13 Aug वक्फ अधिनियम (संशोधन विधेयक) 2024
( यह लेख यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र – 2 के अंतर्गत ‘ शासन व्यवस्था , वक्फ अधिनियम 1995 , वक्फ संशोधन विधेयक 2024 , सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप, नीतियों के निर्माण और कार्यान्वयन से उत्पन्न मुद्दे ’ खंड से और यूपीएससी के प्रारंभिक परीक्षा के अंतर्गत ‘ वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन, ‘संयुक्त वक्फ प्रबंधन, सशक्तीकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995 ’ खंड से संबंधित है। इसमें योजना आईएएस टीम के सुझाव भी शामिल हैं। यह लेख ‘ दैनिक करेंट अफेयर्स ’ के अंतर्गत ‘ वक्फ अधिनियम (संशोधन विधेयक) 2024 ’ खंड से संबंधित है। )
ख़बरों में क्यों ?
- हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को 8 अगस्त, 2024 को लोकसभा में पेश किया गया।
- यह विधेयक वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करता है, जिसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रशासन और प्रबंधन में सुधार करना है।
- इस विधेयक के तहत वक्फ अधिनियम का नाम बदलकर ‘संयुक्त वक्फ प्रबंधन, सशक्तीकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995’ कर दिया गया है।
- यह विधेयक वक्फ बोर्ड की अनियंत्रित शक्तियों को कम करने के लिए कुछ प्रावधानों को हटाता है और वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित करता है।
वक्फ अधिनियम (संशोधन विधेयक), 2024 में मुख्य संशोधन :
- पारदर्शिता सुनिश्चित करना : वक्फ बोर्डों को संपत्ति दावों के लिए अनिवार्य सत्यापन से गुजरना होगा, जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी।
- लैंगिक विविधता और उसका प्रतिनिधित्व प्रदान करना : वक्फ अधिनियम, 1995 की धारा 9 और 14 में संशोधन कर वक्फ बोर्डों की संरचना में महिला प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा।
- संशोधित एवं विवाद समाधान के लिए सत्यापन प्रक्रियाएँ सुनिश्चित करना : वक्फ संपत्तियों के विवाद समाधान और दुरुपयोग को रोकने के लिए नई सत्यापन प्रक्रियाएँ लागू की जाएंगी, और ज़िला मजिस्ट्रेट इन संपत्तियों की देखरेख करेंगे।
- सीमित शक्ति : वक्फ बोर्डों की अनियंत्रित शक्तियों को नियंत्रित किया जाएगा, जो व्यापक भूमि पर वक्फ के दावों और विवादों को संबोधित करेगा।
वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन की आलोचना का आधार :
- शक्तियों में कमी : वक्फ बोर्डों के अधिकारों में कमी से उनकी प्रबंधन क्षमता पर असर पड़ सकता है।
- अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों की चिंता : आलोचकों के एक वर्ग का यह कहना है कि इससे मुस्लिम समुदायों के धार्मिक और धर्मार्थ उद्देश्यों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
- नौकरशाही हस्तक्षेप और सरकारी नियंत्रण में वृद्धि : ज़िला मजिस्ट्रेटों की भागीदारी से नौकरशाही हस्तक्षेप बढ़ सकता है।
- धार्मिक स्वायत्तता और स्वतंत्रता में बाधा उत्पन्न होना : सरकारी अधिकारियों की भूमिका धार्मिक स्वायत्तता पर प्रभाव डाल सकती है।
- नई सत्यापन प्रक्रियाओं से विवाद पैदा होने की प्रबल संभावना : नई सत्यापन प्रक्रियाएँ विवाद और जटिलताओं को जन्म दे सकती हैं।
वक्फ बोर्ड एक संक्षिप्त परिचय :
- भारत में वक्फ बोर्ड एक कानूनी निकाय है जो वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन, संरक्षण और हस्तांतरण करता है। यह न्यायालय में मुकदमा कर सकता है और मुकदमा करवा सकता है। संपत्तियों के हस्तांतरण के लिए बोर्ड के दो-तिहाई सदस्यों की मंजूरी आवश्यक है।
- 1964 में स्थापित केंद्रीय वक्फ परिषद (CWC) राज्य स्तरीय वक्फ बोर्डों की देखरेख और सलाह देती है। वक्फ बोर्ड भारत में रेलवे और रक्षा विभाग के बाद तीसरा सबसे बड़ा भूमिधारक है, जिसकी 8 लाख एकड़ में फैली 8,72,292 पंजीकृत संपत्तियाँ हैं और इनसे 200 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होता है। वक्फ घोषित संपत्तियाँ अहस्तांतरणीय होती हैं और धर्मार्थ कार्य के रूप में स्थायी रूप से सुरक्षित रहती हैं।
वक्फ अधिनियम, 1955 क्या है ?
