26 Nov अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023
अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023
संदर्भ- हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023 के प्री-लॉन्च समारोह में , विदेश मंत्री एस जयशंकर ने “कोविड, संघर्ष और जलवायु” को दुनिया की प्रमुख खाद्य सुरक्षा चुनौतियों के रूप में नामित किया। “वैश्विक अर्थव्यवस्था को जोखिम मुक्त करने” की व्यापक अनिवार्यता के संदर्भ में बाजरा की खेती और लोकप्रियता को प्रमुखता दी।
मोटा अनाज फसल-
- पोषक अनाज के लिए मोटे अनाज शब्द का प्रयोग भी किया जाता है, मोटे अनाज शब्द का प्रयोग छोटे दाने वाले अनाज के रूप में किया जाता है जैसे- ज्वार, बाजरा, फॉक्सटेल बाजरा, थोटो, कोदो, रागी, मडुआ आदि।
- मोटा अनाज, प्राचीन घरेलू फसलों में से एक थी। सिंधु घाटी में भी मोटे अनाज के प्रमाण मिले हैं, जैसे लोथल व सौराष्ट्र से बाजरा के प्रमाण मिले हैं। कालीबंगा से रागी व सरसों के प्रमाण मिले हैं।
- वर्तमान में बाजरा 130 देशों द्वारा उगाया जाता है, इसके उत्पादन में बहुत कम पानी की आवश्यकता होती है। मुख्य रूप से यह फसल वर्षा पर आधारित होती है। एशिया व अफ्रीका में इसका प्रयोग पारंपरिक भोजन के रूप में किया जाता है।
- पोषक अनाज में ज्वार सबसे अधिक मात्रा में उगायी जाती है। ज्वार के प्रमुख उत्पादक संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, ऑस्ट्रेलिया, भारत, अर्जेंटीना, नाइजीरिया और सूडान हैं। तथा बाजरा भारत व अफ्रीकी देशों में उगाया जाता है।
- भारत में ये फसलें खरीफ की फसलें हैं और कृषि मंत्रालय के अनुसार कुल फसल का 7% उत्पादन करती हैं।
पोषक फसल-
- संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के रूप में घोषित किया है। जिसका नेतृत्व भारत ने किया था और 70 से अधिक देश इस मुहिम में शामिल हैं।
- ज्वार, बाजरा, रागी/मंडुआ, मामूली बाजरा – कंगनी/काकुन, चीना, कोदो, सावा/सांवा/झंगोरा, और कुटकी- और दो छद्म बाजरा, एक प्रकार का अनाज (कुट्टू) और अमरनाथ (चौलाई) में उच्च पोषक तत्व पाए जाते हैं।
- कृषि मंत्रालय ने वर्ष 2018 में बाजरा को पोषक फसल घोषित किया था।
पोषक तत्व-
अनाज | प्रोटीन ग्राम में | कार्बोहाइड्रेट ग्राम में | वसा ग्राम में | फाइबर ग्राम में | कैल्शियम ग्राम में | फास्फोरस ग्राम में |
ज्वार | 10.4 | 72.6 | 1.9 | 1.6 | 25 | 222 |
बाजरा | 11.6 | 67.5 | 5.0 | 1.2 | 42 | 296 |
रागी | 7.3 | 72.0 | 1.3 | 3.6 | 344 | 283 |
मंडुवा | 11.6 | 74.3 | 5.8 | 14.7 | 14 | 121 |
झंगोरा | 12.5 | 70.4 | 1.1 | 2.2 | 14 | 206 |
कौणी | 12.3 | 60.9 | 4.3 | 8.0 | 31 | 290 |
सार्वजनिक वितरण तंत्र के तहत बाजरा-
- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत, पात्र परिवार चावल, गेहूँ व मोटा अनाज क्रमशः 3 रुपये, 2 रुपये व 1 रुपये प्रति किलो पाने के हकदार हैं।
- NFSA की धारा 2(5) के तहत मोटे अनाज के आवश्यकीय रूप से वितरण पर ढील देकर इसे खाद्यान्न की श्रेणी में रखा गया।
पोषक तत्व उत्पादक प्रमुख राज्य-
- भारत में ज्वार उत्पादक प्रमुख राज्य महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश आदि हैं। 2020-21 में महाराष्ट्र में सर्वाधिक 1.94 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में 1.76 मिलियन टन ज्वार का उत्पादन हुआ.
- भारत में बाजरा उत्पादक प्रमुख राज्य राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, और कर्नाटक हैं। 2020-21 में राजस्थान सर्वाधिक बाजरा उत्पादक राज्य था जिसने 4.32 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में 4.53 मिलियन टन बाजरा का उत्पादन किया।
- रागी के प्रमुख उत्पादक राज्य कर्नाटक, हिमांचल प्रदेश, उत्तराखण्ड. सिक्किम, झारखण्ड, अरुणांचल प्रदेश हैं।
महत्व-
- अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023 की पहल से भारत, अंतर्राष्ट्रीय तौर पर प्रमुखता हासिल की है।
- भारत में पोषक तत्वों को महत्व देकर उत्पादक राज्यों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के साथ भारत पोषक तत्वों का उत्पादक राष्ट्र बन सकता है।
- पर्याप्त उत्पादन से निर्यात में वृद्धि की जा सकती है जो भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती दे सकता है।
स्रोत
https://indianexpress.com/article/explained/the-story-of-millets-8290331/
https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1874987
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