12 Aug पानीपत में 2जी एथेनॉल प्लांट
विश्व जैव ईंधन दिवस के अवसर पर, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को हरियाणा में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन की पानीपत रिफाइनरी में स्थापित दूसरी पीढ़ी (2 जी) इथेनॉल संयंत्र को समर्पित किया।पानीपत में यह इथेनॉल संयंत्र न केवल दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र से वायु प्रदूषण को कम करने में मदद करेगा, बल्कि अतिरिक्त आय और हरित ईंधन उत्पन्न करने में भी मदद करेगा।
- 34 एकड़ में फैली, ₹900 करोड़ की परियोजना एक अत्याधुनिक स्वदेशी तकनीक पर आधारित है। यह सालाना लगभग 3 करोड़ लीटर इथेनॉल उत्पन्न करने के लिए सालाना लगभग 2 लाख टन चावल के भूसे (पराली) का उपयोग करके भारत के कचरे से धन के प्रयासों में एक नया अध्याय जोड़ेगा।
- “जैव ईंधन समय की आवश्यकता है क्योंकि यह अन्य देशों पर ईंधन और ऊर्जा के लिए हमारी निर्भरता को कम करने में मदद करेगा। यह न केवल देश से धन के प्रवाह की जांच करेगा बल्कि हमारे किसानों के लिए अतिरिक्त आय भी उत्पन्न करेगा।
- भारत ने पहले ही पेट्रोल में 10 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल कर लिया है, जिससे देश का इथेनॉल उत्पादन बढ़कर 400 करोड़ लीटर हो गया है।
- “यह संयंत्र इथेनॉल का उत्पादन करने के लिए धान के भूसे के अलावा मक्का और गन्ने के कचरे का भी उपयोग करेगा। यहां तक कि जिन किसानों की फसल के कचरे को जलाने के लिए आलोचना की जा रही थी, वे भी देश को जैव ईंधन की जरूरत को पूरा करने में मदद करके गर्व महसूस करेंगे।”
विश्व जैव ईंधन दिवस
- यह प्रत्येक वर्ष 10 अगस्त को मनाया जाता है।
- यह पारंपरिक जीवाश्म ईंधन के विकल्प के रूप में गैर-जीवाश्म ईंधन के महत्त्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये मनाया जाता है।
- यह दिन डीजल इंजन के आविष्कारक सर रुडोल्फ डीजल के सम्मान में मनाया जाता है। उन्होंने सबसे पहले जीवाश्म ईंधन की जगह वनस्पति तेल की संभावना की भविष्यवाणी की थी।
इथेनॉल:
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- प्रकृतिक रूप से खमीर अथवा एथिलीन हाइड्रेशन जैसी पेट्रोकेमिकल प्रक्रियाओं के माध्यम से शर्करा के किण्वन द्वारा उत्पन्न होने वाले प्रमुख जैव ईंधनों में से एक है।
- यह घरेलू रूप से उत्पादित वैकल्पिक ईंधन है जो आमतौर पर मकई से बनाया जाता है। यह सेल्यूलोसिक फीडस्टॉक्स जैसे कि फसल अवशेष और लकड़ी से भी बनाया जाता है।
ईंधन के रूप में इथेनॉल:
- आंतरिक दहन इंजनों के लिये ईंधन के रूप में इथेनॉल का उपयोग या तो अकेले या अन्य ईंधन के साथ संयोजन में किया जाता है, जीवाश्म ईंधन की अपेक्षा इसके संभावित पर्यावरणीय और दीर्घकालिक आर्थिक लाभों के कारण इस पर अधिक ध्यान दिया गया है।
- इथेनॉल को शुद्ध इथेनॉल (E100) तक किसी भी सांद्रता में पेट्रोल के साथ जोड़ा जा सकता है
- पेट्रोलियम ईंधन की खपत को कम करने के साथ-साथ वायु प्रदूषण को कम करने के लिए निर्जल इथेनॉल (जल के बिना इथेनॉल) को अलग-अलग मात्रा में पेट्रोल के साथ मिश्रित किया जा सकता है।
भारत की जैव ईंधन सम्बंधित अन्य पहलें:
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इथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम (EBP):
- उद्देश्य:-
- कच्चे तेल के आयात पर देश की निर्भरता को कम करना,
- कार्बन उत्सर्जन में कटौती करना,
- किसानों की आय को बढ़ाना।
- सम्मिश्रण लक्ष्य: भारत सरकार ने पेट्रोल में 20% इथेनॉल सम्मिश्रण (जिसे E20 भी कहा जाता है) के लक्ष्य को वर्ष 2030 से परिवर्तित कर वर्ष 2025 तक कर दिया है।
- उद्देश्य:-
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जैव ईंधन पर राष्ट्रीय नीति-2018:
- यह वर्ष 2030 तक इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (EBP) कार्यक्रम के तहत 20% इथेनॉल सम्मिश्रण का सांकेतिक लक्ष्य प्रदान करता है।