- वक्फ अधिनियम, 1955 एक महत्वपूर्ण कानूनी प्रावधान है जो भारत में वक्फ की प्रबंधन और नियमन से संबंधित है। इस अधिनियम को पहली बार 1954 में पारित किया गया, लेकिन इसे 1995 में नए वक्फ अधिनियम से बदल दिया गया, जिसने वक्फ बोर्डों को अधिक अधिकार प्रदान किए। 2013 में इसमें संशोधन करके वक्फ बोर्डों को संपत्तियों को ‘वक्फ संपत्ति’ के रूप में नामित करने के लिए व्यापक अधिकार दिए गए।
- वक्फ एक इस्लामी कानूनी अवधारणा है, जिसमें किसी व्यक्ति द्वारा चल या अचल संपत्ति का स्थायी रूप से धार्मिक, पवित्र या धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए समर्पण किया जाता है। इसका उद्देश्य इस संपत्ति से प्राप्त आय को जरूरतमंदों की सहायता के लिए उपयोग में लाना है। वक्फ के अंतर्गत दान की गई संपत्तियाँ आमतौर पर शैक्षणिक संस्थानों, कब्रिस्तानों, मस्जिदों, और आश्रय गृहों को वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं।
वक्फ अधिनियम, 1995 के तहत प्रावधान :
- वक्फ बोर्डों को वक्फ संपत्तियों की पहचान और प्रबंधन के लिए अधिक अधिकार और स्वायत्तता दी गई है।
- एक सर्वेक्षण आयुक्त वक्फ संपत्तियों की सूची तैयार करता है और उन्हें आधिकारिक रूप से वक्फ संपत्ति के रूप में मान्यता प्रदान करता है।
- वक्फ का प्रबंधन एक मुतवली (या मुतवल्ली) द्वारा किया जाता है, जो कि वक्फ संपत्तियों का पर्यवेक्षक और व्यवस्थापक होता है।
- वक्फ का उद्देश्य धार्मिक और धर्मार्थ उपयोगों के लिए होता है, और इसे स्थायी रूप से मान्यता प्राप्त किया जाता है।
- वक्फ सार्वजनिक (धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए) या निजी (स्वामी के वंशजों को लाभ पहुँचाने के लिए) हो सकता है।
- वक्फ की स्थापना के लिए व्यक्ति का शांतचित्त होना और संपत्ति का वैध स्वामित्व होना आवश्यक है। दिलचस्प बात यह है कि वक्फ का संस्थापक मुस्लिम होना अनिवार्य नहीं है, लेकिन उसे इस्लामी सिद्धांतों में विश्वास रखना होता है।
- इस प्रकार, वक्फ अधिनियम भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और नियमन के लिए एक कानूनी ढांचा प्रदान करता है, जो धार्मिक और समाजिक उद्देश्यों की पूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक 2024 का महत्व :
वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक 2024 का मुख्य उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में महत्वपूर्ण प्रशासनिक सुधार लाना और उनके अधिक समावेशी और कुशल प्रबंधन को सुनिश्चित करना है।
इस विधेयक की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं –
- पारदर्शिता में वृद्धि : विधेयक में वक्फ संपत्तियों के रिकॉर्ड को डिजिटल रूप में संग्रहित करने और एक केंद्रीकृत डेटाबेस स्थापित करने के प्रावधान हैं। यह प्रक्रिया वक्फ संपत्तियों की निगरानी और प्रबंधन को सरल बनाएगी, जिससे धोखाधड़ी और कुप्रबंधन की संभावना कम होगी।
- बेहतर प्रशासन : विधेयक द्वारा प्रस्तावित प्रशासनिक सुधार वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को अधिक पेशेवर और कुशल बनाएंगे। इसके परिणामस्वरूप इन संसाधनों का धर्मार्थ और धार्मिक उद्देश्यों के लिए बेहतर उपयोग हो सकेगा।
- वक्फ संपत्तियों का संरक्षण : विधेयक वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए पट्टे पर देने और अतिक्रमण को रोकने के लिए विशेष नियमों का प्रस्ताव करता है। इससे अनधिकृत उपयोग और शोषण को रोका जाएगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि संपत्तियों का उपयोग उनके निर्धारित धार्मिक और धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए ही किया जाए।
