संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन 2022

संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन 2022

दुनिया के महासागर पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण और निर्वाह के उद्देश्य से वैश्विक सहयोग सुनिश्चित करने हेतु संयुक्त राष्ट्र (UN) महासागर सम्मेलन 2022 आयोजित किया गया था।

  • केन्या और पुर्तगाल की सरकारों ने  इस सम्मेलन की सह-मेज़बानी की थी।
  • संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्त्व पृथ्वी विज्ञान मंत्री ने किया। भारत ने साझेदारी और पर्यावरण के अनुकूलन के माध्यम से लक्ष्य 14 के कार्यान्वयन के लिये विज्ञान एवं नवाचार आधारित समाधान प्रदान करने का वादा किया।
  • यह सतत् विकास लक्ष्य (SDG) 14, ‘जल के नीचे जीवन’ से सम्बंधित है तथा समुद्र के लचीलेपन के निर्माण हेतु वैज्ञानिक ज्ञान और समुद्री प्रौद्योगिकी की महत्त्वपूर्ण आवश्यकता पर ज़ोर देता है।

SDG GOAL 14 के तहत कार्य :-

  • गहरे समुद्र में खनन पर रोक:

    •  गहरे समुद्र में आवश्यक बूम इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी निर्माण के लिये दुर्लभ धातुओं के खनन पर रोक।
    •  समुद्र तल की मशीनों द्वारा से खुदाई और मापन द्वारा गहरे-समुद्री आवासों में बदलाव या नष्ट कर सकता है।
  • कार्बन पृथक्कीकरण:

    •  कार्बन पृथक्करण (Carbon Sequestration) द्वारा मैंग्रोव जैसे प्राकृतिक सिंक को बढ़ाकर या भू-इंजीनियरिंग योजनाओं के माध्यम से CO2 को सोखने के लिये समुद्र की क्षमता को बढ़ावा देना।
  • क्या है ब्लू डील:

    • आर्थिक विकास के लिये समुद्री संसाधनों के सतत् उपयोग को सक्षम करने हेतु “ब्लू डील” (Blue Deal) को बढ़ावा दिया गया।
    • इसमें एक सतत् और लचीली समुद्री अर्थव्यवस्था बनाने हेतु वैश्विक व्यापार, निवेश और नवाचार शामिल हैं।
    • सभी स्रोतों से समुद्री फसल को टिकाऊ बनाने और सामाजिक उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने के लिये समुद्री खाद्यों पर ध्यान देना।
  • समुद्रीय जीवन में अनियमितता:

    • पृथ्वी की सतह के लगभग 70% भाग को महासागर कवर करते हैं और अरबों लोगों को आजीविका एवं भोजन प्रदान करते हैं। समुद्र में सर्वाधिक प्रजातियाँ वास करती हैं किन्तु कोई व्यापक कानूनी ढांँचा उच्च समुद्रों को कवर नहीं करता है।
    • विश्व के कुछ बुद्धिजीवी उन्हें ग्रह पर सबसे बड़े अनियमित क्षेत्र के रूप में संदर्भित करते हैं।
  • खतरे में महासागर:

    • ग्लोबल वार्मिंगप्रदूषण (प्लास्टिक प्रदूषण सहित)अम्लीकरण, समुद्री हीटवेव आदि महासागरों हेतु खतरों में शामिल हैं।

इस समस्या से निपटने के उपाय:

  • कोविड-19 के बाद की विश्व की तमाम अर्थव्यवस्थाओं को महासागर आधारित मूल्य शृंखलाओं में स्थिरता लाने और लचीलेपन को प्राथमिकता देते हुए कार्य करना चाहिए। समुद्री मत्स्य पालन, समुद्री और तटीय पर्यटन तथा समुद्री परिवहन जैसे क्षेत्रों को कोविड -19 महामारी ने असमान रूप से प्रभावित किया।
  • विकासशील देशों में निवेश बढ़ने और लागत कम करने हेतु एक ब्लू बैंक स्थापित करने और ब्लू फाइनेंस के नियमों में सुधार के लिये डिजिटलीकरण प्रयासों कर इन देशों की अर्थव्यवस्था मजबूत करने का प्रयास करना।
  • ग्रीन न्यू डील पहले से ही दुनिया भर में राजनीतिक समर्थन और आकर्षण प्राप्त कर रही है, जबकि इन सभी सुझावों को ब्लू न्यू डील के लिये आह्वान के रूप में देखा जा सकता है।

महासागरीय पारिस्थितिकी तंत्र सुनिश्चित करने हेतु पहलें:

  • महासागर विज्ञान दशक:
    • समुद्र के संतुलन में गिरावट के चक्र को उलटने और एक सामान्य ढांँचे में दुनिया भर में महासागर हितधारकों को शामिल करने के प्रयासों का समर्थन करने  के लिये संयुक्त राष्ट्र ने 2021-2030 के रूप में सतत् विकास हेतु महासागर विज्ञान दशक की घोषणा की है।
  • विश्व महासागर दिवस:
    • 8 जून को पूरी दुनिया में विश्व महासागर दिवस (World Ocean Day) के रूप में मनाया गया। यह दिवस महासागरों के प्रति जागरूकता फ़ैलाने के लिये मनाया जाता है।
  • समुद्री संरक्षित क्षेत्र:  
    •  समुद्री क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों को सुरक्षा प्रदान करने वाले क्षेत्र को सामान्य शब्दों में समुद्री संरक्षित क्षेत्र (MPA),कहा जाता है।
  • ग्लोलिटर पार्टनरशिप प्रोजेक्ट:
    • अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) तथा संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) द्वारा लॉन्च किया गया है,
    • प्रारंभिक वित्तपोषण नॉर्वे सरकार द्वारा किया गया।
    • उद्देश्य: शिपिंग व मत्स्य पालन उद्योग से उत्पन्न होने वाले समुद्री प्लास्टिक कचरे को कम करना है।
  • भारतनॉर्वे महासागर वार्ता:
    • भारत और नॉर्वे की सरकारों द्वारा महासागरीय क्षेत्रों में मिलकर कार्य करने के लिये जनवरी 2019 में एक समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किये गए।
  • भारत का डीप ओशन मिशन:
    • भारत सरकार की ‘ब्लू इकॉनमी’ पहल का समर्थन करने हेतु एक मिशन मोड परियोजना है।
  • भारत की इंडो-पैसिफिक ओशन पहल (IPOI):
    •  इस क्षेत्र में आम चुनौतियों के लिये सहकारी और सहयोगी समाधान हेतु मिलकर काम करने हेतु यह देशों के लिये एक खुली, गैर-संधि आधारित पहल है।

Yojna IAS Daily Current Affairs Hindi med 5th July

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