03 Sep रूस द्वारा यूरोप को गैस आपूर्ति रोकने के मायने
संदर्भ क्या है ?
- यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद अमेरिका और यूरोपीय देशों ने रूस पर लगातार कई आर्थिक प्रतिबन्ध लगा दिए जिसकी प्रतिक्रया के रूप में रूस ने भी यूरोपीय देशों को रूबल में भुगतान के लिए मजबूर किया । यही नहीं अब रूस ने यूरोप को गैस आपूर्ति अनिश्चितकाल के लिए रोक दी है।
- गैस की आपूर्ति करने वाली रूसी सरकारी कंपनी गैजप्रोम के अनुसार नार्ड स्ट्रीम वन पाइपलाइन में मरम्मत का आवश्यक कार्य करने के लिए गैस आपूर्ति आगे भी रुकी रहेगी। इससे पूर्व रूस ने तीन दिन के लिए गैस आपूर्ति रोकी थी लेकिन अब उसने इसे फिर से शुरू न करने की घोषणा की है। यूरोपीय यूनियन ने इसकी प्रतिक्रया में कहा कि रूस आर्थिक हथियार के रूप में गैस का प्रयोग कर रहा है।
रूस में ऊर्जा संसाधन
- रूस को व्यापक रूप से एक ऊर्जा महाशक्ति के रूप में वर्णित किया गया है। इसके पास दुनिया का सबसे बड़ा गैस भंडार, दूसरा सबसे बड़ा कोयला भंडार, आठवां सबसे बड़ा तेल भंडार और यूरोप में सबसे बड़ा तेल शेल भंडार है।
- रूस दुनिया का प्रमुख प्राकृतिक गैस निर्यातक, दूसरा सबसे बड़ा प्राकृतिक गैस उत्पादक और दूसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक और निर्यातक भी है।
- रूस के तेल और गैस उत्पादन ने यूरोपीय संघ, चीन और पूर्व सोवियत और पूर्वी ब्लॉक देशों के साथ गहरे आर्थिक संबंधों को जन्म दिया है। उदाहरण के लिए, पिछले एक दशक में, कुल यूरोपीय संघ (यूनाइटेड किंगडम सहित) की आपूर्ति में रूस की हिस्सेदारी 2009 में 25% से बढ़कर फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण से पहले के हफ्तों में 32% हो गई।
- रूस तेल और गैस से संबंधित करों और निर्यात शुल्कों से राजस्व पर बहुत अधिक निर्भर करता है, जो जनवरी 2022 में इसके संघीय बजट का 45% था।
निर्णय के प्रभाव और मायने
- गैस आपूर्ति संबंधी रूस के इस निर्णय से यूरोपीय देशों की चिंता बढ़ गई है, क्योंकि ठंडक के मौसम के लिए गैस का भंडारण करने वाले दिनों में उन्हें रोजमर्रा की जरूरत की गैस भी नहीं मिल रही है।
- नवीनतम कटौती ने उन देशों को प्रभावित किया जो प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं हैं और बहुत सारे रूसी प्राकृतिक गैस का उपयोग करते हैं। जर्मनी अपने 35% गैस आयात के लिए रूस पर निर्भर है, जबकि इटली 40% के लिए रूस पर निर्भर है। यूरोप सर्दियों से पहले अपने भूमिगत गैस भंडारण को भरने के लिए पूरा प्रयास कर रहा है। अब कमी रिफिलिंग भंडारण को और अधिक महंगा और मिलना अधिक कठिन बना देगी।
- यूरोप में गैस की कमी से गंभीर आर्थिक मंदी का खतरा मंडरा रहा है। उल्लेखनीय है कि पिछले कई हफ्तों से नॉर्ड स्ट्रीम वन पाइपलाइन से केवल 20 फीसदी गैस की आपूर्ति जर्मनी के जरिए यूरोप को की जा रही थी।
- यूरोपीय गैस आपूर्ति पर और प्रतिबंधों के बाद ऊर्जा संकट बढ़ने की उम्मीद है, जिसने पिछले अगस्त से पहले ही थोक गैस की कीमतों में 400% से अधिक की वृद्धि की है। इससे उपभोक्ताओं और व्यवसायों के लिए एक कठिन जीवन संकट पैदा हो गया है और सरकारों को बोझ कम करने के लिए अरबों खर्च करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
- रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण पूरे यूरोप में गैस की कीमतें आसमान छू रही हैं। वहीं रूस पूरे यूरोप को दिखाकर बड़ी मात्रा में प्राकृतिक गैस को खुले में जला रहा है। फिनलैंड की सीमा के पास एक रूसी संयंत्र हर दिन अनुमानित 10 मिलियन डॉलर मूल्य की गैस जला रहा है। ब्रिटेन में जर्मनी के राजदूत ने कहा कि रूस गैस जला रहा है क्योंकि वे इसे कहीं और नहीं बेच सकते।
- अब वैज्ञानिक बड़ी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड और इससे पैदा होने वाली कालिख को लेकर चिंतित हैं, जिससे आर्कटिक की बर्फ पिघलने की दर बढ़ सकती है। ऐसे में रूस से तनाव लेने से पूरा यूरोप दोहरी मार झेल रहा है.