- समावेशन और प्रतिनिधित्व : वक्फ बोर्डों में मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुस्लिमों की भागीदारी को बढ़ाना एक समावेशी शासन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इससे निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में विविध दृष्टिकोण सुनिश्चित होंगे।
- कुशल विवाद समाधान : विधेयक में प्रस्तावित नया विवाद समाधान तंत्र वक्फ संपत्तियों से संबंधित विवादों को प्रभावी ढंग से हल करने में सहायता करेगा, जिससे नियमित अदालतों पर बोझ कम होगा और त्वरित न्याय सुनिश्चित किया जाएगा।
इस प्रकार, वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक 2024 वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार लाकर अधिक पारदर्शिता, कुशल प्रशासन, और समावेशी प्रतिनिधित्व को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
निष्कर्ष :
- वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और पारदर्शिता को सुदृढ़ करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है।
- यह विधेयक वक्फ बोर्डों को शासन, जवाबदेही, और संपत्ति के उपयोग के मामलों में सुधार करने का अधिकार प्रदान करता है। इसके माध्यम से, वक्फ बोर्डों को यह सुनिश्चित करने की क्षमता मिलती है कि वक्फ संपत्तियों से उत्पन्न लाभ लक्षित समुदायों तक सटीक रूप से पहुँचे और उनके सामाजिक और आर्थिक हितों को सर्वोत्तम तरीके से पूरा किया जा सके।
- संशोधन का उद्देश्य वक्फ की अखंडता को बनाए रखते हुए सामाजिक कल्याण और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना है।
- यह विधेयक पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाता है, जिससे वक्फ बोर्डों के कार्यों में अधिक विश्वास और सामुदायिक जुड़ाव को बढ़ावा मिलेगा। इससे न केवल वक्फ संपत्तियों के उपयोग में सुधार होगा, बल्कि यह सुनिश्चित होगा कि इन संपत्तियों का उपयोग सही तरीके से और प्रभावी रूप से किया जाए, जो कि समाज के सभी वर्गों के लिए लाभकारी होगा।
इस प्रकार, वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 एक व्यापक दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है जो वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को अधिक संगठित, पारदर्शी और जवाबदेह बनाते हुए समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में कार्य करेगा।
स्त्रोत – द हिन्दू एवं पीआईबी।
Download yojna daily current affairs hindi med 13th August 2024
प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
Q.1. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 का नाम बदलकर ‘संयुक्त वक्फ प्रबंधन, सशक्तीकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995’ कर दिया गया है।
- वक्फ बोर्ड भारत में रेलवे और रक्षा विभाग के बाद तीसरा सबसे बड़ा भूमिधारक है।
- वक्फ घोषित संपत्तियाँ अहस्तांतरणीय होती हैं।
उपरोक्त कथन / कथनों में से कौन सा कथन सही है ?
A. केवल 1 और 3
B. केवल 2 और 3
C. इनमें से कोई नहीं ।
D. उपरोक्त सभी।
उतर – D
मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
Q.1. क्या आपको लगता है कि धार्मिक अल्पसंख्यकों से संबंधित मामलों के प्रबंधन में राज्य के द्वारा किया जाने वाला हस्तक्षेप का डर यथार्थपूर्ण है? वक्फ अधिनियम, 1995 में प्रस्तावित संशोधनों के संदर्भ में इस पर चर्चा कीजिए। ( शब्द सीमा – 250 अंक – 15)
Qualified Preliminary and Main Examination ( Written ) and Shortlisted for Personality Test (INTERVIEW) three times Of UPSC CIVIL SERVICES EXAMINATION in the year of 2017, 2018 and 2020. Shortlisted for Personality Test (INTERVIEW) of 64th and 67th BPSC CIVIL SERVICES EXAMINATION.
M. A M. Phil and Ph. D From (SLL & CS) JAWAHARLAL NEHRU UNIVERSITY, NEW DELHI.
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