कृषि बजट 2023-24

कृषि बजट 2023-24

कृषि बजट 2023-24

संदर्भ- हाल ही में आए केंद्रीय बजट में खाद्य सब्सिडी, उर्वरक सब्सिडी, बीमा सिंचाई, कृषि, श्रम और अन्य क्षेत्रों में आबंटन में कमी के कारण अखिल भारतीय किसान सभा ने विरोध किया है। तथा 9 फरवरी को काला दिवस मनाने की घोषणा की है।

बजट 2023 में कृषि क्षेत्र

पीएम किसान सम्मान निधि- यह योजना लघु व सीमांत किसानों को आर्थिक सहायता देने के लिए की गई थी। जिसमें पात्र किसानों को प्रतिवर्ष 6000 रुपये की राशि प्रदान किए जाएंगे। बजट 2023-24 में 60 हजार करोड़ आबंटित किया गया है।

किसान क्रेडिट कार्ड – यह योजना ढोटे व मध्यम किसानों के लिए थी जिसमें किसानों को कम ब्याज पर लोन दिया जाता है। इस योजना को भारत सरकार द्वारा आरबीआई व नाबार्ड के सहयोग से शुरु किया गया था। बजट 2023-24 में इस योजना के लिए 23 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है। 

डिजीटल कृषि मिशन- कृषि में आधुनिक उपकरणों के प्रयोग से कृषकों की आय बढ़ाने के लिए डिजीटल कृषि योजना की शुरुआत की गई है। डिजीटल कृषि के तहत ड्रोन से कीटनाशक छिड़काव, कृषि पोर्टल का प्रारंभ, जिला स्तरीय मिट्टी जांच प्रयोगशालाएं आदि प्रयोगों से कृषि उत्पादकता को बढ़ाने का प्रयोस किया जाएगा। इसे बढ़ावा देने के लिए 450 करोड़ रुपये की राशि तथा टैक्नोलॉजी द्वारा कृषि के लिए 600 करोड़ की राशि का प्रावधान किया गया है। 

राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन- प्राकृतिक खेती एक रासायनिक मुक्त कृषि प्रणाली है, यह कृषि पारिस्थितिकी आधारित संसाधन रिसाइक्लिंग ऑन फार्म संसाधन अनुकूलन की आधुनिक समझ पर आधारित है। जिसके द्वारा मिट्टी की अनुकूलता को बनाए रखा जा सकता है। इस मिशन को बढ़ावा देने के लिए 459 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान है।

कृषि स्टार्ट अप को बढ़ावा देने का प्रावधान बजट में रखा गया है जिसके तहत कृषि त्वरक कोष की स्थापना की जाएगी। इसमें 5 साल के लिए 500 करोड़ रुपये आबंटित किए जाएंगे। 

उद्यानिकी का विकास- उद्यानिकी क्षेत्र का बजट बढ़ाकर 2200 करोड़ रुपये किया गया है, इससे उच्च मूल्य की उद्यानिकी/बागवामी फसलों का बढ़ाया जा सकेगा।

उर्वरक सब्सिडी – इसके माध्यम से किसानों को कम दामों में उर्वरक उपलब्ध कराए जाते हैं, इसके लिए बजट में 1.75 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।  

विरोध का कारण-

  • पिछले 8 वर्षों में भारत में गरीबी सूचकांक 55 से 108 पहुंच गया है।
  • बजट 2022-23 में कुल आबंटन का 3.84% कृषि क्षेत्र में जबकि वर्तमान बजट 2023-24 में 3.2% का आबंटन किया गया है जो पिछले वर्ष की तुलना में कम है।
  • ग्रामीण विकास के लिए भी बजट में पिछले वर्ष (5.81%) की तुलना में वर्तमान बजट(5.29%) की कटौती की गई है।
  • किसान सम्मान निधि का आबंटन भी पिछले वर्ष(68 हजार करोड़ रुपये) की तुलना में कम दर्ज किया गया है। 
  • उर्वरक सब्सिडी, यह 2022-23 के अनुमानित आबंटन 2.25 लाख करोड़ से कम 1.75 लाख करोड़ का प्रावधान किया गया है।

अखिल भारतीय किसान सभा – यह देश के किसानों का पहला अखिल भारतीय संगठन था। जिसका गठन निम्नलिखित कारणों से किया गया था।

  • स्वतंत्रता संग्राम का प्रभाव किसान विद्रोह के रूप में सामने आया, 
  • अंग्रेजों द्वारा कृषि आधारित अर्थव्यवस्था की दुर्दशा (जिसका दादाभाई नौरोजी ने सम्पूर्ण दस्तावेज तैयार किय़ा) करने का एक परिणाम किसानों के संगठन के रूप में आया।
  • संगठित किसानों का द्वेष केवल अंग्रेजों से नहीं था वरन भारतीय राजाओं, जमींदारों द्वारा वसूली गई उच्च कर प्रणाली भी थी जिससे वे केवल किसानों व मजदूरों का राज चाहते थे।

किसान आंदोलन के रूप में  विकसित ग्राम, जिला, सूबा आदि स्तर की किसान सभाएं, लखनऊ के स्थापना सम्मेलन में 11 अप्रैल 1936 को अखिल भारतीय किसान सभा के रूप में बदल गई। इस सम्मेलन की अध्यक्षता स्वामी सहजानंद सरस्वती ने की और प्रोफेसर एन जी रंगा इसके महासचिव चुने गए।

उद्देश्य- इस संगठन के उद्देश्य निम्नलिखित है-

  • जमींदारी प्रथा का उन्मूलन, खेतिहर मजदूर व गरीब किसानों को मुफ्त में भूमि का वितरण।
  • सूदखोर ऋणों का परिसमापन।
  • ग्रामीण जनता के जीवन स्तर, काम करने की स्थिति व सांस्कृतिक स्थिति में सुधार, कृषि और उद्योग का विस्तार। 
  • लोगों में शक्ति निहित करने के लिए राज्य संरचना का लोकतंत्रीकरण।
  • उपनिवेशवाद व नवउपनिवेशवाद के खिलाफ औऱ शांति के लिए संघर्ष।

स्रोत

RURAL VOICE

NEWS ON AIR

https://pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=1895477

https://www.indiabudget.gov.in/doc/hbh1.pdf

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