06 Oct पशु दत्तक योजना
पशु दत्तक योजना
संदर्भ- हाल ही में राष्ट्रीय प्राणी उद्यान ने पशु गोद लेने की योजना प्रारंभ की है। इच्छुक लोग पशुओं को गोद लेने के लिए भुगतान कर सकते हैं। इसका उद्देश्य वन्य जीव संरक्षण में आम जनता की भागीदारी को सुनिश्चित करना है।
पशु दत्तक योजना क्या है?
- पशु गोद योजना में चिड़ियाघर, आम जनता को जानवरों की विभिन्न प्रजातियों में किसी की भी देखभाल करने के लिए अवसर प्रदान करती है।
- इस योजना के माध्यम से चिड़ियाघर सीधा सार्वजनिक संपर्क के साथ जनता की जवाबदेही सुनिश्चित करती है।
- यह योजना आम जनता, पशुओं प्रेमी, कॉर्पोरेट वर्ग, मशहूर हस्तियां, शैक्षणिक संस्थान आदि के लिए खुली रहेगी।
- चिड़ियाघर के जानवरों को अपनाने की योजना के द्वारा चिड़ियाघरों को, जागरूक और सम्मानित लोगों को शामिल करने से मदद मिलेगी और समाज में लुप्तप्राय प्रजातियों की दुर्दशा के बारे में जागरूकता लाई जा सकेगी।
पशु गोद लेने के लिए कार्य योजना-
- कोई भी पशुप्रेमी गोद लेने के लिए किसी भी पशु का चयन कर सकता है,उसकी देखभआल के लिए भुगतान कर सकता है।
- कोई भी पशुप्रेमी किसी जानवर को गोद लेने के लिए राष्ट्रीय प्राणी उद्यान की वेबसाइट पर फॉर्म भर कर चिड़ियाघर प्रबंधन में शामिल हो सकता है।
- पशु गोद लेने के लिए विशिष्ट पशु के लिए विशेष राशि का भुगतान आवश्यक है
- राष्ट्रीय प्राणी उद्यान में भुगतान एकाउंट पेयी चेक, डिमांड ड्राफ्ट, क्रेडिट या डेबिट कार्ड द्वारा किया जा सकता है।
- चिड़ियाघर के जानवरों को गोद लेने की अवधि एक/दो साल की होगी। गोद लेने वाला किसी भी समय अपना दत्तक ग्रहण वापस ले सकता है, लेकिन उस स्थिति में कोई पैसा वापस नहीं किया जाएगा।
दत्तक ग्रहण सदस्यता के दुरूपयोग हेतु प्रावधान-
- यदि किसी सदस्य द्वारा पशु के साथ दुर्व्यवहार या दत्तक सदस्यता का दुरूपयोग किया जा रहा हो,तो उसकी दत्तक ग्रहण सदस्यता समाप्त कर दी जाएगी,
- यदि उस पर अदालत में कोई आपराधिक मामला लंबित है या उसके द्वारा कोई झूठी जानकारी जमा की गई हो तो उसकी धनवापसी के किसी भी दावे पर विचार नहीं किया जाएगा।
भारत में पशु दत्तक योजना- नवभारत टाइम्स के अनुसार वर्तमान में देश की राजधानी दिल्ली के चिड़ियाघर के लिए प्रारंभ पशु दत्तक योजना, कोलकाता प्राणी उद्यान, कर्नाटक के मैसूर चिड़ियाघर, उड़ीसा के नंदकानन चिड़ियाघर और विशाखापत्तनम चिड़ियाघर में पहले से ही यह योजना लागू है। अतः यह योजना पशुओं की देखभाल के लिए भारत में नई नहीं है।
पशु दत्तक योजना की विशेषताएँ-
- योजना के जनता पशुओं के प्रति संवेदनशील होगी।
- लुप्त होती प्रजातियों की देखभाल के लिए प्रभावी प्रयास किए जाएंगे, क्योंकि प्रत्येक प्रजाति के पशु या पक्षी का व्यक्तिगत रूप से ध्यान रखा जाएगा।
- योजना के प्रभावी होने पर पशुओं की देखभाल के लिए उपयुक्त संसाधन जुटाए जा सकेंगे।
- हाल के कुछ वर्षों में मानव पशु संघर्ष की घटनाओं में वृद्धि हुई है। यह घटनाएं तब होती हैं जब मानव व पशु अचानक एक दूसरे के क्षेत्रों में संसाधनों के लिए संघर्ष करने लगते हैं। मानव पशु संघर्ष की घटनाओं के लिए यह योजना कारगर उपाय साबित हो सकती है। मानव पशु संघर्ष की घटनाओं की अधिक जानकारी के लिए https://yojnaias.com/hindi/मानव-पशु-संघर्ष/
योजना की संभावना-
- पशु दत्तक योजना को जमीनी स्तर पर लागू कर कई प्रजातियों को लुप्त होने से बचाया जा सकता है।
- क्षेत्रीय स्तर पर घातक पशुओं को चिड़ियाघर में रख कर उनका ध्यान रखा जा सकता है तथा मानव पशु संघर्ष की घटनाओं को कम किया जा सकता है।
- मानव व पशुओं में मैत्री भावना से, आपदा से पहले की स्थिति को भांपने की शक्ति जैसे सुनामी 2004 के समय इण्डोनेशिया में हांथियों ने भिन्न प्राकर से चिंघाड़ना शुरू कर दिया था, का प्रयोग कर अचानक आने वाली आपदा से बचा जा सकता है।
स्रोत
https://indianexpress.com/article/upsc-current-affairs/
https://yojnaias.com/hindi/मानव-पशु-संघर्ष/
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