प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक, 2023

प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक, 2023

( यह लेख ‘द हिन्दू’ और ‘ मासिक पत्रिका योजना ‘ के संपादकीय सहित, ‘ कुरुक्षेत्र मासिक पत्रिका ‘  के लेखों के संक्षिप्त सारांश से संबंधित है। इसमें योजना IAS टीम के सुझाव भी हैं और यह विशेषकर यूपीएससी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के पेपर-,2 ‘ भारतीय राज्यव्यवस्था और शासन ‘  खंड से संबंधित है। “दैनिक करेंट अफेयर्स” के तहत, यह लेख ‘ प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक, 2023 ‘ से संबंधित है।)

प्रारंभिक परीक्षा के लिए : 

प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक, 2023 की प्रमुख विशेषताएं क्या हैं?  इसके प्रमुख प्रावधानों की चर्चा कीजिए | 

मुख्य परीक्षा के लिए:

सामान्य अध्ययन पेपर – 2 : भारतीय राजव्यवस्था और शासन खंड में प्रासंगिक | 

चर्चा में क्यों ?

हाल ही में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक, 2023 के प्रारूप / मसौदा संस्करण का अनावरण किया।

प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक, 2023

यह प्रारूप / मसौदा विधेयक देश में प्रसारण सेवाओं की देखरेख के लिए एक एकीकृत ढांचा पेश करता है, जिसका लक्ष्य केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995 और इस क्षेत्र को नियंत्रित करने वाले देश में पहले से विनियमित या प्रचलित दिशा निर्देशों वाली नीतियों को खत्म करना है।

यह ओवर-द-टॉप (ओटीटी) सामग्री और डिजिटल समाचार को शामिल करने के लिए अपने दायरे का विस्तार करते हुए प्रसारण नियामक प्रक्रियाओं को सरल बनाता है।

इस विधेयक में आधुनिक एवं उभरती प्रौद्योगिकियों के लिए नई परिभाषाएँ और नए प्रावधान शामिल हैं।

इसमें प्रसारण एजेंसी ( प्रसारण नेटवर्क ऑपरेटरों ) के स्व-नियमन के लिए सामग्री प्रसारण हेतु  मूल्यांकन समितियों और एक प्रसारण सलाहकार परिषद की स्थापना का भी प्रस्ताव है।

इसके अतिरिक्त, यह विभिन्न प्रसारण नेटवर्क ऑपरेटरों के लिए अलग-अलग कार्यक्रम और विज्ञापन कोड की वकालत करता है, इसके साथ ही यह दिव्यांग ( विकलांग ) व्यक्तियों तक पहुंच के उपायों की रूपरेखा तैयार करता है और जरुरत पड़ने पर वैधानिक दंड का प्रावधान भी पेश करता है।

मुख्य विचार या प्रमुख प्रावधान : 

समेकन और आधुनिकीकरण:

  • प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक, 2023 एकल विधायी ढांचे के तहत विभिन्न प्रसारण सेवाओं के लिए नियामक प्रावधानों को समेकित और अद्यतन करने की लंबे समय से चली आ रही आवश्यकता को संबोधित करता है।
  • यह नियामक प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने , दक्षता बढ़ने  और प्रसारण सेवाओं के ढांचे का आधुनिकीकरण करने पर बल देता है।
  • वर्तमान में आईटी अधिनियम, 2000 के माध्यम से विनियमित ओवर-द-टॉप (ओटीटी) सामग्री, डिजिटल समाचार और करेंट अफेयर्स को शामिल करने के लिए नियामक दायरे का विस्तार करता है।

समसामयिक परिभाषाएँ और भविष्योन्मुखी प्रावधान:

