एआई की संभावना और खतरे-

एआई की संभावना और खतरे-

GS-3/ विज्ञान और प्रौद्योगिकी

संदर्भ-

  • हाल के वर्षों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) एक परिवर्तनकारी घटना के रूप में उभरा है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में

प्रमुख बिंदु-

  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है पहला आर्टिफिशियल और दूसरा इंटेलिजेंस इसमें आर्टिफिशियल का मतलब होता है “इंसानों के द्वारा बनाया हुआ” और इंटेलिजेंस का अर्थ होता है “सोचने की शक्ति”।
  • सरलतम शब्दों में कहें तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का अर्थ है एक मशीन में सोचने-समझने और निर्णय लेने की क्षमता का विकास करना। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को कंप्यूटर साइंस का सबसे उन्नत रूप माना जाता है।
  • जॉन मैकार्थी के अनुसार, “यह बुद्धिमान मशीनों, विशेष रूप से बुद्धिमान कंप्यूटर प्रोग्राम बनाने का विज्ञान और इंजीनियरिंग है।”
  • यह डेटा पर काम करता है, और अगर हम अपनी मशीनों को प्रशिक्षित कर सकते हैं, तो यह प्रक्रियाओं को स्वचालित करके मिलीसेकंड में हमारे लिए चमत्कार कर सकता है।
  • एआई नए अवसर पैदा कर रहा है जो पारंपरिक तकनीक द्वारा प्राप्त नहीं किया जा सकता है।

प्रयोग:

सामाजिक लाभ:

  • एआई का उपयोग बड़े पैमाने पर सामाजिक रूप से लाभकारी उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है।
  • उदाहरण के लिए, एआई का उपयोग नए चिकित्सा उपचार विकसित करने, फसल की पैदावार में सुधार, अधिक कुशल परिवहन प्रणाली बनाने, अपराध दर को कम करने, शिक्षा में सुधार और पर्यावरण की रक्षा आदि के लिए किया जा रहा है।

बातचीत का माध्यम:

  • यह एक क्षमता है जो बोले गए शब्दों को लिखित शब्दों में बदलने के लिए प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण (एनएलपी) को नियोजित करती है। इसे स्वचालित वाक् पहचान (ASR), कंप्यूटर वाक् पहचान, या वाक्-से-पाठ के रूप में भी जाना जाता है।
  • कई मोबाइल डिवाइस आवाज खोज करने के लिए अपने सिस्टम में भाषण पहचान को शामिल करते हैं – उदाहरण के लिए सिरी-या एलेक्सा

कंप्यूटर दृष्टि:

  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की सहायता से, कंप्यूटर और अन्य प्रणालियां अब डिजिटल फोटो, मूवी और अन्य विजुअल इनपुट से उपयोगी जानकारी निकालने और तदनुसार कार्य करने में सक्षम हैं।
  • यह पिक्चर रिकग्निशन जॉब्स से इस मायने में अलग है कि यह सिफारिशें कर सकता है। कंप्यूटर दृष्टि, जो संवेदी तंत्रिका नेटवर्क का उपयोग करती है, का उपयोग मोटर वाहन क्षेत्र में स्व-ड्राइविंग कारों, स्वास्थ्य सेवा में रेडियोलॉजिकल इमेजिंग और सोशल मीडिया में फोटो टैगिंग के लिए किया जाता है।

ऑटोमोबाइल:

  •  स्व-ड्राइविंग वाहन अभी तक मानक नहीं हैं,जबकि कारें पहले से ही एआई-संचालित सुरक्षा कार्यों का उपयोग करती हैं। उदाहरण के लिए यूरोपीय संघ ने VI-DAS, स्वचालित सेंसर को निधि देने में मदद की है जो संभावित खतरनाक स्थितियों और दुर्घटनाओं का पता लगाते हैं। नेविगेशन काफी हद तक एआई संचालित है।

साइबर सुरक्षा:

