आदिवासी समुदाय की प्रगति हेतु योजनाएं

आदिवासी समुदाय की प्रगति हेतु योजनाएं

आदिवासी समुदाय की प्रगति हेतु योजनाएं

संदर्भ- हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आदिवासी समुदाय के उत्सव में पहुँचे। उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदाय को मुख्य धारा में लाने का वर्तमान सरकार द्वारा प्रयास किया जा रहा है।

आदिवासी– 

  • आदिवासी का शाब्दिक अर्थ होता है मूल निवासी। भारत के प्राचीन लेखों में आदिवासियों के लिए अत्विका शब्द मिलता है।
  • आदिवासी शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग ठक्कर बाबा ने किया था।
  • महात्मा गांधी ने आदिवासियों को गिरिजन या जंगलों व पहाड़ों में रहने वाले भारत के मूल निवासी कहकर पुकारा था।
  • भारतीय संविधान की पाँचवी अनुसूची में अनुच्छेद 342 (1) के तहत आदिवासियों के लिए अनुसूचित जनजाति शब्द का प्रयोग किया गया है। संविधान में इन्हें अनुसूचित जातियों के साथ ही ‘अनुसूचित जाति व जनजाति’ के रूप में रखा गया है।
  • संविधान के अनुच्छेद 275(1) के तहत भारत सरकार, राज्यों को 100% सहायता अनुदान देती है। अब तक यह अनुदान भारत के 27 राज्यों (आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, मणिपुर, महाराष्ट्र, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, ओडिशा, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल) को प्रदान किया जाता है।

जनजातीय विकास के लिए प्रमुख योजनाएं

  • जनजाति क्षेत्रों में व्यावसायिक प्रशिक्षण योजना- 
  • इस योजना के तहत जनजातीय क्षेत्रों में पारंपरिक व आधुनिक व्यावसायों में आदिवासियों को पारंगत करने के लिए प्रशिक्षण दिया जाना।
  • इस योजना का लक्ष्य उपेक्षित जनजातियों का सामाजिक व आर्थिक उन्नयन करना था। यह योजना 2009 में लागू की गई थी।
  • राजीव गांधी राष्ट्रीय अध्येतावृत्ति योजना-
  • यह योजना 2005 में प्रारंभ की गई थी।
  • इसके तहत एम फिल व पीएचडी करने वाले 667 जनजातीय अध्येताओं को छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है।
  • विशेष रूप से कमजोर जनजातियों हेतु विकास परियोजनाएं- इसके अंतर्गत आवास, भूमि वितरण, कृषि विकास, ऊर्जा एवं जनश्री बीमा योजना के साथ सामाजिक सुरक्षा संबंधी योजनाएं लागू की गई हैं। (विशेष रूप से कमजोर जनजातियाँ विशेषकर अण्डमान व निकोबार में निवास करती हैं।)
  • जनजातीय उत्पादों के विकास व विपणन के लिए संस्थागत सहायता- इस योजना के तहत, राज्य जनजातीय विकास सहकारी निगमों (STDCCs) और भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ लिमिटेड (TRIFED) को सहायता अनुदान जारी किया जाता है, जो कि जनजातीय मामलों के मंत्रालय (MoTA) के तहत एक बहु-राज्य सहकारी संस्था है।

 योजनाओं का उद्देश्य विशिष्ट उपायों जैसे (i) बाजार हस्तक्षेप; (ii) आदिवासी कारीगरों, शिल्पकारों, लघु वन उपज (एमएफपी) संग्राहकों आदि का प्रशिक्षण और कौशल उन्नयन; (iii) अनुसंधान एवं विकास/आईपीआर गतिविधि; और (iv) आपूर्ति श्रृंखला अवसंरचना विकास द्वारा जनजातीयों की आजीविका को समर्थन देना है।

वर्तमान बजट में घोषित योजनाएं-

  • प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना- 
  • वर्तमान बजट 2023-24 में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना को लाया गया है।
  • देश की 140 से अधिक जनजाति विश्वकर्मा समुदाय के अंतर्गत आती है इनके शिल्प को देशभर में प्रसारित करना और पहचान दिलाना है।
  • इसके तहत पारंपरिक शिल्प हेतु प्रशिक्षण देना।
  • इसके तहत निर्मित उत्पादों को विदेशी बाजारों में पहुँचाया जाएगा।
  • प्रधानमंत्री पीवीटीजी विकास मिशन- 
  • ऐसे आदिवासी समुदाय हैं जिनकी आबादी घट रही है या स्थिर है, साक्षरता का निम्न स्तर है, प्रौद्योगिकी का पूर्व-कृषि स्तर है और आर्थिक रूप से पिछड़े हैं। 
  • बुनियादी सुविधाओं की संतृप्ति के माध्यम से विशेष रूप से कमजोर समूह की सामाजिक आर्थिक स्थिति में सुधार करना इसका लक्ष्य है।
  • सिकल सेल एनीमिया को समाप्त करने हेतु मिशन –
  • सिकल सेल एनीमिया एक अनुवांशिक स्थिति है जो लाल रक्त कोशिकाओं को विकृत और टूटने का कारण बनती है। 
  • जनजातियों में 86 जन्मे शिशुओं में से एक में यह रोग पाया जाता है। 
  • यह जागरूकता निर्माण, प्रभावित जनजातीय क्षेत्रों में 0-40 वर्ष की आयु के 7 करोड़ लोगों की सार्वभौमिक स्क्रीनिंग, और केंद्रीय मंत्रालयों और राज्य सरकारों के सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से परामर्श प्रदान करेगा।
  • एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय-
  • यह योजना क्षेत्रीय आदिवासियों की शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए प्रारंभ की गई थी।
  • इस योजना की शुरुआत 1997-98 में की गई थी।

स्रोत

इण्डियन एक्सप्रैस

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