अंतरिक्ष में अनुसंधान कार्यक्रमों में एक नई कामयाबी की ओर बढ़ता भारत

अंतरिक्ष में अनुसंधान कार्यक्रमों में एक नई कामयाबी की ओर बढ़ता भारत

स्त्रोत – द हिन्दू एवं पीआईबी।

सामान्य अध्ययन –  विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी , चंद्रयान-3, लूना 25 मिशन, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो), रूस का रोस्कोस्मोस, भारत की वर्तमान अंतरिक्ष नीति।

ख़बरों में क्यों ? 

  • अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रमों के इतिहास में दूसरी बार चंद्रमा पर उतरने की रफ्तार में तेजी आ रही है।
  • इस बार चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतरने की तैयारी में अनेक देशों की भागीदारी और उनकी सफलता की नई गाथा हमारे समक्ष है। 
  • चंद्रयान-3 की सॉफ्ट-लैंडिंग ने इस बार यह दिखया है कि अंतरिक्ष अनुसंधान एवं उड़ान प्रदाता के रूप में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की अंतरिक्ष अनुसंधान में शामिल प्रौद्योगिकियों व प्रक्रियाओं की समझ और उसके द्वारा चुने गए  सभी विकल्प सही  हैं और भारत औपनिवेशिक काल की मानसिकता से बाहर निकलकर एक प्रभावशाली देश के रूप में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने  अपने आप को स्थापित किया है। 
  • लूना 25 मिशन में मिली असफलता ने रूस के रोस्कोस्मोस को उसकी अंतरिक्ष अनुसंधान प्रौद्योगिकियों व प्रक्रियाओं की समझ और उसमें की गई गलतियों से काफी कुछ सीखने की राह को प्रशस्त किया होगा क्योंकि रूस के रोस्कोस्मोस एक ऐसी अंतरिक्ष एजेंसी के रूप में विख्यात है जिसने इससे पूर्व भी अंतरिक्ष अनुसंधान प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में शानदार बुलंदियां हासिल की थी और  लूना 25 मिशन में उसके हिस्से आई असफलता ने उसकी विश्वसनीयता को घटा रही है। 
  • संयुक्त राज्य अमेरिका ने नासा के द्वारा अपने शुरुआती वर्षों में अंतरिक्ष सेवा प्रदाताओं की कामयाबी उनके लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। कुछ महत्वपूर्ण अंतरों के साथ यह तथ्य आईएम के मामले में भी सच है। 
  • आईएम ने नासा के कमर्शियल चंद्र पेलोड सर्विसेज (सीएलपीएस) कार्यक्रम के हिस्से के रूप में अपने ओडीसियस लैंडर को चंद्रमा पर लॉन्च किया। इस कार्यक्रम के जरिए नासा चंद्रमा पर जाने वाले वाणिज्यिक मिशनों पर लगे उपकरणों को इस में उम्मीद में वित्त पोषित कर रही है कि उनके निष्कर्ष इस प्राकृतिक उपग्रह पर एजेंसी की मुमकिन वापसी को आसान बना देंगे। 
  • आईएम के ओडीसियस के सफर में लैंडर के उतरने की प्रक्रिया शुरू हुई, उसके नेविगेशन उपकरणों में गड़बड़ी हो गई जिससे आईएम के इंजीनियरों को जल्दी से एक उपाय करने एवं यान में उपलब्ध एक प्रयोगात्मक नासा उपकरण का सहारा लेने का निर्देश भेजने के लिए मजबूर होना पड़ा। हॉटफिक्स के बाद, ओडीसियस की सॉफ्ट लैंडिंग पूरी हुई  लेकिन उस यान और पृथ्वी पर मौजूद एंटीना के बीच कमजोर डेटा लिंक के कारण इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है । 
  • आईएम के अनुसार संभवतः ओडीसियस यान उल्ट गया था  लेकिन नासा के छह पेलोड सहित इसके अधिकांश पेलोड और सौर पैनल पर इसका कोई खास असर नहीं पड़ा ।
  • सीएलपीएस कार्यक्रम के लिए भविष्य में आईएम की यह कामयाबी इसे और अधिक विस्तारित करने में सहायता प्रदान कर सकती  है।
  • सीएलपीएस से जुड़े मिशनों में नासा की भूमिका दिलचस्प लैंडिंग साइटों को चिन्हित करने और कुछ पेलोड प्रदान करने तक ही सीमित है। 
  • वर्ष 2020 तक, इसने 14 विभिन्न कंपनियों को इस क्षेत्र में अनुसंधान करने के लिए तैयार किया था। जिसमें तक़रीबन 2.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर के खर्चे का बजट भी शामिल था। 
  • किसी भी देश में ऐसी अंतरिक्ष कार्यक्रम के आपस में हस्तांतरण को संभव बनाने  में अमेरिका की तरह ही एक स्वस्थ एवं विविधतापूर्ण निजी अंतरिक्ष सेवा की जरुरत है। 
  • संपूर्ण विश्व में अमेरिकी अंतरिक्ष कार्यक्रम के मामले में आईएम की सफलता का यही अर्थ हैं। 

