07 Mar जन औषधि दिवस
- जन औषधि दिवस 7 मार्च को मनाया जाता है। यह दिन प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि योजना की उपलब्धियों का जश्न मनाने के लिए मनाया गया।
- इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी इस योजना के लाभार्थियों से वर्चुअली बातचीत करेंगे।
जन औषधि केंद्र
- केंद्र दुनिया की सबसे बड़ी खुदरा फार्मा श्रृंखला है। ये केंद्र 700 जिलों में फैले हुए हैं। भारत में ऐसे 6,200 से अधिक केंद्र हैं। 2019-20 में, इन आउटलेट्स पर कुल बिक्री 390 करोड़ रुपये से अधिक थी।
- इससे आम लोगों को रु. 2,200 करोड़। उपरोक्त लाभों के अलावा ये केंद्र स्वरोजगार के अच्छे स्रोत हैं।
प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (PMBJP)
- प्रधान मंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना को फार्मास्युटिकल विभाग द्वारा सस्ती कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराने के लिए शुरू किया गया था।
- इस योजना के तहत, “प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र” नाम के विशेष केंद्र स्थापित किए गए हैं ताकि कम कीमत पर जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराई जा सकें।
- इन जेनेरिक दवाओं को ब्यूरो ऑफ फार्मा पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स ऑफ इंडिया (BPPI) द्वारा खरीदा जाता है, जिसे सभी CPSU के सहयोग से फार्मास्युटिकल विभाग के तहत स्थापित किया गया है। BPPI इन जनऔषधि केंद्रों के माध्यम से जेनेरिक दवाओं के विपणन में भी मदद करता है।
पृष्ठभूमि
- यह योजना 2008 में यूपीए सरकार द्वारा शुरू की गई थी। वर्ष 2015 में, इस योजना को भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा फिर से शुरू किया गया था।
- इस अभियान की शुरुआत देश भर में “जन औषधि मेडिकल स्टोर्स” के माध्यम से जेनेरिक दवाओं की बिक्री कर की गई थी।
- सितंबर 2015 में, ‘जन औषधि योजना’ का नाम बदलकर ‘प्रधानमंत्री जनऔषधि योजना’ (पीएमजेएवाई) कर दिया गया। नवंबर 2016 में इसे “प्रधान मंत्री भारतीय जनऔषधि योजना” में बदल दिया गया।
No Comments