लैकबक संरक्षण रिजर्व प्रयागराज (2017 में घोषित)
स्रोत
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