वर्तमान में इसरो द्वारा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रम और महत्वपूर्ण पहल :

  • भारत ने वैश्विक अंतरिक्ष समुदाय में अपनी अद्वितीय पहचान बनाते हुए अपने अंतरिक्ष में अनुसंधान कार्यक्रमों में एक नई कामयाबी की ऊंचाइयों की ओर अग्रसर होने में सफलता प्राप्त की है। 
  • भारत द्वारा अंतरिक्ष में अनुसंधान कार्यक्रमों में पाई गई सफलता का श्रेय भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और उसके समर्पित टीमों को जाता है। 
  • भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अंतरिक्ष में अनुसंधान कार्यक्रमों के तहत  नवाचार, कुशलता, और नित नए प्रयोग के द्वारा भारत को अंतरिक्ष में अनुसंधान कार्यक्रमों के सबसे उच्चतम मानदंड को प्राप्त करने में निरंतर सहयोग कर रहा है।

इसरो का अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान स्थापित करना : 

  • भारत ने अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में ISRO के माध्यम से अंतरिक्ष में विभिन्न क्षेत्रों में अपनी विशेष और अत्यंत महत्वपूर्ण पहचान स्थापित किया है। भारत पृत्वी की सतह से लेकर अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र तक में, भारत ने सफलतापूर्वक अपनी पहचान स्थापित किया है।
  • भारत आज इसरो के माध्यम से  चंद्रयान, मंगलयान, एवं अन्य नवीनतम एवं आधुनिक उपग्रहों के माध्यम से भारत ने चंद्रमा और मंगल ग्रह पर पहुचने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है ।

इसरो का अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होना और वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करना : 

  • भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रम ने आत्मनिर्भरता की दिशा में अहम बदलाव किया है। स्वदेशी उपग्रहों, निर्माण और अच्छी तकनीकी संभावनाओं के साथ, भारत ने विश्व बाजार में अपना स्थान बनाया है।

भारत में इसरो द्वारा समृद्ध तकनीकी एवं नवीन उर्जा प्रणालियों का उपयोग करना : 

  • भारतीय अंतरिक्ष मिशनों ने अपने अनुसंधान के लिए नित नई ऊंचाइयों को छूने के लिए की नवीन ऊर्जा प्रणालियों, तकनीकी समृद्धि, और आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में अनेक मानदंड स्थापित किए  हैं। इसने अंतरिक्ष में उपग्रहों और रोकेट प्रौद्योगिकी में नए क्षेत्रों की खोज और विकास के लिए दृढ़तापूर्वक  अंतरिक्ष के क्षेत्र में दृढ प्रतिज्ञ है।

भारत का वैश्विक स्तर पर आपसी सहयोग विकसित करना : 

  • भारत ने अंतरिक्ष में अनुसंधान के क्षेत्र में मिली सफलता को अपने  वैश्विक साथी देशों के साथ आपस में भी साझा किया है और भारत द्वारा अंतरिक्ष के क्षेत्र में नित नई उडान और सफलता में उसके वैश्विक सहयोगी देशों का भी हुआ है। भारत ने विभिन्न देशों के साथ अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष मिशनों में सहयोग और सम्बन्धों को मजबूत किया है, जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वैश्विक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

 

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रम में इसरो ने सफलता के नए मानक तय किए हैं : 

  • भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रम में इसरो ने सफलता के नए मानक तय किए हैं और विश्व को अपनी अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रम के क्षेत्र में अद्वितीय क्षमताओं का विस्तारपूर्वक परिचय दिया है । यह साबित करता है कि भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में नहीं, बल्कि विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में भी गंभीरतापूर्वक अध्ययन और इसमें सफलता प्राप्त करने के लिए निरंतर  अग्रसर है। यही कारण है कि भारत आज अंतरिक्ष क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण और सम्मानीय नाम है और भारत का इसरो निरंतर रूप से अनुसंधान के क्षेत्र में भविष्य के लिए आने वाली अगली ऊंचाइयों की ओर निरंतर अग्रसर है।