- हाल ही में, कई यूरोपीय देशों में प्राकृतिक गैस और बिजली की कीमतों में अचानक उछाल आया है। यूके में, ऊर्जा उत्पादों की कीमतों में अस्सी प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है।
रूसी गैस का विकल्प
- यूरोप अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए विकल्प तलाश रहा है। दूसरी ओर, खाड़ी के तेल और गैस उत्पादकों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे अपना उत्पादन बढ़ाने और यूरोपीय महाद्वीप और यूरोपीय संघ की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में असमर्थ हैं, इसलिए यूरोपीय देशों ने अपना ध्यान पूर्वी भूमध्य सागर में स्थित गैस भंडारकी ओर लगाया है।
- पिछले कुछ वर्षों में, पूर्वी भूमध्य सागर में इज़राइल, मिस्र और साइप्रस में प्राकृतिक गैस के बड़े भंडार पाए गए हैं। यूरोप ने अतीत में इन भंडारों पर ध्यान नहीं दिया और वे रूस पर निर्भर रहे। वे अब समझते हैं कि यह क्षेत्र रूस का विकल्प बन सकता है। हाल के वर्षों में लेवेंटाइन बेसिन और पूर्वी भूमध्य सागर में प्राकृतिक गैस के बड़े भंडार पाए गए हैं। ये भंडार क्षेत्र को तेल और गैस उत्पादन के एक प्रमुख केंद्र और आपूर्तिकर्ता में बदल सकते हैं।
- मिस्र, इज़राइल, साइप्रस और हाल ही में ग्रीस ने अपने समुद्री संसाधनों को निकालने, उपयोग करने और निर्यात करने के उद्देश्य से अपने राष्ट्रीय ऊर्जा अनुसंधान को तेज कर दिया है। हालांकि, तुर्की को छोड़कर पूर्वी भूमध्य सागर के अधिकांश देशों ने प्राकृतिक गैस के मुद्दों पर सहयोग और समन्वय के लिए 2019 में ईस्ट मेडिटेरेनियन गैस फोरम (ईएमजीएफ) या ईस्टमेड नामक एक अंतर सरकारी संगठन की स्थापना की। ईएमजीएफ के चार्टर पर सितंबर 2020 में हस्ताक्षर किए गए और यह 9 मार्च 2021 को लागू हुआ।
निष्कर्ष
यूक्रेन युद्ध के बाद पश्चिमी देशों और रूस के बीच वर्चस्व का संघर्ष तेज हो गया है जिसके कारण यूरोप के देशों को नकारात्मक प्रभावों जैसे कीमतों में तेजी, ऊर्जा उपलब्धता में कमी, सैन्य खतरे , हथियारों की होड़ तथा नाभिकीय खतरे इत्यादि की आशंकाओं का सामना करना पड़ेगा। रूस ऊर्जा संसाधनों से भरपूर है या अन्य शब्दों में ऊर्जा महाशक्ति है जिसे शेष विश्व से अलग करना या आइसोलेट करना संभव नहीं है। ऐसे में रूस तेल और गैस को रणनीतिक हथियार के रूप में कर रहा है ।
Yojna IAS Daily current affairs Hindi med 3rd September
Teaching Faculty
with 13 years+ experience in UPSC CSE ;
*Polity, Governance, Social Justice, IR, Indian Society, and Ethics
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