आत्मनिर्भर हस्तशिल्प योजना

आत्मनिर्भर हस्तशिल्प योजना

 

  • हाल ही में उत्तर पूर्वी क्षेत्र के कारीगरों के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के तहत ‘आत्मनिर्भर हस्तशिल्प योजना’ की घोषणा की गई है।

परिचय:

  • इस क्षेत्र में काम करने वाले छोटे पैमाने के हस्तशिल्पियों के विकास के उद्देश्य से स्थापना/विस्तार/आधुनिकीकरण/कार्यशील पूंजी की आवश्यकता और क्षेत्र से संबंधित अन्य गतिविधियों के लिए सावधि ऋण के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
  • योजना के शुभारंभ समारोह के दौरान कुल 17 हस्तशिल्पियों को प्रति कारीगर 1 लाख रुपये की ऋण सहायता प्रदान की गई है।
  • ऋण सुविधा संपार्श्विक-मुक्त है और 6% प्रति वर्ष की रियायती ब्याज दर पर उपलब्ध है। यह ऋण 24 महीनों में चुकाने योग्य हो जाता है।
  • नियमित चुकौती के लिए, ब्याज दर पर 1% का प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है, जो कारीगरों को ऋण के सफल पुनर्भुगतान पर वापस कर दिया जाएगा।
  • उत्तर पूर्वी विकास वित्त निगम लिमिटेड (NEDFi) द्वारा इसे शुरू किया गया है|

पात्रता:

  • पंजीकृत/अपंजीकृतकारीगर/व्यक्ति।
  • वैध योग्यता होना या किसी शिल्प का अभ्यास करना।
  • किसी अन्य बैंक/वित्तीय संस्थान से कोई मौजूदा ऋण नहीं है।
  • बैंक खाता।

 उत्तर पूर्वी विकास वित्त निगम लिमिटेड- (NEDFi):

  • NEDFi पूर्वोत्तर क्षेत्र में एक प्रमुख वित्तीय संस्थान है।
  • 1995 में अपनी स्थापना के बाद से यह महत्वपूर्ण 26 वर्षों से प्रचालन में है।
  • पिछले कुछ वर्षों में, निगम ने 7500 से अधिक परियोजनाओं को ऋण प्रदान किया है और पूर्वोत्तर भारत के आठ राज्यों में अपने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) गतिविधियों के माध्यम से कई विकास पहल की हैं।

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