- जैव ईंधन पर राष्ट्रीय नीति, 2018 क्षतिग्रस्त खाद्यान्न जो मानव उपभोग के लिये अनुपयुक्त हैं जैसे- गेहूंँ, टूटे चावल आदि से इथेनॉल के उत्पादन की अनुमति देती है।
- यह नीति राष्ट्रीय जैव ईंधन समन्वय समिति के अनुमोदन के आधार पर खाद्यान्न की अधिशेष मात्रा को इथेनॉल में परिवर्तित करने की भी अनुमति देती है।
- यह नीति इथेनॉल उत्पादन में प्रयोग होने वाले तथा मानव उपभोग के लिये अनुपयुक्त पदार्थ जैसे- गन्ने का रस, चीनी युक्त सामग्री- चुकंदर, मीठा चारा, स्टार्च युक्त सामग्री तथा मकई, कसावा, गेहूंँ, टूटे चावल, सड़े हुए आलू के उपयोग की अनुमति देकर इथेनॉल उत्पादन हेतु कच्चे माल के दायरे का विस्तार करती है।
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ई-100 पायलट प्रोजेक्ट:
- इथेनॉल (Ethanol) क्षेत्र के विकास के लिए पुणे में E100 पायलट प्रोजेक्ट (E100 pilot project) शुरू किया है।
- TVS Apache दोपहिया वाहनों को E80 या शुद्ध इथेनॉल (E100) पर चलने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
- जाइलानेज एंजाइम अमेरिका ने इजाद किए गए एंजाइम पी- 450 के साथ मिलकर बेहतर एथेनॉल तैयार करेगा।
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प्रधानमंत्री जी-वन योजना, 2019:
- ‘जी-वन योजना’ का मतलब होता है – जैव ईंधन – वातावरण अनुकूल फसल अवशेष निवारण योजना है। सरकार द्वारा इसके अनुरूप एक ऐसी बायो-इथेनॉल प्रोजेक्ट को आर्थिक सहायता देने की मंजूरी दी है जो लिग्नोसेल्यूलॉज़िक बायोमास और भी कई सारे नए नए फीडस्टॉक का इस्तेमाल करके बायोगैस बनाने का काम करेगी।
- इस योजना का उद्देश्य 2जी इथेनॉल क्षेत्र में वाणिज्यिक परियोजनाओं की स्थापना, अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिये एक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है।
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प्रयुक्त खाद्य तेल (RUCO) का पुन: उपयोग:
- भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने यह पहल शुरू की है जो इस्तेमाल किये खाद्य तेल को बायोडीजल के रूप में संगृहीत और रूपांतरित करने को सक्षम बनाएगा।
- इस पहल के तहत, तेल विपणन कंपनियां पांच साल के लिए समय-समय पर वृद्धिशील मूल्य की गारंटी देते हैं और संभावित उद्यमियों को दस साल के लिए ऑफ-टेक गारंटी देती हैं।
- इस शुरुआत के साथ जैव ऊर्जा का एक नया युग शुरू हुआ है, जो भारतीय पेट्रोलियम क्षेत्र में क्रांति लाएगा।
बायोडीजल: बायोडीजल एक वैकल्पिक ईंधन है, जो पारंपरिक या ‘जीवाश्म’ डीजल की तरह है। यह वनस्पति तेलों, पशु वसा, चरबी और अपशिष्ट खाद्य तेल से उत्पादित किया जाता है।
- बायोडीजल का एक विशिष्ट लाभ इसकी कार्बन तटस्थता है। उदाहरण के लिए तिलहन कार्बनडाइऑक्साइड की उतनी ही मात्रा को अवशोषित करता है, जितना ईंधन का दहन होने पर निकलता है।
- इसके अलावा बायोडीजल तेजी से जैवनिम्नीकरण होने वाला (rapidly biodegradable) और पूरी तरह गैर-विषैला है।
भविष्य की राह
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- कचरे से उत्पादित इथेनॉल पर ध्यान केंद्रित कर भारत टिकाऊ जैव ईंधन नीति में वैश्विक स्तर पर अग्रणी बन सकता है। यह मज़बूत जलवायु और वायु गुणवत्ता दोनों लाभ पहुँचायेगा, क्योंकि वर्तमान में इन कचरे को अक्सर जलाया जाता है, जो वायु-प्रदूषण को बढ़ावा देता है।
- घटते भूजल संसाधनों, कृषि योग्य भूमि की कमी, अनिश्चित मानसून और जलवायु परिवर्तन के कारण फसल की पैदावार में गिरावट के साथ, ईंधन के लिये फसलों पर खाद्य उत्पादन को प्राथमिकता दी जानी चाहिये।
- प्रमुख लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये, उत्सर्जन में कमी, इलेक्ट्रिक वाहन के क्षेत्र में तीव्र विकास, शून्य-उत्सर्जन रिचार्ज प्रणाली को बढ़ाने के लिये अतिरिक्त नवीकरणीय उत्पादन क्षमता की स्थापना आदि का मूल्यांकन करने की आवश्यकता है।
yojna IAS daily current affairs hindi med 12th August
Yojna IAS Current Affairs Team Member
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