  • एआई सिस्टम डेटा के निरंतर इनपुट के आधार पर साइबर हमलों और अन्य साइबर खतरों को पहचानने और लड़ने में मदद कर सकते हैं।

गलत सूचना :

  • कुछ एआई एप्लिकेशन सोशल मीडिया जानकारी को खनन करके नकली समाचा गलत सूचना का पता लगा सकते हैं, सनसनीखेज या खतरनाक शब्दों की तलाश कर सकते हैं और पहचान सकते हैं कि कौन से ऑनलाइन स्रोतों को आधिकारिक माना जाता है।

स्मार्ट घर, शहर और बुनियादी ढांचा:

  • स्मार्ट शहरों के डेवलपर्स कनेक्टिविटी में सुधार और ट्रैफिक जाम को कम करने के लिए यातायात को विनियमित करने की उम्मीद करते हैं।

परिवहन:

  • AI रेल यातायात की सुरक्षा, दक्षता और गति को स्वचालित तरीके से बढ़ा और घटा सकते हैं, टायर घर्षण को कम करके, गति बढ़ाकर और स्वायत्त ड्राइविंग को सक्षम करके टेस्ला वाहनों में AI का उपयोग किया जाता है।

कृषि:

  • कृषि में एआई अनुप्रयोगों ने ऐसे अनुप्रयोग और उपकरण विकसित किए हैं जो किसानों को जल प्रबंधन, फसल रोटेशन, समय पर कटाई, उगाई जाने वाली फसल के प्रकार, इष्टतम रोपण, कीट नियंत्रण आदि के बारे में उचित मार्गदर्शन प्रदान करके नियंत्रित खेती में मदद करते हैं।
  • यह किसानों को कीटों और बैक्टीरिया की पहचान करने में मदद करता है जिससे किसानों को आवश्यक कार्रवाई करने के लिए समय पर कीट नियंत्रण और अन्य तरीकों का उपयोग करने में मदद मिलती है।

स्वास्थ्य:

  • इसका उपयोग कोविड-19 सहित विभिन्न बीमारियों के लिए नैदानिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है, और दूरदराज के क्षेत्रों में बहुत प्रभावी साबित हो सकता है जहां पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं।

कोविड-19 के खिलाफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस:

  • कोविद -19 के मामले में, एआई का उपयोग हवाई अड्डों और अन्य जगहों पर थर्मल इमेजिंग में किया गया है।
  • चिकित्सा में यह कम्प्यूटरीकृत टोमोग्राफी फेफड़ों के स्कैन से संक्रमण को पहचानने में मदद कर सकता है। इसका उपयोग बीमारी के प्रसार को ट्रैक करने के लिए डेटा प्रदान करने के लिए भी किया गया है।

चुनौती-

अज्ञात चुनौती और भय:-

  • इस संतुलन को प्राप्त करने में सबसे बड़ी चुनौती यह है कि कोई भी निश्चित रूप से नहीं जानता कि एआई के साथ आगे क्या होने वाला है।

गलत जानकारी फैलने का रिस्क-

  • AI चैटबॉट काफी कम समय में आपको किसी टॉपिक के बारे में लंबी चौड़ी डिटेल बता देते हैं. इंसानों के मुकाबले इस काम में एआई की स्पीड बहुत तेज होती है।
  • AI का ये फीचर दुनियाभर में चल रही फेक न्यूज, गलत जानकारी जैसे मामलों में खतरनाक हो सकता है।
  • हैकर्स इसका फायदा उठाकर गलत जानकारी फैला सकते हैं इसका सबसे ज्यादा बुरा असर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर पड़ेगा।