  • यह उभरती प्रौद्योगिकियों और सेवाओं के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए समकालीन प्रसारण शर्तों के लिए व्यापक परिभाषाएँ प्रस्तुत करता है।
  • इसमें उभरती प्रसारण प्रौद्योगिकियों के लिए प्रावधानों को शामिल  है, साथ ही प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक, 2023 यह भी  सुनिश्चित करता है कि प्रसारण प्रौद्योगिकियों के लिए बनाए जाने वाले कानून भविष्य में उत्पन्न होने वाली चुनौतियों के लिए  तैयार रहे।
  • प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक, 2023 स्व-नियमन व्यवस्था को मजबूत बनाता है। इसके साथ ही यह ‘सामग्री मूल्यांकन समितियों’ की शुरुआत करके स्व-नियमन को बढ़ाता है।
  • यह मौजूदा अंतर-विभागीय समिति को अधिक सहभागी और व्यापक ‘प्रसारण सलाहकार परिषद’ में विकसित करता है।

विभेदित कार्यक्रम कोड और विज्ञापन कोड:

  • प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक, 2023 विभिन्न सेवाओं में कार्यक्रम और विज्ञापन कोड के लिए एक विभेदित दृष्टिकोण की अनुमति देता है।
  • प्रसारकों द्वारा स्व-वर्गीकरण और सवा नियमन की आवश्यकता पर भी आधारित  है और प्रतिबंधित सामग्री के लिए मजबूत पहुंच नियंत्रण उपायों को लागू करना भी इसमें शामिल है।

 दिव्यांग ( विकलांग ) व्यक्तियों तक पहुंच के उपायों की रूपरेखा तैयार करना : 

  • प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक, 2023 व्यापक पहुंच दिशानिर्देश जारी करने के लिए सक्षम प्रावधान प्रदान करके दिव्यांग व्यक्तियों की विशिष्ट आवश्यकताओं को संबोधित करता है।

वैधानिक दंड और जुर्माना:

  • इस विधेयक में नेटवर्क ऑपरेटरों और प्रसारकों के लिए सलाहकारी कार्रवाइयों, चेतावनियों, निंदा, या मौद्रिक दंड जैसे वैधानिक दंड का प्रावधान है।
  • प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक, 2023 कारावास और जुर्माने का प्रावधान बरकरार रखता है, लेकिन केवल गंभीर अपराधों के लिए, एक संतुलित नियामक दृष्टिकोण सुनिश्चित करता है।

न्यायसंगत दंड का प्रावधान:

  • यह विधेयक निष्पक्षता और समानता सुनिश्चित करने के लिए निवेश और टर्नओवर पर विचार करते हुए मौद्रिक दंड और जुर्माने को संबंधित इकाई की वित्तीय क्षमता से जोड़ता है।

बुनियादी ढाँचा साझाकरण, प्लेटफ़ॉर्म सेवाओं के परिवहन के प्रावधान:

  • प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक, 2023 प्रसारण नेटवर्क ऑपरेटरों के बीच बुनियादी ढांचे को साझा करने और प्लेटफ़ॉर्म सेवाओं के परिवहन के प्रावधान शामिल हैं।
  • इसमें प्रसारण के लिए  स्थानांतरण और परिवर्तनों को अधिक कुशलता से संबोधित करने के लिए प्लेटफ़ॉर्म सेवाओं के परिवहन के प्रावधान अधिकार अनुभाग को सुव्यवस्थित करना भी शामिल है।
  • यह एक संरचित विवाद समाधान तंत्र स्थापित करता है।

स्रोत: सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक, 2023.

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प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : 

Q 1. प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक, 2023 के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:

  • इसका उद्देश्य 2000 के सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम को खत्म करना है।
  • प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक, 2023 ओवर-द-टॉप (ओटीटी) सामग्री, डिजिटल समाचार और पारंपरिक प्रसारण सेवाओं को शामिल करने के लिए अपने दायरे का विस्तार करता है।
  • प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक, 2023 स्व-नियमन व्यवस्था को मजबूत बनाता है। इसके साथ ही यह ‘सामग्री मूल्यांकन समितियों’ की शुरुआत करके स्व-नियमन को बढ़ाता है।

उपरोक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/ हैं?

(a) केवल कथन 1

(b) केवल कथन 2 और कथन 3

(c) कथन 1 और कथन 2 दोनों

(d) न तो कथन 1 और न ही कथन 3 .

उत्तर: (b)

मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: 

Q 1. प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक, 2023 के प्रमुख उद्देश्यों और भारत में उभरते प्रसारण परिदृश्य के संदर्भ में इसके महत्व की व्याख्या करें।

 

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