निष्कर्ष / समाधान की राह : 

 

  • अपने राष्ट्रीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए भारत ने हाल ही में शत – प्रतिशत स्वचालित विदेशी प्रत्यक्ष निवेश को मंजूरी दे दी है, जिससे आने वाले भविष्य में भारत में इसरो के सामने उपस्थित चुनौतियों का समाधान खोजने के लिए भारतीय स्टार्ट-अप के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का मार्ग प्रशस्त होगा। 
  • अंतरिक्ष के क्षेत्र में अनुसंधान करना एक ऐसा कार्य है, जिसमें विभिन्न राष्ट्रों / देशों को एक – दूसरे के साथ व्यापक और आपसी सहयोग की जरुरत है।
  • अंतरिक्ष के क्षेत्र में अनुसंधान के लिए भारत का कद बढ़ने से इसरो की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक महत्वपूर्ण पहचान भी स्थापित हो रहा है। इसका अर्थ यह है कि आज भारत विज्ञान और तकनीक में नई ऊंचाइयों को छूने के लिए पूरी तरह से समर्पित तो है ही , साथ – ही – साथ यह भारत  को अंतरिक्ष के क्षेत्र में अनुसंधान करने के लिए आत्मनिर्भर बनने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान डे रहा है।
  • आज भारत का अंतरिक्ष में अनुसंधान कार्यक्रम अपने ऊंचाईयों को छू रहा है  भविष्य में होने वाली महत्वपूर्ण प्रद्यौगिकी निर्माण की ओर महत्वपूर्ण कदम बढ़ा रहा है, और आज भारत विश्वभर में अंतरिक्ष के क्षेत्र में अपनी आदर्श पहचान स्थापित कर रहा है। भविष्य में, इस प्रयास के साथ जुड़े नए और उन्नत अनुसंधानों से भारत अंतरिक्ष में अपने स्थान को मजबूत करेगा और अपनी उदार दृष्टिकोण से अंतरराष्ट्रीय स्तर  के साथ मिलकर आपस में साझा करेगा।
  • इसरो ने अंतरिक्ष में अनुसंधान कार्यक्रम के तहत वैश्विक स्तर पर एक नई कामयाबी की ओर बढ़ते हुए अपने अभूतपूर्व योजनाओं और सफल प्रयासों के माध्यम से दिखाया है कि भारत अंतरिक्ष अनुसंधान क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण देश के रूप में अपनी भूमिका निभा रहा है। इससे भारत में न केवल विज्ञान और तकनीक क्षेत्र में उन्नति हो रही है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर भारत अंतरिक्ष में अनुसंधान के क्षेत्र में उच्चतम मानकों के साथ अपनी उपस्थिति के लिए प्रतिबद्ध है।

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प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : 

Q.1. भारत का अंतरिक्ष में अनुसंधान कार्यक्रम के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।

  1. भारत द्वारा अंतरिक्ष में अनुसंधान कार्यक्रमों में पाई गई सफलता में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  2. रूस के रोस्कोस्मोस को उसकी अंतरिक्ष अनुसंधान प्रौद्योगिकियों व प्रक्रियाओं के लिए जाना जाता है।
  3. आईएम के ओडीसियस के सफर में लैंडर के उतरने की प्रक्रिया शुरू हुई थी।
  4. आईएम ने नासा के कमर्शियल चंद्र पेलोड सर्विसेज (सीएलपीएस) कार्यक्रम के हिस्से के रूप में अपने ओडीसियस लैंडर को चंद्रमा पर लॉन्च किया।

उपरोक्त कथन / कथनों में से कौन सा कथन सही है ? 

(A) केवल  1 और 4 

(B) केवल 2 और 3

(C) इनमें से कोई नहीं ।

(D) इनमें से सभी ।

उत्तर – (D) 

मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : 

Q.1. भारत के राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रम की राह में आनेवाली प्रमुख चुनौतियों को रेखांकित करते हुए भारत के राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रम के तहत भारत के विभिन्न क्षेत्रों में होनेवाले लाभों की भी विस्तारपूर्वक चर्चा कीजिए।

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