AI से बढ़ेगी बेरोजगारी-

  • एआई की वजह से जो अगली समस्या आएगी, वो है बेरोजगारी. कई कंपनियों में स्मार्ट वर्क के लिए AI का इस्तेमाल शुरू हो चुका है।
  • इसके नतीजन कंपनियां बड़े पैमाने पर छंटनियां कर सकती हैं. फिलहाल डेटा एंट्री, बुक-कीपर, ट्रांसलेटर, कस्टमर केयर, कॉपी राइटिंग और सोशल मीडिया मैनेजर्स की नौकरियों पर सबसे ज्यादा खतरा है।
  • एक रिपोर्ट के मुताबिक AI लगभग 300 मिलियन लोगों की नौकरी हड़प सकता है।
  • इसके अलावा कुछ AI प्लेटफॉर्म फोटो और वीडियो भी जनरेट सकते हैं।
  • फेक न्यूज फैलाने के लिए इनका काफी शातिर तरीके से इस्तेमाल हो सकता है।

सिक्योरिटी का डर-

  • एआई इंसानों की सिक्योरिटी के बारे में खुद समझेगा और इसे कंट्रोल करने के तरीके भी खुद ही ढूंढेगा. AI पर इस कदर निर्भर होना भी मुश्किलें ला सकता है।
  • बता दें सिक्योरिटी के डर की वजह से इटली ने ChatGPT को बैन कर दिया है. इसके बाद अब जर्मनी भी AI चैटबॉट को बैन करने की तैयारी में है।

प्राइवेसी का खतरा-

  • कुछ दिनों पहले AI की बग के कारण ChatGPT की सर्च हिस्ट्री लीक हो गई थी. इस तरह का खतरा आगे भी बना रहेगा।
  • कंपनियों के पास यूजर्स का ढेर सारा डेटा होता है ऐसे में AI यूजर्स के पैटर्न को कॉपी करने और विज्ञापनों के लिए डेटा का गलत इस्तेमाल करके उनका नकली प्रोफाइल भी बना सकता है।

नियमों की कमी:-

  • यह स्पष्ट है कि एआई प्रभुत्व के लिए एक वैश्विक दौड़ है। दुनिया भर के राष्ट्र एआई अनुसंधान, विकास और तैनाती में भारी निवेश कर रहे हैं।
  • अनियमित एआई सामाजिक असमानताओं को भी गहरा कर सकता है, इसके अलावा गोपनीयता और नागरिक स्वतंत्रता के लिए खतरा पैदा कर सकता है।

सुझाव-

एक अंतरराष्ट्रीय मानक स्थापित करना:

  • एक असुरक्षित भविष्य को रोकने और एक सहयोगी दृष्टिकोण सुनिश्चित करने के लिए, एआई विकास और उपयोग के लिए अंतर्राष्ट्रीय समझौतों और मानकों का होना आवश्यक है।

नियमों में सामूहिक भागीदारी:

  • इस तकनीक की शक्ति को देखते हुए विनियमों को पूरी तरह से उद्योग के हाथों में नहीं छोड़ा जा सकता है। इसके राजस्व मॉडल डेटा संग्रह से निकटता से जुड़े हुए हैं।
  • सरकारों, उद्योग के नेताओं और शिक्षाविदों को पारदर्शी दिशानिर्देशों, नैतिक ढांचे और नियामक संरचनाओं को विकसित करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।

नियम:

  • इन नियमों में डेटा गोपनीयता, एल्गोरिथम पारदर्शिता, जवाबदेही और एआई सिस्टम के लिए सुरक्षा मानकों जैसे क्षेत्रों को शामिल किया जाना चाहिए।
  • इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि नियम नवाचार को दबाते नहीं हैं, बल्कि यह सुनिश्चित करते हैं कि इसका विकास नैतिकता और व्यक्तिगत अधिकारों के साथ संरेखित है।

आगे का रास्ता-

  • इस तरह की टेक्नोलॉजी के संभावित खतरों को ध्यान में रख कर नियम- कानूनों की जरूरत महसूस होती है।
  • वर्तमान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल के तो कई तरीके मौजूद हैं, लेकिन इन्हें किस हद तक इस्तेमाल में लाया जाना चाहिए, इसके लिए नियम-कानूनों का अभाव है।
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित टेक्नोलॉजी की खूबियों के साथ इसका इस्तेमाल बहुत से सेक्टर की बड़ी परेशानियों का समाधान खोज सकता है।

 

 

 

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